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    India-Greece Ties: भारत और ग्रीस बने रणनीतिक साझेदार, दोनों देशों के मजबूत रिश्तों से तुर्किये को कड़ा संदेश

    यूरोपीय देशों के साथ अपने रिश्तों की नई दिशा तय करने में जुटे भारत ने भूमध्य सागर स्थित प्रमुख देश ग्रीस के साथ रणनीतिक साझेदारी स्थापित की है। एथेंस में पीएम नरेन्द्र मोदी और ग्रीस के पीएम काइरियाकोस मिस्तोताकिस के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में यह फैसला किया गया कि रणनीतिक साझेदार बनने के साथ ही हर क्षेत्र में रिश्तों को प्रगाढ़ किया जाएगा।

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 25 Aug 2023 08:55 PM (IST)
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    पीएम मोदी ग्रीस के पीएम से मुलाकात करते हुए। (फोटो- एपी)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूरोपीय देशों के साथ अपने रिश्तों की नई दिशा तय करने में जुटे भारत ने भूमध्य सागर स्थित प्रमुख देश ग्रीस के साथ रणनीतिक साझेदारी स्थापित की है। एथेंस में पीएम नरेन्द्र मोदी और ग्रीस के पीएम किरियाकोस मित्सोटाकिस के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में यह फैसला किया गया कि रणनीतिक साझेदार बनने के साथ ही हर क्षेत्र में रिश्तों को प्रगाढ़ किया जाएगा।

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    भारत-ग्रीस के बीच कारोबार बढ़ाने का लक्ष्य

    दोनो देशों ने वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को दोगुना करने, सुरक्षा संबंधों को मजबूत बनाने और जल्द ही एक दूसरे देशों की जनता को आवागमन व कामकाज में सहूलियत देने संबंधी समझौता करने का भी फैसला किया है। तकरीबन चार दशक बाद मोदी ग्रीस की यात्रा करने के वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री है।

    ग्रीस की मजबूत दोस्ती से तुर्किये के लिए संदेश

    उनकी इस यात्रा को ग्रीस के साथ बेहद तनावपूर्ण संबंध रखने वाले देश तुर्किये के साथ भारत के खराब होते रिश्तों के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। तुर्किये भारत के पुराने प्रतिद्वंदी व पड़ोसी देश पाकिस्तान का एक अहम साझेदार देश है और हर मोर्चे पर उसका समर्थन करता है।

    पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है तुर्किये

    तुर्किये ने संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर कश्मीर के मुद्दे पर ना सिर्फ पाकिस्तान की मदद की है, बल्कि दूसरे कई अवसरों पर भी वह भारत विरोधी रुख अपनाता है। ऐसे में भारत व ग्रीस के बीच मजबूत होता यह रिश्ता तुर्किये के लिए असुविधाजनक हो सकता है। भारत तुर्किये के दो अन्य विरोधी देश अर्मेनिया और साइप्रस के साथ भी संबंधों को आगे बढ़ा रहा है।

    पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा

    ग्रीस व भारत का यह स्वाभाविक मिलन है, क्योंकि दोनो विश्व के दो पुरातन सभ्यता होने के साथ ही विश्व के दो पुरातन लोकतांत्रिक विचारधारा वाले देश भी हैं। हमारे संबंधों की नींव जितनी प्राचीन है, उतनी ही मजबूत है। हमारे बीच मेडीटिरेनियन और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर बेहतर तालमेल है। हम एक दूसरे की भावनाओं को समझते हैं।

    मोदी ने ग्रीस के पीएम के साथ हुई वार्ता के बारे में बताया कि हमने रक्षा व सुरक्षा के क्षेत्र में सैन्य संबंधों के साथ-साथ रक्षा उद्योगों को भी बल देने पर सहमति जताई। और वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

    भारत और ईयू के बीच एफटीए को ग्रीस का समर्थन

    ग्रीस ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को पूरा समर्थन दिया है। ग्रीस के पीएम मिस्तोताकिस ने कहा कि 40 वर्षों बाद भारत के पीएम यहां आये हैं, लेकिन इस दौरान हमारे रिश्तों की गर्माहट बरकरार रही है। हमने फैसला किया है कि रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों पर ध्यान दे कर हम रणनीतिक रिश्तों को मजूबत बनाएंगे।

    संयुक्त घोषणा पत्र में भूमध्य सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यहां अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान होना चाहिए और हर देश की संप्रभुता, भौगोलिक अखंडता और आवागमन की आजादी होनी चाहिए।

    दरअसल, हिंद प्रशांत क्षेत्र में जिस तरह से चीन का आक्रामक रवैया यहां के कई देशों के लिए चिंता का कारण है उसी तरह से तुर्किये भी भूमध्य सागर क्षेत्र स्थित ग्रीस को लेकर रवैया अपनाता है। वैसे जुलाई, 2023 में ही तुर्की और ग्रीस ने उच्च स्तर पर वार्ता का दौर शुरू किया है। बहरहाल, भारत और ग्रीस के बीच नौसेना संबंधों को मजबूत करने के साथ सभी तरह के सैन्य संबंधों को मजबूत बनाने पर वार्ता हो रही है।