कर्नाटक सरकार ने Ola और Uber पर की कार्रवाई, अवैध आटोरिक्शा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से रोकने का दिया निर्देश
कर्नाटक सरकार ने कई यात्रियों के द्वारा ओला (Ola) और उबर (Uber) जैसे ऐप के तहत संचालित होने वाले आटोरिक्शा के शिकायत के बाद ऐप आधारित कैब एग्रीगेटर्स कंपनियों को शहर में अपनी अवैध ऑटोरिक्शा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है।
बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक सरकार ने कई यात्रियों के द्वारा ओला (Ola) और उबर (Uber) जैसे ऐप के तहत संचालित होने वाले आटोरिक्शा के शिकायत के बाद ऐप आधारित कैब एग्रीगेटर्स कंपनियों को शहर में अपनी अवैध ऑटोरिक्शा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि कई यात्रियों ने ओवरचार्जिंग की शिकायत की थी, जिसके बाद सरकार ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की है।
सड़क परिवहन विभाग ने जारी किया नोटिस
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण ने गुरुवार को कंपनियों को एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया है कि कैब एग्रीगेटर्स को कर्नाटक आन डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स नियम-2016 के तहत इंटरनेट आधारित एप्लिकेशन टैक्सी सेवाओं को चलाने की अनुमति दी गई है। नोटिस में नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस नियम के तहत केवल टैक्सी सेवाएं ही प्रदान की जा सकती हैं। टैक्सी का मतलब एक मोटर कैब है जिसमें सार्वजनिक सेवा परमिट वाले चालक को छोड़कर छह यात्रियों से अधिक सवारी की बैठने की क्षमता नहीं होनी चाहिए।
ओवरचार्जिंग की शिकायत का दिया हवाला
विभाग ने अपने आदेश में आगे कहा, 'संज्ञान में आया है कि कुछ एग्रीगेटर सड़क परिवहन के नियमों को ताक पर रखकर आटोरिक्शा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। विभाग को यह भी पता चला है कि ग्राहकों से सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक शुल्क लिया जा रहा है।' कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण ने इस आदेश में आगे कहा कि इन सभी शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए आपको सूचित किया जाता है कि आटोरिक्शा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।'
दर्ज कराई गई थी शिकायत
ओला-उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तनवीर पाशा ने कहा कि एग्रीगेटर लाइसेंस आटोरिक्शा के लिए नहीं था, यह सिर्फ मोटर कैब के लिए था। उन्होंने भी आरोप लगाया कि कैब एग्रीगेटर यात्रियों से तय किराया से ज्यादा वसूल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि एसोसिएशन ने इस संबंध में एक साल पहले परिवहन विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि परिवहन विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं किया।
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