केरल को अगर और धन चाहिए तो खुद को पिछड़ा घोषित करे, केंद्रीय मंत्री ने क्यों कही ये बात?
कांग्रेस और माकपा ने केंद्र सरकार पर केरल की अनदेखी का आरोप लगाया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्रीय बजट को निंदनीय अत्यंत निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। विशेष आर्थिक पैकेज की मांग पर केंद्रीय मंत्री जार्ज कुरियन ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अगर केरल को अधिक धन चाहिए तो उसे अपने आपको पिछड़ा राज्य घोषित करना होगा।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जार्ज कुरियन ने कहा है कि अगर केरल को केंद्र सरकार से और अधिक धन चाहिए तो राज्य को घोषित करना चाहिए कि वह शिक्षा, बुनियादी ढांचे व सामाजिक कल्याण के मामले में पिछड़ा हुआ है।
दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में कुरियन ने यह टिप्पणी केरल में सत्तारूढ़ माकपा और विपक्षी कांग्रेस की ओर से केंद्रीय बजट 2025-26 की तीखी आलोचना करने के मद्देनजर की है। दोनों ने शनिवार को केंद्र सरकार पर बजट में राज्य की सभी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था।
सीएम ने लगाया अनदेखी का आरोप
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, राज्य के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने कहा था कि 24,000 करोड़ रुपये के विशेष वित्तीय पैकेज और वायनाड के पुनर्वास के लिए एक अन्य पैकेज सहित राज्य की कई मांगों की बजट में अनदेखी की गई। उन्होंने बजट को निंदनीय, अत्यंत निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
पिछड़े राज्यों को दिया जाता है फंड: केंद्रीय मंत्री
इस बयान पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुधन एवं डेयरी राज्यमंत्री कुरियन ने कहा कि केंद्र सरकार इस तरह के वित्तीय पैकेज उन राज्यों को देती है जो विभिन्न मामलों में पिछड़े हैं। केरल अगर इसकी घोषणा कर देगी तो वित्त आयोग उसकी पड़ताल करेगा और केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगा। सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेगी। वह स्वयं फैसला नहीं करती।
कुरियन के बयान पर नाराजगी जताते हुए माकपा के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि केरल पिछड़ा रहे, लेकिन ऐसा नहीं होगा। राज्य से पिछड़ा बन जाने के लिए कहने के बजाय केरल के और विकास में केंद्र सरकार से मदद की अपेक्षा की जाती है।
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