आइआइटी मद्रास श्रेष्ठ संस्थानों की सूची में नाम शामिल न होने पर नाराज
मंत्रालय चयनित तीन सरकारी संस्थानों को अगले पांच साल के लिए 1000 करोड़ रुपये का अनुदान देगा जबकि गैर-सरकारी संस्थानों को मदद नहीं मिलेगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय तकनीकी संस्थान, मद्रास (आइआइटी मद्रास) ने इस संस्थान का नाम श्रेष्ठ संस्थानों की सूची में न देने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से निराशा जताई है। जबकि आइआइटी मद्रास के चयन के लिए केंद्रीय अनुदान आयोग की चयन समिति ने सिफारिश की थी।
सूत्रों का कहना है कि इस प्रख्यात संस्थान ने दलील दी है कि वह चयन समिति के समक्ष विभिन्न मापदंडों पर खरा उतरा है, लेकिन श्रेष्ठ संस्थानों की सूची की दौड़ से उसे दरकिनार किया गया है। इससे संस्थान के छात्रों और शिक्षकों का मनोबल गिरा है।
उल्लेखनीय है कि मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने विगत जुलाई को तीन सरकारी और तीन निजी संस्थानों को श्रेष्ठ संस्थानों का दर्जा दिया था। इससे उन्हें पूर्ण स्वायत्तता मिल गई और खुद को विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए उन्हें विशेष भत्ते दिए गए हैं।
मंत्रालय चयनित तीन सरकारी संस्थानों को अगले पांच साल के लिए एक हजार करोड़ रुपये का अनुदान देगा जबकि गैर-सरकारी संस्थानों को कोई सरकारी आर्थिक मदद नहीं मिलेगी। सरकार ने इस साल आइओई दर्जा आइआइटी-दिल्ली, आइआइटी बांबे और बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आइआइएससी) और निजी क्षेत्र के मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और जियो इंस्टीट्यूट बाय रिलायंस फाउंडेशन ने दिया है।