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    जानें क्या है किम जोंग का 'प्लेजर स्क्वॉड' जो लड़कियों की जिंदगी बना देता है नरक

    By Digpal SinghEdited By:
    Updated: Wed, 03 Jan 2018 06:18 AM (IST)

    ऐसा नहीं है कि तानाशाह के प्लेजर स्क्वॉड में शामिल होने की एकमात्र योग्यता लड़की का खूबसूरत होना हो। लड़कियों के कौमार्य की भी जांच होती है।

    जानें क्या है किम जोंग का 'प्लेजर स्क्वॉड' जो लड़कियों की जिंदगी बना देता है नरक

    नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। उत्तर कोरिया और उसके तानाशाह किम जोंग उन के बारे में बाहरी दुनिया में बहुत ही कम खबरें आती हैं। क्रूर तानाशाह और इस देश के बारे में अगर कुछ खबरें बाहर आती भी हैं तो वे ज्यादातर उसके मिसाइल और परमाणु परीक्षण से संबंधित होती हैं। वहां लोगों की जिंदगी कैसी है और तानाशाह उन पर कैसे-कैसे जुल्म ढाता है इस बारे में खबरें न के बराबर ही दुनिया तक पहुंचती हैं। लेकिन जो खबरें वहां से लीक होकर बाहर आती हैं वे बेहद चिंतनीय हैं। ये खबरें अंदर तक झकझोर देती हैं और किम जोंग से नफरत करने की वजह भी देती हैं।

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    तानाशाह का प्लेजर स्क्वॉड

    उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल के समय उसका एक सीक्रेट 'प्लेजर स्क्वॉड' था। इसमें स्कूल की लड़कियों को शामिल किया जाता था। 13 साल की खूबसूरत नाबालिग लड़कियों को सैनिक स्कूलों से ही उठाकर ले जाते थे। इसके तहत उन्हें उत्तर कोरिया की सेना में शामिल किए जाने का आडंबर रचा जाता था। यहां इन्हें गिप्पेमजो कहा जाता है।

     

     

    क्या है गिप्पेमजो

    गिप्पेमजो, उत्तर कोरिया के तानाशाह के लिए करीब 2000 महिलाओं और लड़कियों का वह ग्रुप होता है, जिसे तानाशाह के लिए हर समय तैयार रखा जाता था। इसी ग्रुप को तानाशाह का प्लेजर स्क्वॉड भी कहा जाता था। इस स्क्वॉड की महिलाओं और लड़कियों की जिम्मेदारी तानाशाह को खुश करने की होती थी। इसमें उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने से लेकर अन्य तरीकों से उसका मनोरंजन करने तक काफी कुछ शामिल होता था। तानाशाह और उसके परिवार के लिए तो यह लड़कियां हर समय तैयार रहती ही थीं, कई बार मेहमानों के सामने भी उन्हें इस अनैतिक कार्य के लिए पेश कर दिया जाता था।

     

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    प्लेजर स्क्वॉड में कौन लड़की होती थीं शामिल?

    ऐसा नहीं है कि तानाशाह के प्लेजर स्क्वॉड में शामिल होने की एकमात्र योग्यता लड़की का खूबसूरत होना हो। चुनी गई लड़की की मेडिकल हिस्ट्री को बारीकी से परखा जाता था। समय-समय पर उसकी स्वास्थ्य जांच होती थी और खासतौर पर परखा जाता था कि लड़की का कौमार्य भंग हुआ है या नहीं। जिन लड़कियों का कौमार्य भंग होता था उन्हें प्लेजर स्क्वॉड में शामिल नहीं किया जाता। 

     

     

    अलग-अलग समय पर इस नारकीय कैद से फरार होकर जिंदा बच गई लड़कियों ने एक जैसी कहानी बतायी है। एक महिला ने साल 2010 में बताया था कि जब वह सिर्फ 15 साल की थी, तब उसे उसके स्कूल से उठा लिया गया था। सैनिकों ने उससे यह भी पूछा था कि क्या उसने कभी किसी लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं? उस महिला ने बताया कि वह करीब 10 साल तक उस नरक में रही, इस दौरान उसे किम जोंग इल ने कभी भी शारीरिक संबंध बनाने के लिए नहीं बुलाया। लेकिन उसका मानना था कि अगर वह वहां से फरार नहीं हुई होती और कुछ और समय वहां रहती तो उसे जरूर बुला लिया गया होता।

