Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'जयराम रमेश थे मंत्री... तब मनरेगा में थी लूट,' गिरिराज सिंह ने कहा- भ्रष्टाचार की पक्षधर कांग्रेस दे रही गलत आंकड़े

    Updated: Tue, 02 Jan 2024 08:36 PM (IST)

    केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर करारा पलटवार करते हुए आंकड़ों के साथ आईना दिखाते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि जयराम रमेश जब ग्रामीण विकास मंत्री थे तब मनरेगा में लूट मची थी। यह राजीव गांधी का समय नहीं कि एक रुपये में से 15 पैसा नीचे तक पहुंचे। मोदी सरकार पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है।

    Hero Image
    केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी योजना (मनरेगा) में आधार बेस्ड पेमेंट ब्रिज सिस्टम (एपीबीएस) को अनिवार्य किए जाने के विरुद्ध कांग्रेस की टिप्पणी पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने करारा पलटवार किया है।

    आंकड़ों के साथ आईना दिखाते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि जयराम रमेश जब ग्रामीण विकास मंत्री थे, तब मनरेगा में लूट मची थी। यह राजीव गांधी का समय नहीं कि एक रुपये में से 15 पैसा नीचे तक पहुंचे। मोदी सरकार पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दावा किया कि एपीबीएस की अनिवार्यता से कोई भी मजदूर काम मांगने से वंचित नहीं होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'मल्लिकार्जुन खरगे भी मनरेगा को लेकर समय-समय पर भ्रम फैलाते हैं'

    मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के साथ ही अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मनरेगा को लेकर समय-समय पर भ्रम फैलाते रहते हैं। अभी हाल में ही उन्होंने गलत आंकड़े जारी किए हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि अब ज्यादा मजदूरों को काम दिया जा रहा है। 2006-07 से 2013-14 तक कांग्रेस शासनकाल में मनरेगा के तहत 1660 करोड़ श्रम दिवस सृजित किए गए, जबकि भाजपा शासनकाल में 2014-15 से 2023-24 तक (29 दिसंबर 2023 तक) 2688 करोड़ श्रम दिवस सृजित किए जा चुके हैं। कांग्रेस के समय 213220 करोड़ रुपये केंद्रीय निधि जारी की गई, जबकि भाजपा सरकार में 674790 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

    98.31 प्रतिशत मनरेगा खातों की हुई आधार सीडिंग

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के समय में मजदूरी का पैसा पहले बैंक में जाता था, फिर प्रधान के माध्यम से मजदूरों को दिया जाता था। जयराम रमेश जब मंत्री थे, तब इस योजना में लूट मची थी। मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार खत्म कर पारदर्शिता लाने के लिए एपीबीएस को लागू किया। उन्होंने दावा किया कि 98.31 प्रतिशत मनरेगा खातों की आधार सीडिंग हो चुकी है, जिनमें से 97.74 प्रतिशत का सत्यापन भी हो चुका है। एक जनवरी, 2024 से एपीबीएस के अनिवार्य करने से सीडिंग वंचित मजदूरों के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि तकनीकी समस्याओं के समाधान का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया गया है।

    रास्ते अभी भी बंद नहीं हैं। राज्यों से बात की जा रही है, आंकड़ा शत-प्रतिशत आधार सीडिंग की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों के खाते आधार से नहीं जुड़े होंगे, उन्हें भी काम देने से मना नहीं किया जाएगा। हां, इसके लिए राज्यों का उत्तरदायित्व जरूर तय किया जाएगा।

    यह भी पढ़ें- अमित शाह ने की जम्मू-कश्मीर पर उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता, पुलिस, सेना और CAPF के बेहतर समन्वय का भी लिया जायजा

    यह भी पढ़ें- Woman Employee: सरकार ने महिला कर्मचारियों की पेंशन को लेकर लिया बड़ा फैसला, वैवाहिक कलह के मामलों में ले सकती हैं यह निर्णय