Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इनकम टैक्स में छूट के बाद क्या सरकार देगी एक और तोहफा, ब्याज दरों में होगी कटौती?

    गत एक फरवरी को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में नौकरी पेशा वाले लोगों को टैक्स में बंपर छूट दी गई। अब माना जा रहा है कि आम लोगों को राहत देने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। आने वाले समय में जीएसटी की दरों के समायोजन का फैसला होने की संभावना है।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sun, 02 Feb 2025 08:30 PM (IST)
    Hero Image
    टैक्स छूट के बाद अब जीएसटी और ब्याज दरों में कटौती संभव। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। एक दिन पहले ही टैक्स में बड़ी छूट से शुरू हुई राहत का दौर अभी आगे भी चल सकता है। आम बजट 2025-26 में आय करदाताओं को दी गई राहत के पीछे सरकार की एक मंशा यह है कि आम जनता बची हुई राशि को बाजार में खर्च करे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे मांग बढ़ेगी जिससे देश की सुस्त होती अर्थव्यवस्था को तेज करने में मदद मिलेगी। लेकिन यह सरकार का इकलौता कदम नहीं होगा।

    जीएसटी की दरों में समायोजन संभव

    असलियत में इसके बाद दूसरे स्तरों पर भी कोशिशों का दौर जारी रहेगा ताकि इकॉनमी को घरेलू मांग से तेजी मिले। इस क्रम में सबसे पहले अगले कुछ हफ्तों में ही जीएसटी की दरों के समायोजन का फैसला होने की संभावना है। जबकि दूसरा कदम इस हफ्ते आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में कटौती के तौर पर आ सकता है।

    ब्याज दरों में कटौती संभव

    • विशेषज्ञ का अनुमान है कि ब्याज दरों में फिलहाल 0.25 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है। यह रीयल एस्टेट व आटोमोबाइल की मांग को तेज करेगा।
    • वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि आय कर टैक्स व्यवस्था में बदलाव के बाद अब वस्तु व सेवा शुल्क की दरों का समायोजन जरूरी हो गया है।
    • पहले से ही जीएसटी दरों मे बदलाव के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन हो चुका है। बिहार के उपमुख्य मंत्री अशोक चौधरी की अगुवाई में गठित उक्त समिति की रिपोर्टों का इंतजार है। यह जीएसटी की मौजूदा चार टैक्स स्लैब को भी घटाने का रास्ता साफ कर सकता है।
    • दूसरा कदम, आरबीआई की तरफ से 7 फरवरी, 2025 को पेश की जाने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में दिख सकता है। बैंक ऑफ अमेरिका समेत कुछ अन्य शोध एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि ब्याज दरों में 0.25 फीसद की कटौती संभव है।
    • आरबीआई ने पिछले दिनों ने एक लाख करोड़ की अतिरिक्त राशि बैंकों को उपलब्ध कराई ताकि वह खूब कर्ज बांटे। इसे ब्याज दरों को घटाने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
    • केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती रीयल एस्टेट और आटोमोबाइल सेक्टर को मांग बढ़ाने में मदद कर सकती है। सरकार की इस सोच की झलक दो दिन पहले पेश आर्थिक सर्वेक्षण और एक दिन पहले आम बजट, दोनों में दिखाई दी है।

    आर्थिक सर्वेक्षण में दिखे संकेत

    आर्थिक सर्वेक्षण में साफ तौर पर कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अस्थिरता है और घरेलू मांग को बढ़ा कर ही देश की इकोनमी को तेज करना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट अभिभाषण के शुरूआत में ही कहा था कि हमारे समाने प्रतिकूल भू-राजनीतिक परिस्थितियां हैं, जो मध्य्म अवधि में वैश्विक आर्थिक में कमी की तरफ संकेत करती हैं।

    घरेलू मांग में 10 फीसद तक इजाफा संभव

    इस विषय में वित्त मंत्रालय के पूर्व प्रमुख आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियन का यह आकलन महत्वपूर्ण है कि आम बजट 2025-26 में व्यक्तिगत टैक्स में दी गई छूट की वजह से घरेलू मांग में 10 फीसद तक का इजाफा संभव है जिससे आर्थिक विकास की दर में अतिरिक्त दो फीसद की वृद्धि हो सकती है।

    यह आकलन उन्होंने आय कर छूट से आयकर दाताओं के पास एक लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि बचने के आधार पर की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट अभिभाषण में इस बात का जिक्र किया है कि उक्त छूट से सरकार एक लाख करोड़ रुपये का आय कर संग्रह को छोड़ रही है।

    यह भी पढ़ें: अब चार साल पहले का भर पाएंगे Updated Return, रिवाइज्ड रिटर्न से कितना है अलग; एक्सपर्ट ने बताया

    यह भी पढ़ें: MSME के लिए गेमचेंजर साबित होगा क्रेडिट कार्ड, आसानी से निकलेगा पैसा; जानिए कैसे मिलेगा फायदा