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    EXCLUSIVE: किम के चलते चीनी बूढ़ों से ब्याहने को मजबूर उत्तर कोरियाई लड़कियां

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Wed, 06 Dec 2017 11:35 AM (IST)

    दक्षिण कोरिया भाग कर आये उत्तर कोरियाई शरणार्थियों से दैनिक जागरण ने की बात की। शरणार्थियों का कहना है कि वो कष्टपूर्ण जिंदगी से छुटकारा पाना चाहते हैं।

    EXCLUSIVE: किम के चलते चीनी बूढ़ों से ब्याहने को मजबूर उत्तर कोरियाई लड़कियां

    दक्षिण कोरिया से लौटकर [जयप्रकाश रंजन  ]। इतिहास गवाह है कि एक तानाशाह कभी आम जनता के हितों की परवाह नहीं करता। उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग-उन इसका ताजा उदाहरण है। एक तरफ से वह अरबों डॉलर की राशि घातक हथियारों को बनाने में खर्च कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ इस देश की अंदरुनी हालात दिनों दिन खराब होती जा रही है। आम जनता की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैैं। हालात यह है कि उत्तर कोरिया की लड़कियां जान जोखिम में डाल कर पड़ोसी मुल्क चीन भाग रही हैं, जहां उनकी शादी ग्रामीण इलाकों के बेरोजगार युवकों या बूढ़ों से कराने का कारोबार फल फूल रहा है। दैनिक जागरण के इस संवाददाता ने उत्तर कोरिया से भाग कर दक्षिण कोरिया आये ऐसे कई शरणार्थियों से बात की और उनसे जो जानकारी मिली है वह मानवता को शर्मशार करने वाली है।

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    नहीं नसीब हो रही किमची
    उत्तर कोरिया की आम जनता के पास राजनीतिक और धार्मिक अधिकार पहले भी नहीं थे लेकिन अब आबादी के बड़े हिस्से के पास दो जून की किमची (कोरियाई पारंपरिक खाना) भी नसीब नहीं हो रही है। भ्रष्टाचार पूरी तरह से चरम पर है। कहने को तो वहां स्कूली व उच्च शिक्षा फ्री में सरकार की तरफ से दी जाती है लेकिन हकीकत यह है कि वहां उच्च शिक्षा के संस्थानों में एडमिशन के लिए भारी भरकम घूस देने की जरुरत पड़ती है। यही नहीं स्कूलों के शिक्षक एक तरह से सरकार व पुलिस प्रशासन के लिए जासूस का काम करते हैैं। उत्तर कोरिया में 16 वर्ष तक रहने के बाद वहां से भाग कर अब सियोल में कालेज की पढ़ाई करने वाले एक छात्र (अनुरोध पर नाम नहीं दिया जा रहा है क्योंकि दुनिया भर में इस तरह के लोगोंं से जुड़ी सूचनाओं पर उत्तर कोरिया नजर रखता है ताकि उनके परिवार को सजा दी जा सके) ने दैनिक जागरण को बताया कि स्कूल के शिक्षक छोटे बच्चों से पूछते है कि उनके घर में पूजा होती है या नहीं। कई बार बच्चे मासूमियत में घर के धार्मिक माहौल की जानकारी दे देते है। शिक्षक इस सूचना को तुरंत ही अधिकारियों को दे देता है और कुछ ही घंटों में उस बच्चे के परिवार के लोग सलाखों के पीछे होते हैं। उसके बाद उनका मानसिक परीक्षण किया जाता है और सजा सुनाई जाती है।

    उत्तर कोरिया में महिलाओं की हालत सबसे खराब

    सबसे खराब हालत महिलाओं की है। दक्षिण कोरिया के एक कालेज में शिक्षा हासिल करने वाली एक उत्तर कोरियाई लड़की ने बताया कि पुरुषों को सेना में या फैक्ट्री वगैरह में काम करने का मौका मिलता है लेकिन महिलाओं के सामने सबसे ज्यादा परेशानी होती है। सरकार, पुुलिस और जासूस विभाग के लोग अलग अलग स्तर पर महिलाओं की निगरानी करते हैैं। यही वजह है कि वहां से दूसरे देश में भागने वाले उत्तर कोरियाई नागरिकों में 70 फीसद महिलाएं होती हैैं। हालात का फायदा उठाने के लिए कई गिरोह सक्रिय हैं जो उत्तर कोरिया की गरीब लड़कियों की शादी चीन के बूढ़ों या ग्रामीण चीन के युवाओं से करवा कर रहे हैं। ग्रामीण चीन की स्थिति बेहद खराब है और वहां शादी योग्य लड़कियों की कमी है। उत्तर कोरिया के कष्टपूर्ण जिंदगी से बाहर आने के लिए वहां की लड़कियां यह काम भी कर रही हैैं। सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि लाओस, विएतनाम और थाईलैंड भी इन लड़कियों को पहुंचाया जा रहा है।

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    जोखिम में जान

    दक्षिण कोरिया सरकार के पास जो आंकड़े हैं वह बताते हैं कि पिछले दस वर्षों में उत्तर कोरिया से भाग कर यहां आने वाले शरणार्थियों की संख्या 30 हजार को पार कर चुकी है। पिछले तीन-चार वर्षों में हर वर्ष यहां आने वाले शरणार्थियों की संख्या में कमी आई है। लेकिन यह इसलिए नहीं हुआ है कि वहां हालात सुधर रहे हैं बल्कि सैनिक तानाशाह ने चीन से लेकर दक्षिण कोरिया तक की सीमा पर बड़ी संख्या में बारुदी सुरंगे बिछा दी हैं। साथ ही सीमा पर तार के बड़े बड़े जाल बिछाये जा रहे हैं। सीमा पार करने की कोशिश में पकड़े जाने वालों के सभी परिवार को बेहद कठोर सजा दी जा रही है। इसके बावजूद वर्ष 2016 में 1418 लोगों ने जान जोखिम में डाल कर और कई बार गोलियां के बौछारों के बीच गोलियां खाते हुए दक्षिण कोरिया की सीमा में घुसने में कामयाब रहे हैं।
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