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    ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव कैसे होगा कम? मोदी सरकार ने बताया अपना पूरा प्लान

    By Agency Edited By: Prince Gourh
    Updated: Tue, 12 Aug 2025 06:00 AM (IST)

    केंद्र सरकार ने कहा है कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में कुछ सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। सरकार अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए निर्यात विविधीकरण रणनीति अपना रही है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सुझाव दिया कि भारत पाकिस्तान के सेना प्रमुख द्वारा परमाणु धमकी देने के लिए अमेरिकी जमीन के इस्तेमाल का मुद्दा अमेरिका के समक्ष उठाएगा।

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    ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव कैसे होगा कम (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में कुछ सीमा रेखाओं को पार नहीं किया जा सकता और वह अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए निर्यात विविधीकरण रणनीति के तहत 'केंद्रित प्रयास' कर रही है।

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    सूत्रों के अनुसार, भारत ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी रहेगी, भले ही उसने रूसी तेल की खरीद के कारण निर्यात पर टैरिफ 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।

    विदेश सचिव ने दिए सुझाव

    सूत्रों ने बताया कि विदेश मामलों की संसद की स्थायी समिति को दिए गए ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सुझाव दिया कि भारत, पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर द्वारा नई दिल्ली को परमाणु धमकी देने के लिए अमेरिका की जमीन के इस्तेमाल का मुद्दा उसके समक्ष उठाएगा।

    मिसरी और वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति के सदस्यों को 'अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और टैरिफ' के बारे में जानकारी दी। भारत में 25 अगस्त से शुरू होने वाली अगले दौर की वार्ता को लेकर अनिश्चितता के बीच यह जानकारी दी गई।

    'कठिन दौर से गुजर रहा व्यापार संबंध'

    ब्रीफिंग का हवाला देते हुए एक सूत्र ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध 'कठिन दौर' से गुजर रहे हैं और सरकार इससे निपटने के लिए कदम उठा रही है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि टैरिफ का मुद्दा सुलझने तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी।

    किन उद्योगों पर पड़ेगा असर?

    सूत्रों ने शीर्ष सरकारी अधिकारियों की ब्रीफिंग का हवाला देते हुए कहा कि ऑटो, कपड़ा, चमड़ा और रत्न एवं आभूषण जैसे कुछ उद्योगों पर अमेरिका के उच्च टैरिफ का खासा असर पड़ने की संभावना है।

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