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अगर आपके पास डिजिटल दस्तावेज हैं तो कागजी दस्तावेजों को दिखाना जरूरी नहीं, जानिए क्यों

वाहन डॉक्युमेंट्स के डिजीटल होने के बाद कागजात की जांच व पुष्टि डिजिटल रूप में करने में सहूलियत के साथ आनलाइन सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 12:17 AM (IST)
अगर आपके पास डिजिटल दस्तावेज हैं तो कागजी दस्तावेजों को दिखाना जरूरी नहीं, जानिए क्यों

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रैफिक पुलिस अथवा आरटीओ को मोबाइल पर इलेक्ट्रानिक आरसीटी, डीएल अथवा पीयूसी सर्टिफिकेट दिखाने वाले वाहन चालकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने साफ किया है कि इलेक्ट्रानिक कागजात उतने ही मान्य और वैध है जितने कि कागजी दस्तावेज। इसलिए कोई भी अधिकारी कागजी दस्तावेजों के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

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पुलिस महानिदेशकों और परिवहन सचिवों को एडवाइजरी जारी

इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों तथा परिवहन सचिवों को एडवाइजरी भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 139 में संशोधन कर दिया है। इस संबंध में 2 नवंबर, 2018 को गजट अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। संशोधित नियम के मुताबिक कोई भी नागरिक किसी भी वर्दीधारी पुलिस अधिकारी अथवा राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी अन्य अधिकारी के मांगने पर उसे रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, फिटनेस व परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, पीयूसी अथवा किसी भी अन्य सर्टिफिकेट को कागजी अथवा इलेक्ट्रानिक किसी भी रूप में दिखा सकता है।

ऑनलाइन सिस्टम को मिलेगा बढ़ावा

इससे कागजात की जांच व पुष्टि डिजिटल रूप में करने में सहूलियत के साथ आनलाइन सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए नागरिकों का उत्पीड़न रोकने के लिए इस प्रावधान के बारे में सभी संबंधित अधिकारियों को अवगत कराने के साथ-साथ इसे लागू कराएं। डिजिटल दस्तावेज से यहां अभिप्राय वाहन और सारथी पोर्टल से प्राप्त डिजिटल सर्टिफिकेट अथवा एसएमएस पर प्राप्त दस्तावेज है।

केंद्रीय मोटर नियम में हुआ संशोधन

सड़क मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 के अनुसार इलेक्ट्रानिक दस्तावेज कागजी दस्तावेजों की तरह ही वैध और मान्य हैं। लेकिन इसके बावजूद लोगों से लगातार इस बात की शिकायत मिल रही थी कि अधिकारी इलेक्ट्रानिक दस्तावेज स्वीकार नहीं करते हैं। इसलिए मंत्रालय को केंद्रीय मोटर नियम में संशोधन करना पड़ा।

इन परेशानियों से मिलेगा छुटकारा

1- पहले आम लोगों को गाड़ी के डॉक्युमेंट्स हमेशा गाड़ी में ही साथ लेकर चलने पड़ते थे। जिसमें कभी-कभार लापरवाही के चलते ये डॉक्युमेंट्स खो जाते थे, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था।

2- कभी-कभी उपभोक्ता का वाहन चोरी हो जाने पर उसके दस्तावेज जैसे आरसी, इंश्योरेंस आदि भी गाड़ी के साथ ही गायब हो जाते थे, जिससे उपभोक्ता को इंश्योरेंस जैसे जरूरी डॉक्युमेंट को दोबारा निकलवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

3- वाहनों के डॉक्युमेंट्स का डिजटलीकरण हो जाने के बाद अब आप अपने वाहन के डॉक्युमेंट्स को अपने घर पर सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आपकी छोटी सी लापरवाही के चलते आपका वाहन चोरी हो जाए या कोई अन्य दुर्घटना हो जाए तो आपके डॉक्युमेंट्स आपके घर पर सुरक्षित रहेंगे जिससे आप आगे की कार्रवाई आसानी से कर सकते हैं।

4- वाहन डॉक्युमेंट्स के डिजटल होने के चलते अब ट्रैफिक पुलिस को भी कार्यवाई में आसानी होगी। जिससे वो आपके वाहन की फोटो लेकर आसानी से चालान भेज सकते हैं।


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