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    'आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति के लिए एकीकृत तकनीकी समाधानों की जरूरत', बोले सीडीएस अनिल चौहान

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 01:54 AM (IST)

    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति को देखते हुए उन्नत तकनीकी समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सेना-अकादमिक अनुसंधान और विकास में समन्वय स्थापित करने की बात कही जिससे स्वदेशी क्षमताओं का विकास हो सके। रक्षा मंत्रालय के अनुसार उन्होंने शिक्षा जगत स्टार्ट-अप और उद्योग जगत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

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    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि आधुनिक युद्ध की निरंतर बदलती प्रकृति से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए उन्नत और एकीकृत तकनीकी समाधानों की आवश्यकता है।

    वह यहां तीनों सेनाओं की एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस संगोष्ठी का उद्देश्य राष्ट्रीय रक्षा के लिए महत्वपूर्ण विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के विकास हेतु सेना-अकादमिक अनुसंधान और विकास पारिस्थितिकी तंत्र में समन्वय स्थापित करना है।

    बताया कैसे विकसित होंगी स्वदेशी क्षमताएं

    रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने भविष्य की परिचालन मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों, हथियारों, नेटवर्कों में सिद्धांतों और स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने में शिक्षा जगत, स्टार्ट-अप और उद्योग जगत की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने समग्र राष्ट्र दृष्टिकोण अपनाने का भी आह्वान किया और शिक्षाविदों से नवाचार को बढ़ावा देने और भारत को ''अगली पीढ़ी की रक्षा प्रौद्योगिकियों में विश्व में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया।

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    और क्या बोले सीडीएस चौहान?

    अपने संबोधन में सीडीएस ने आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति पर प्रकाश डाला जिसके लिए उन्नत और एकीकृत तकनीकी समाधानों की आवश्यकता है। त्रि-सेना अकादमिक प्रौद्योगिकी संगोष्ठी (टी-सैट्स) दिल्ली छावनी स्थित मानेकशा सेंटर में आरंभ हुई जिसका उद्घाटन जनरल चौहान ने किया।

    ''विवेक व अनुसंधान से विजय'' विषय पर आयोजित संगोष्ठी अपनी तरह की पहली संगोष्ठी है। इसमें आईआईएससी, आईआईटी, आईआईआईटी और निजी प्रौद्योगिकी संस्थानों सहित 62 संस्थानों के छात्रों के साथ-साथ शैक्षणिक और प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के निदेशकों और विभागाध्यक्षों ने भाग लिया।

    सीडीएस ने एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जिसमें शिक्षा जगत द्वारा 43 चयनित नवीन प्रदर्शनियां प्रदर्शित की गईं। संगोष्ठी के दौरान विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहमति पत्रों (एमएसओयू) पर हस्ताक्षर भी किए गए।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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