     

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    महिलाओं के लिए नर्क है उत्तर कोरिया

    सालों से एक परिवार की तानाशाही में जी रहे उत्तर कोरिया में महिलाओं की जिंदगी किसी नर्क से कम नहीं है। उत्तर कोरिया से फरार हुई एक पूर्व महिला सैनिक ने बताया कि जब वह 17 साल की थी तब वहां की सेना में शामिल हो गई थी। उसने बताया कि उत्तर कोरियाई सेना के वरिष्ठ अधिकारी महिला सैनिकों के साथ बार-बार बलात्कार करते हैं। 

     

     

    महिलाओं का मासिक धर्म तक रोक दिया जाता है

    उन्होंने बताया कि उत्तर कोरिया में महिलाओं के साथ ज्यादती की हदें पार होती हैं। यहां महिला सैनिकों के लिए जिंदगी बहुत खराब है। कुपोषण के कारण यहां महिलाओं का मासिक धर्म रुक जाता है। 6 महीने से 1 साल के काम के बाद ही उत्तर कोरिया में महिलाओं का मासिक धर्म रुक जाता है और यह कुपोषण और तनावपूर्ण माहौल के कारण होता है। दुखद बात तो यह है कि महिला सैनिकों को इस बात पर गर्व महसूस कराया जाता है कि उन्हें मासिक धर्म नहीं होता।

     

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    सैनिट्री नैपकिन की कमी

    महिला ने बताया कि यहां कि महिला सैनिक इस बात से खुश होती हैं कि उन्हें मासिक धर्म नहीं होता। अगर होता तो हालात और खराब हो जाते। उन्होंने बताया कि यहां महिला सैनिकों को सैनिट्री टॉवेल को बार-बार धोकर फिर से इस्तेमाल करे के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने बताया कि 1992 से 2001 के बीच जब वह सेना में थी उनके साथ तो दुष्कर्म नहीं हुआ लेकिन वहां बहुत सी महिला सैनिक थी, जिन्हें यह दर्द भी झेलना पड़ा।

     

     

    जैसा बाप, वैसा बेटा

    माना जाता है कि साल 2011 में सत्ता पर आसीन होने के बाद किम जोंग उन ने अपने पिता के प्लेजर स्क्वॉड को भंग कर दिया था। उन की शादी सिंगर रि सोल जू से हुई है उसकी एक बेटी भी है। कहा जाता है कि उसने अपने पिता की उस परंपरा को फिर से जीवित कर दिया है। अंतर बस इतना है कि अब वह लंबी और खूबसूरत जवान लड़कियों को इसमें शामिल करता है। इन लड़कियों को पैंग्योंग स्थित कोर्यो होटेल के सेंटरपीस में रखा जाता है। 

     

     

    चूहे खाने को मजबूर जनता, मौज में तानाशाह

    कहा जाता है कि किम जोंग उन के पास कुल 17 महल हैं, जिनमें से राजधानी प्योंगयोंग स्थित एक विशाल कॉम्प्लेक्स भी शामिल है। इस कॉम्प्लेक्स के चारों तरफ तार की बाड़ लगाई गई है। यहां बंकर भी बनाए गए हैं और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें भी यहां लगाई गई हैं। पिछले साल उत्तर कोरिया के एक लेबर कैंप से भागने में सफल रही महिला ने बताया कि कैसे उसे नंगे हाथों से टॉयलेट साफ करने पर मजबूर किया जाता था। यही नहीं उस महिला ने उत्तर कोरिया की गरीबी की ओर इशारा करते हुए बताया कि लोग वहां जीवित बचे रहने के लिए चूहे खाने को मजबूर हैं। अब तो वहां चूहे, सांप और जंगली पौंधे तक खाने को नहीं बचे हैं। उन्होंने उत्तर कोरिया को एक बड़ी जेल करार दिया।

     

     

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