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    भारत ने कहा, गिलगिट-बाल्टीस्तान में पाकिस्तान की चाल मंजूर नहीं

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Thu, 16 Mar 2017 10:24 PM (IST)

    भारत सरकार ने ही नहीं बल्कि सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने भी पाकिस्तान के इस चाल का कड़ा विरोध किया है।

    भारत ने कहा, गिलगिट-बाल्टीस्तान में पाकिस्तान की चाल मंजूर नहीं

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुलाम कश्मीर के एक बड़े हिस्से को एक पूर्ण राज्य का दर्जा देने की पाकिस्तान की किसी भी कोशिश को भारत की तरफ से न सिर्फ विरोध किया जाएगा बल्कि इसे रोकने के लिए भारत हरसंभव कदम भी उठाएगा। इस बात के संकेत आज भारत की तरफ से दिए गए हैं कि गिलगिट-बाल्टीस्तान को एक पूर्ण राज्य बनाने की पाकिस्तान सरकार की कोशिश को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले के मुताबिक, इस तरह की किसी भी कोशिश से पाकिस्तान कश्मीर पर अपने अवैध कब्जे को जायज नहीं ठहरा सकता है। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान से कश्मीर के हिस्से पर कब्जे को खाली करने की मांग भी की है।

    भारत सरकार ने ही नहीं बल्कि सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने भी पाकिस्तान के इस चाल का कड़ा विरोध किया है। भाजपा के महासचिव राम माधव ने कहा है, ''1948 से ही भारत यह कहता आ रहा है कि गिलगिट व बाल्टीस्तान भारत का हिस्सा है। पाकिस्तान ने अपने कब्जे के कश्मीर के एक हिस्से को तोड़ कर इन्हें अलग किया है।''

    सनद रहे कि कश्मीर का हिस्सा होने के बावजूद गिलगिट और बाल्टीस्तान के मुद्दे को भारत अभी तक उठाने से हिचकता रहा है लेकिन अगस्त, 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे उठा कर कूटनीतिक हलचल मचा दी थी। मोदी ने सिर्फ यह कहा था कि गिलगिट-बाल्टीस्तानके लोगों से उन्हें काफी बधाई संदेश मिल रहे हैं। मोदी के इस बयान को भारतीय कूटनीति में एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा गया था और इस पर पाकिस्तान में काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।

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    गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय की यह तीखी प्रक्रिया इस बात का प्रमाण है कि भारत ने गिलगिट बाल्टीस्तान को लेकर अपनी नई नीति को अभी बदला नहीं है। दरअसल, पिछले एक-दो दिनों से पाकिस्तान की मीडिया में इसको लेकर खबरें छप रही हैं।

    माना जा रहा है कि पीएम नवाज शरीफ के विदेश मामलों में सलाहकार सरताज अजीज की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने गिलगिट बाल्टीस्तान को पांचवे प्रदेश बनाने की सिफारिश की है। वैसे अभी तक पाकिस्तान सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। अभी तक पाकिस्तान इस पूरे इलाके को एक अलग क्षेत्र मानता है। लेकिन माना जा रहा है कि चीन ने इस इलाके के मौजूदा प्रशासकीय व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है कि इससे उसकी वन बेल्ट, वन रोड परियोजना के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने में दिक्कत हो रही है।

    भारत इस हिस्से में चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के गुजरने का पहले से ही विरोध कर रहा है। लेकिन अब अगर पाकिस्तान की तरफ से गिलगिट-बाल्टीस्तान को पूर्ण राज्य घोषित किया जाता है तो इससे मौजूदा कश्मीर समस्या का समाधान निकालना और मुश्किल हो जाएगा।

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