सोशल मीडिया पर वायरल हुईं अरुणाचल प्रदेश में पीएम मोदी का स्वागत करने वाली IAS अधिकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के दौरान पापुम पारे जिले में उनकी अगवानी आईएएस अधिकारी विशाखा यादव ने की। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं जिसके बाद लोग उनके बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए। विशाखा यादव ने बिना कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर छठी रैंक हासिल की थी। इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर उन्होंने सिविल सेवा में सफलता पाई।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर थे। वे पूर्वोत्तर राज्य के पापुम पारे जिले पहुंचे। यहां उनका स्वागत एक महिला सिविल सेवा अधिकारी विशाखा यादव ने किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन करती इस अधिकारी की तस्वीरें वायरल हो गईं और लोग इस अधिकारी के बारे में गूगल करने लगे।
आईएएस विशाखा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "राज्य के दौरे पर आए प्रधानमंत्री का पापुमपारे जिले में गर्मजोशी से स्वागत करने का अवसर पाकर गर्व महसूस कर रही हूं।"
Privileged with an opportunity to extend a warm welcome to The Hon’ble Prime Minister in PapumPare district on his visit to the State. pic.twitter.com/7w3lSP6uQv
— Vishakha Yadav (@yadavVish21_IAS) September 25, 2025
कौन हैं विशाखा यादव?
विशाखा यादव भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। वह वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिले में उपायुक्त के पद पर तैनात हैं। विशाखा ने प्रधानमंत्री का अभिवादन करते हुए अपनी तस्वीरें शेयर कीं और कहा कि पापुम पारे में उनका गर्मजोशी से स्वागत करने का अवसर पाकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है।
आईएएस विशाखा यादव ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। बिना किसी कोचिंग की मदद के उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर छठी रैंक हासिल की थी।
इंजीनियर से आईएएस बनने तक का सफर
विशाखा दिल्ली की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1994 में हुआ था। उनके पिता राजकुमार यादव सहायक उप-निरीक्षक हैं। जबकि उनकी मां गृहिणी हैं। आईएएस अधिकारी बनने से पहले वह इंजीनियर थीं। दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने बेंगलुरु स्थित सिस्को में नौकरी शुरू की। लेकिन उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था।
इसके बाद उन्होंने तैयारी आईएसएस परीक्षा की तैयारी शुरू की। तीन प्रयास के बाद वह भारतीय सिविल सेवा के लिए चुनी गईं। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 2,025 में से 1,046 अंक हासिल किए थे। इस अंक के साथ उन्होंने देशभर में छठी रैंक हासिल की थी।
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