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    2026 के आखिरी तक लॉन्च हो सकता गगनयान मिशन, पहले भेजा जाएगा रोबोट, बाद में अंतरिक्ष यात्री होंगे रवाना

    Updated: Mon, 02 Dec 2024 09:57 PM (IST)

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गगनयान मिशन की तैयारी में जोर-शोर से जुटा है। संगठन का लक्ष्य है कि 2026 के आखिरी तक मानवयुक्त मिशन को लॉन्च कर दिया जाए। मगर उससे पहले तीन परीक्षण उड़ान भी इसरो करेगा। इनके सफल होने पर ही मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा। गगनयान मिशन के रॉकेट तैयार हो चुके हैं। अगले साल पहली परीक्षण उड़ान होगी।

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    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत 2026 के अंत तक अपना गगनयान मिशन लॉन्च करेगा। सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने यह बात आईआईटी गुवाहटी में कही। उन्होंने कहा कि मिशन की पहली मानवरहित उड़ान अगले साल की शुरुआत में होने की उम्मीद है। इसके सफल होने पर 2016 के अंत तक मानव मिशन को लॉन्च किया जाएगा।

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    आईआईटी गुवाहाटी में आयोजित भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2024 में 20,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। स्टूडेंट साइंस इंटरएक्टिव प्रोग्राम में इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने 4,500 छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने छात्रों से विज्ञान और तकनीकि के क्षेत्र में करियर बनाने की अपील की।

    गगनयान के रॉकेट तैयार

    इसरो अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा कि हम पिछले 4 वर्षों से गगनयान मिशन में जुटे हैं। रॉकेट पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। पहली मानवरहित उड़ान अगले साल की शुरुआत में लॉन्च होगी। उन्होंने कहा कि पहले इसे हम दिसंबर में लॉन्च करना चाहते हैं। मगर तकनीकी वजह से इसे थोड़ा आगे बढ़ा दिया गया है।

    मानव मिशन से पहले तीन परीक्षण

    इसरो अध्यक्ष के मुताबिक 2026 में मानवयुक्त उड़ान से पहले तीन परीक्षण किए जाएंगे। पहली टेस्ट में व्योममित्र नाम के रोबोट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह परीक्षण अगले साल की शुरुआत में होगा। इसके बाद दो और परीक्षण किए जाएंगे। तीनों परीक्षण के सफल होने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा।

    क्या है गगनयान मिशन?

    अगले दो वर्षों में गगनयान मिशन की लॉन्चिंग की तैयारी में इसरो जुटा है। गगनयान का मानव मिशन तीन दिवसीय होगा। पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना और बाद में उनकी सुरक्षित लैंडिंग मिशन का मुख्य उद्देश्य है। अभी तक दुनिया के सिर्फ तीन देश ही ऐसा कर पाए हैं। अगर यह मिशन सफल होता है तो भारत भी इस सूची में शामिल हो जाएगा।

    शुक्रयान मिशन को मिली हरी झंडी

    भारत सरकार ने शुक्रयान मिशन को भी मंजूरी दे दी है। यह मिशन 2028 में लॉन्च किया जाएगा। भारत सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। 2035 तक भारत का खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा। इसमें कुल पांच मॉड्यूल होंगे। 2028 में पहले मॉड्यूल को लॉन्च किया जाएगा।

    चंद्रयान-4 की तैयारी में भारत

    उधर, भारत चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी में जुटा है। इस मिशन में जापान भी भारत के साथ आ सकता है। चंद्रमा से मिट्टी के नमूनों को वापस लाना ही मिशन का सबसे अहम लक्ष्य है। चंद्रयान-4 के रोवर का वजन 350 किलो होगा।

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