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    ISRO की एक और बड़ी सफलता, फ्यूल सेल फ्लाइट का किया सफल परीक्षण

    भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल इसरो ने शुक्रवार को फ्यूल सेल फ्लाइट का सफल परीक्षण किया है। इसरो ने शुक्रवार को कहा कि उसने अंतरिक्ष में इसके संचालन का आकलन करने और भविष्य के मिशनों के लिए सिस्टम के डिजाइन की सुविधा के लिए डेटा इकट्ठा करने के लिए ईंधन सेल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है।

    By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Fri, 05 Jan 2024 12:12 PM (IST)
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    इसरो को मिली बड़ी सफलता (फाइल फोटो)

    पीटीआई, बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, इसरो ने शुक्रवार को फ्यूल सेल फ्लाइट का सफल परीक्षण किया है। इसरो ने शुक्रवार को कहा कि उसने अंतरिक्ष में इसके संचालन का आकलन करने और भविष्य के मिशनों के लिए सिस्टम के डिजाइन की सुविधा के लिए डेटा इकट्ठा करने के लिए ईंधन सेल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है।

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    इस तकनीक की मदद से ईंधन रिचार्ज किया जा सकता है और इससे कोई उत्सर्जन भी नहीं होता। अंतरिक्ष में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और पीने के पानी के लिए यह तकनीक सबसे बेहतरीन माना जा रहा है।

    हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की मदद से बनाई ऊर्जा

    भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को अंतरिक्ष में 100 वॉट श्रेणी के पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेंब्रेन फ्यूल सेल पर आधारित पावर सिस्टम (FCPS) का सफल परीक्षण किया है। इसरो ने बीते 1 जनवरी को पीएसएलवी-सी58 मिशन के साथ POEM को भी लॉन्च किया था। इस परीक्षण के दौरान हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस की मदद से हाई प्रेशर वेसल में 180 वॉट ऊर्जा उत्पन्न की गई है।

    हार्डवेयर लागत और निर्माण लागत को करेगा कम

    इसरो ने बताया कि फ्यूल सेल तकनीक की मदद से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस से एनर्जी पैदा की गई। साथ ही, इससे पीने का पानी मिला और कोई उत्सर्जन भी नहीं हुआ। यह सेल लागत प्रभावी हार्डवेयर का भी उपयोग करता है, जो आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

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    यह एक क्रिम्प्ड सीलिंग पर आधारित डिजाइन है, जो हार्डवेयर लागत और निर्माण लागत को भी काफी कम कर देता है। इस तकनीक का वाहनों में भी बैट्री की जगह इस्तेमाल करने के बारे में सोचा जा सकता है।

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