घने कोहरे से उड़ानें प्रभावित, सरकार ने कहा- 3 घंटे से अधिक देरी पर रद करें फ्लाइट; यात्रियों को 90 मिनट से ज्यादा न बिठाएं
उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में कोहरा घना होने से इस क्षेत्र में विमान सेवाएं भी प्रभावित होनी शुरू हो गई हैं। ऐसे में नागरिक विमानन मंत्रालय ने कोई भी नया कदम उठाए जाने के संकेत तो नहीं दिए हैं लेकिन विमानन कंपनियों को याद दिलाया गया है कि ग्राहकों को समय पर विमान रद होने की सूचना दें और तीन घंटे से ज्यादा विलंब हो तो रद करें।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में कोहरा घना होने से इस क्षेत्र में विमान सेवाएं भी प्रभावित होनी शुरू हो गई हैं। ऐसे में नागरिक विमानन मंत्रालय ने कोई भी नया कदम उठाए जाने के संकेत तो नहीं दिए हैं, लेकिन विमानन कंपनियों को याद दिलाया गया है कि ग्राहकों को समय पर विमान रद होने की सूचना दें और तीन घंटे से ज्यादा विलंब हो तो रद करें। विलंब हो रहे विमान में यात्रियों को 90 मिनट से ज्यादा देर तक नहीं बिठाने का निर्देश खास तौर पर दिया गया है।
वैसे यह सवाल अहम है कि तीन घंटे पहले उड़ान रद करने से यात्रियों को कैसे सुविधा होगी, क्योंकि यात्री काफी वक्त पहले घर से निकल पड़ता है। विमानन कंपनियों को वैकल्पिक व्यवस्था करने को भी नहीं कहा गया है। अधिकारियों का कहना है कि इन निर्देशों से कोहरे से विलंब होने की मूल समस्या का समाधान तो नहीं होगा, लेकिन यात्रियों को समय रहते जानकारी मिलने से उनकी समस्या कम जरूर हो सकती है।
तीन घंटे पहले रद करना सही नहीं
अधिकारियों का मानना है कि किसी भी उड़ान को तीन घंटे से पहले रद करना सही नहीं रहता है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि कोहरा दो-तीन घंटे में छंट जाता है और उड़ानों को चालू करना आसान हो जाता है। साथ ही पूरे उड्डयन क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का भी ख्याल रखना पड़ता है।
कोहरे की समस्या पर चल रहा मंथन
नागरिक विमानन मंत्रालय का कहना है कि कोहरे की समस्या से उड़ान सेवाओं के प्रभावित होने की घटनाओं को कम से कम करने के लिए पिछले दो महीनों से संबंधित विभागों से विचार-विमर्श चल रहा है। इस विचार-विमर्श में नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), एयरपोर्ट प्राधिकरण (एएआई), मौसम विभाग (आईएमडी) और सुरक्षा एजेंसी सीआईएसएफ के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
ग्राहकों का मोबाइल नंबर लें विमान कंपनियां
उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि इन सभी विभागों के आपसी सामंजस्य से ही विमान सेवाओं को सुचारु तौर पर चलाया जा सकता है। इस क्रम में सभी उड्डयन कंपनियों को कहा गया है कि उड़ानों के प्रभावित होने या रद होने को लेकर ग्राहकों को पूरी पारदर्शिता के साथ सूचना देना सबसे महत्वपूर्ण है। विमानन कंपनियों और एजेंटों को ग्राहकों से मोबाइल नंबर लेने को भी कहा गया है।
कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही
बैठक में आईएमडी की तरफ से बताया गया कि वह इस बात का पूरा ध्यान रखता है कि मौसम की जानकारी देने संबंधी जो भी प्रौद्योगिकी है, वह सही तरीके से काम करे। इससे सही सूचना को साझा किया जा सकेगा और उसके हिसाब से कंपनियां कदम उठा सकेंगी।
कम रोशनी में विमानों के संचालन के लिए आवश्यक कर्मियों को प्रशिक्षित करने का काम भी चल रहा है। डीजीसीए ने कहा है कि उसने विमानन कंपनियों के कैट-टू और कैट-थ्री तकनीक की जानकारी रखने वाले पर्याप्त कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है।
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