'विश्वस्तरीय एअरपोर्ट्स में निवेश कर रहा भारत', पीएम मोदी ने कहा- उड़ान योजना की सफलता एक स्वर्णिम अध्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का विमानन क्षेत्र निवेश के लिए उत्तम है। 2030 तक रखरखाव मरम्मत और ओवरहाल क्षेत्र का आकार चार अरब डॉलर करने का लक्ष्य है। भारत वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग केंद्र बनने के लिए प्रयासरत है। विश्वस्तरीय हवाई अड्डों में निवेश किया जा रहा है जिससे एयरपोर्टों की संख्या 74 से बढ़कर 162 हो गई है। उड़ान योजना से हवाई यात्रा सस्ती हुई है।

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत का तेजी से बढ़ता विमानन क्षेत्र अग्रणी वैश्विक कंपनियों के लिए एक बेहतरीन निवेश अवसर है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश का लक्ष्य 2030 तक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) क्षेत्र का आकार बढ़ाकर चार अरब डॉलर करना है।
पीएम ने कहा कि देश को वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग केंद्र बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत नागरिक विमानन क्षेत्र में बड़े निवेश के लिए तैयार है। मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि दुनिया भारत को न केवल विमानन बाजार के रूप में देखे, बल्कि मूल्य श्रृंखला के लिहाज से अग्रणी के तौर पर भी पहचाने। हमारी दिशा और गति सही है और इसलिए हमें विश्वास है कि हम तेजी से आगे बढ़ते रहेंगे।
भारत विश्वस्तरीय हवाई अड्डों में निवेश कर रहा है
उन्होंने आगे कहा कि भारत विश्वस्तरीय हवाई अड्डों में निवेश कर रहा है और पिछले 11 सालों के दौरान एयरपोर्टों की संख्या 74 से बढ़कर 162 हो गई है। आज, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना की सफलता भारतीय नागरिक विमानन क्षेत्र में एक स्वर्णिम अध्याय है। वहीं इस मौके पर नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना (उड़ान) हवाई यात्रा को लोकतांत्रिक बनाया और कुल 619 मार्गों पर हवाई जहाज उड़ रहे हैं।
एक दशक पहले के मुकाबले उड़ान की लागत 40 प्रतिशत कम हुई
बढ़ती लागत और कर चुनौतियों के बावजूद उड़ान की वास्तविक लागत एक दशक पहले की तुलना में 40 प्रतिशत कम हुई है। वैश्विक एयरलाइंस समूह आईएटीए के महानिदेशक विली वाल्श ने कहा कि हवाई यात्रियों की संख्या सालाना पांच अरब को पार करने का अनुमान है। भारत में 42 वर्षों के बाद हो रही आइएटीए की वार्षिक आम बैठक में वाल्श ने यह भी कहा कि सप्लाई चेन की परेशानियों के चलते एयरलाइंस उद्योग की वृद्धि दर धीमी हो गई है।
एयरलाइन कंपनियां 979 अरब डॉलर का राजस्व कमाएंगी
350 से अधिक विमानन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) का अनुमान है कि कैलेंडर वर्ष 2025 में एयरलाइन कंपनियां 979 अरब डॉलर का राजस्व कमाएंगी और उन्हें 36 अरब डालर का लाभ होगा।
वाल्श ने कहा कि हमारे उद्योग की जीडीपी में हिस्सेदारी 3.9 प्रतिशत है और हम साढ़े आठ करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं, लेकिन हमारा लाभ उसके अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में से एक है और हवाई यातायात की मांग बढ़ रही है, जबकि हवाई किराए के बारे में चिंताएं हैं।
आईएटीए के महानिदेशक ने कहा, 'विमान से जुड़ा मैन्यूफैक्च¨रग सेक्टर बुरी तरह विफल रहा है। 17,000 डिलीवरी के बैकलाग का मतलब है कि ऑर्डर और डिलीवरी के बीच 14 साल का लंबा इंतजार।' 10 साल से कम उम्र के 1,100 से ज्यादा विमान कंपनियों के पास हैं, जो पूरे बेड़े का 3.8 प्रतिशत है।

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