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    मणिपुर में मैतेई उग्रवादी संगठनों पर कसेगा शिकंजा, गृह मंत्रालय ने बनाया ट्रिब्यूनल; गुवाहाटी HC के जज शामिल

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 29 Nov 2023 11:42 AM (IST)

    केंद्र सरकार ने मणिपुर में संचालित मैतेई उग्रवादी समूहों पर प्रतिबंध बढ़ाने के फैसले पर विचार करने के लिए न्यायाधिकरण का गठन किया है। गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार मेधी की सदस्यता में न्यायाधिकरण का गठन किया गया है। न्यायाधिकरण यह फैसला करेगा कि मणिपुर के मैतेई उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ उनके गुटों विंग और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।

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    मणिपुर में मैतेई उग्रवादी संगठनों पर कसेगा शिकंजा, गृह मंत्रालय ने बनाया ट्रिब्यूनल (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मणिपुर में संचालित मैतेई उग्रवादी समूहों पर प्रतिबंध बढ़ाने के फैसले पर विचार करने के लिए न्यायाधिकरण का गठन किया है।

    गृह मंत्रालय ने किया न्यायाधिकरण का गठन

    समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण का गठन किया है। गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार मेधी की सदस्यता में न्यायाधिकरण का गठन किया गया है। न्यायाधिकरण यह फैसला करेगा कि मणिपुर के मैतेई उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ उनके गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।

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    मंत्रालय ने 15 दिन पहले ही बढ़ाया था प्रतिबंध

    गृह मंत्रालय ने 28 नवंबर को देर रात एक अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी है। मंत्रालय द्वारा यह फैसला 15 दिन बाद लिया गया है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने देश विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के लिए मैतेई उग्रवादी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया था।

    मैतेई उग्रवादी संगठनों पर लिया जाएगा फैसला

    मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 5 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार मेधी की सदस्यता में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण का गठन किया है। अधिसूचना के अनुसार, न्यायाधिकरण यह फैसला करेगा कि मणिपुर के मैतेई उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ उनके गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।

    पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पर कसेगा शिकंजा

    बता दें कि मणिपुर में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी बड़े लेवल पर सक्रिय हैं। इसमें रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट शामिल हैं। इसके अलावा इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक और सशस्त्र संगठन के साथ समन्वय समिति भी शामिल है।

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