पहली बार देश के बाहर भारतीय कंपनी बनाएगी बख्तरबंद वाहन, राजनाथ सिंह बोले- मेक फॉर द वर्ल्ड पर कर रहे काम
पहली बार एक भारतीय निजी कंपनी मोरक्को में बख्तरबंद वाहन बनाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को के समकक्ष अब्देलतिफ लाउदी के साथ बेरेचिड में एक विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन किया। यह संयंत्र व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचएपी) का उत्पादन करेगा जिसे डीआरडीओ के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। यह अफ्रीका में पहला भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहली बार देश से बाहर भारतीय प्राइवेट कंपनी बख्तरबंद वाहन बनाएगी। मोरक्को के बेरेचिड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके मोरक्को समकक्ष अब्देलतिफ लाउदी ने मंगलवार को विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन किया। इस संयंत्र में व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचएपी) का उत्पादन किया जाएगा।
इस बख्तरबंद प्लेटफॉर्म को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। 20 हजार वर्ग मीटर में फैला यह संयंत्र अफ्रीका में पहला भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र है। यह आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत के रक्षा उद्योग की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति का परिचायक है।
यह मोरक्को का सबसे बड़ा ऐसा संयंत्र भी है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड ने कहा, यह किसी प्राइवेट भारतीय कंपनी द्वारा स्थापित पहली विदेशी रक्षा विनिर्माण संयंत्र है, जो डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के साथ साझेदारी में उन्नत लड़ाकू वाहन प्लेटफॉर्म डिजाइन करने की भारत की क्षमता को रेखांकित करती है।
समय से तीन महीने पहले हुआ शुरू
- यह संयंत्र समय से तीन महीने पहले चालू हो गया है, और उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है।
- डब्ल्यूएचएपी आधुनिक माड्यूलर लड़ाकू प्लेटफॉर्म है जो उन्नत गतिशीलता, सुरक्षा से सुसज्जित है।
- मोरक्को सरकार के साथ अपने अनुबंध के तहत, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफार्म 838 (डब्ल्यूएचएपी 838) का उत्पादन करेगी
- इसकी शुरुआती डिलीवरी अगले महीने शुरू होने की योजना है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे
'मेक फॉर द वर्ल्ड' पर भी कर रहे काम : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'मेक इन इंडिया' के साथ-साथ हम 'मेक विद फ्रेंड्स' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' पर भी काम कर रहे हैं; मोरक्को में यह केंद्र इस दृष्टिकोण का शानदार उदाहरण है। उन्होंने कहा, भारत के लिए आत्मनिर्भरता का मतलब अलगाव नहीं है, बल्कि हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भरता के तहत रणनीतिक स्वायत्तता विकसित करना है।
हम ऐसी क्षमताएं विकसित करना चाहते हैं जो हमें वैश्विक साझेदारों के साथ जुड़ाव बनाए रखते हुए स्वतंत्र रूप से अपने देश की रक्षा करने में सक्षम बनाएं। इस परियोजना से रोजगार सृजन तथा मोरक्को में इंजीनियरों, तकनीशियनों और आपूर्तिकर्ताओं का मजबूत स्थानीय इकोसिस्टम निर्मित होने की उम्मीद है।
भारत-मोरक्को औद्योगिक साझेदारी में नए अध्याय की शुरुआत
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक सुकर्ण सिंह ने कहा, मोरक्को में रक्षा संयंत्र का उद्घाटन भारत-मोरक्को औद्योगिक साझेदारी में नए अध्याय की शुरुआत है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स इस मील के पत्थर का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता है। यह संयंत्र प्रारंभ में रायल मोरक्कन आर्मी की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, और बाद में मित्र देशों विशेष रूप से अफ्रीका में रक्षा उपकरणों का निर्यात करने के लिए इसका विस्तार किया जाएगा।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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