Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मणिपुर में कैसे भड़की हिंसा? रिटायर जज की अध्यक्षता में होगी जांच; गृह मंत्रालय ने न्यायिक आयोग का किया गठन

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sun, 04 Jun 2023 06:19 PM (IST)

    गृह मंत्रालय के मुताबिक न्यायिक आयोग मणिपुर में हिंसा के कारणों और प्रसार के साथ ही दंगों की जांच करेगा। बता दें कि तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग को गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह माह का समय दिया है।

    Hero Image
    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटो: एएनआई)

    इंफाल, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाओं की वजह का पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया। इस आयोग की अध्यक्षता गौहाटी हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा करेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अतिरिक्त आयोग में पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर शामिल हैं।

    क्या है HMO का आदेश?

    केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक,

    न्यायिक आयोग मणिपुर में हिंसा के कारणों और प्रसार के साथ ही दंगों की जांच करेगा।

    बता दें कि तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग को गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह माह का समय दिया है। इस अवधि में उन्हें तमाम कारणों का पता लगाना है।

    अधिसूचना के मुताबिक, तीन मई और उसके बाद मणिपुर में अलग-अलग समुदायों के सदस्यों को निशाना बनाकर की गई हिंसा व दंगों के कारणों और उसके प्रसार की जांच आयोग करेगा। साथ ही हिंसा से जुड़े सभी तथ्यों और सिलसिलेवार हुई घटनाओं की जांच करेगा।

    आयोग यह भी देखेगा कि क्या हिंसा और दंगों से निपटने या रोकने के लिए उठाए गए प्रशासनिक कदमों में किसी जिम्मेदार अधिकारी या व्यक्ति की ओर से कोई चूक या लापरवाही तो नहीं हुई थी।

    गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को महीनेभर से चली आ रही जातीय हिंसा की न्यायिक जांच हाई कोर्ट के एक रिटायर मुख्य न्यायाधीश और 6 विशिष्ट मामलों की सीबीआई जांच कराने का एलान किया था।

    अमित शाह की अपील का दिखा असर

    गृह मंत्री ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की अपनी चार दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन सभी संबंधितों से अनुरोध किया था कि वे अपने हथियार सुरक्षाबलों और प्रशासन को सौंप दें, अन्यथा हथियार और गोला-बारूद रखने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    गृह मंत्री की इस अपील का असर भी दिखाई दिया। शुक्रवार शाम तक 144 अत्याधुनिक हथियार सरेंडर किए गए, जबकि सुरक्षाबलों ने शनिवार को 40 हथियार बरामद किए थे।

    कैसे हैं मणिपुर के हालात?

    गौरतलब है कि तीन मई को मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद गृह मंत्री ने पहली बार पूर्वोत्तर राज्य का दौरा किया है। मणिपुर लगभग एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है। हालांकि, गृह मंत्री के मणिपुर दौरे के बाद शनिवार को प्रदेश में पूरी तरह शांति रही।

    मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा था कि मणिपुर में स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। शुक्रवार शाम से हिंसा की कोई घटना नहीं हुई।