जमीन तो क्या, Space में भी पुख्ता होगा सुरक्षा इंतजाम, ISRO बनाएगा 'बॉडीगार्ड सैटेलाइट'; क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
भारत अंतरिक्ष में अपने सैटेलाइटों की सुरक्षा के लिए बॉडीगार्ड सैटेलाइट बनाने की तैयारी कर रहा है। हाल ही में एक पड़ोसी देश का सैटेलाइट भारतीय सैटेलाइट के बेहद करीब आ गया था जिसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया। इस प्रोजेक्ट के लिए 270 अरब रुपये का बजट निर्धारित किया गया है जिसके तहत 50 सर्विलांस सैटेलाइट बनाई जाएंगी। पहला सैटेलाइट अगले साल लॉन्च किया जा सकता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जमीन पर सुरक्षा कवच बनाने के बाद अब भारत का ध्यान आसमान पर है। भारत अंतरिक्ष में बॉडीगार्ड सैटेलाइट बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसे भेद पाना बेहद मुश्किल होने वाला है। यह बॉडीगार्ड सैटेलाइट अंतरिक्ष में मौजूद भारतीय सैटेलाइटों की सुरक्षा करेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अंतरिक्ष के खतरों से निपटने के लिए बॉडीगार्ड सैटेलाइट बनाना चाहती है। बता दें कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को मात देने में सैटेलाइट्स ने भी अहम रोल निभाया था।
सैटेलाइट की सुरक्षा की क्यों पड़ी जरूरत?
अब सवाल यह है कि सरकार को अचानक सैटेलाइट की सुरक्षा का ख्याल कैसे आ गया? दरअसल हाल ही में एक पड़ोसी देश की सैटेलाइट भारतीय सैटेलाइट के बेहद करीब आ गई थी, जिससे सैटेलाइट को नुकसान पहुंच सकता था। कुछ देर बाद बेशक यह खतरा टल गया, लेकिन भविष्य में दोबारा यह घटना न घटे, इसलिए सरकार पहले से सैटेलाइट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है।
टकराने से बाल-बाल बची थी सैटेलाइट
2024 में जून महीने के आसपास भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो की सैटेलाइट धरती से 500-600 किलोमीटर (311-373 मील) की दूरी पर धूम रही थी। स्पेस में एलन मस्क की स्पेस एजेंसी स्टारलिंक की कई सैटेलाइट्स भी इसी ऑरबिट में घूमती हैं। इसी बीच भारत के पड़ोसी देश की एक सैलेटाइल इसरो की सैटेलाइट के बेहद नजदीक आ गई थी। दोनों सैटेलाइट्स में महज 1 किलोमीटर की दूरी थी।
हालांकि, इस दौरान दोनों सैटेलाइट्स की टक्कर नहीं हुई। इस घटना के बाद भारत चौकन्ना हो गया। इसरो ने बेशक इसपर कोई बयान नहीं दिया। मगर, सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए बॉडीगार्ड सैटेलाइट बनाने का फैसला किया है।
क्या है सरकार का प्लान?
बॉडीगार्ड सैटेलाइट प्रोजेक्ट मोदी सरकार के अंतरिक्ष को सुरक्षित बनाने की परियोजनाओं का ही हिस्सा है। इसके लिए सरकार ने 270 अरब रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 50 सर्विलांस सैटेलाइट बनाई जा रही हैं, जिनमें पहली सैटेलाइट अगले साल लॉन्च की जा सकती है।
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