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    रामपाल समर्थक पुलिस से भिड़े, 330 से अधिक लोग घायल

    By Abhishake PandeyEdited By:
    Updated: Wed, 19 Nov 2014 03:44 AM (IST)

    जिसका अंदेशा था, वही हुआ। हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम में बाबा रामपाल (63) को गिरफ्तार करने के लिए सुरक्षा बलों ने मंगलवार को जैसे ही कार्रवाई शुरू की, बवाल हो गया। अनुयायियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया, फायङ्क्षरग की और पेट्रोल-डीजल बम फेंके। जवाब में पुलिस ने

    हिसार, जागरण न्यूज नेटवर्क। जिसका अंदेशा था, वही हुआ। हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम में बाबा रामपाल (63) को गिरफ्तार करने के लिए सुरक्षा बलों ने मंगलवार को जैसे ही कार्रवाई शुरू की, बवाल हो गया। अनुयायियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया, फायङ्क्षरग की और पेट्रोल-डीजल बम फेंके। जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया और आंसू गैस छोड़ी। ङ्क्षहसक झड़प में 105 पुलिसकर्मियों, आधा दर्जन मीडियाकर्मियों समेत 330 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। एक जेसीबी मशीन फूंक दी गई है और कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है। अपराह्न में पुलिस ने कार्रवाई रोकते हुए हुए बाबा समर्थकों को आश्रम खाली करने का फिर से समय दिया। हत्या मामले में आरोपी रामपाल फिलहाल गिरफ्त से बाहर हैं जबकि डीजीपी एसएन वशिष्ठ का दावा है कि बाबा आश्रम के अंदर हैं। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विवरण के अभाव में घटना पर टिप्पणी से इन्कार किया लेकिन मीडिया पर हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस बीच, पुलिस कई निजी ब्लैक कमांडो समेत लगभग 2 हजार श्रद्धालुओं को आश्रम से बाहर निकालने में सफल हो गई है।

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    डीजीपी वशिष्ठ के अनुसार कार्रवाई में 105 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें से दो की टांग में जबकि एक पुलिसकर्मी के गले में गोली लगी है। कार्रवाई में 85 बाबा समर्थक घायल हुए हैं। घायलों को हिसार अस्पताल के अलावा उकलाना, अग्रोहा व बरवाला के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों के आश्रम में ही होने की सूचना है। घायलों में महिलाओं और बच्चों की खासी संख्या है। कई घायल अस्पताल में अपना प्राथमिक उपचार कराने के बाद अन्य स्थानों पर चले गए जबकि कई चुटैल पुलिसकर्मी वापस ड्यूटी पर जा डटे। उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 21 नवंबर तक बाबा रामपाल की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। इससे पहले वह तीन तारीखों पर हाजिर नहीं हुए हैं।

    आश्रम का पुलिस पर बर्बर हमले का आरोप

    हिसार। बरवाला के सतलोक आश्रम से बाबा रामपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कार्रवाई में आश्रम ने कई लोगों के मारे जाने और करीब आठ सौ अनुयायियों के घायल होने का दावा किया है। आश्रम के प्रवक्ता राहुल के अनुसार पुलिस ने पहले मीडिया पर हमला करके उसे आश्रम से दूर किया, इसके बाद बाबा के अनुयायियों पर बर्बर हमला किया। इस हमले में चार महिलाएं आश्रम के भीतर जबकि पांच महिला-पुरुष आश्रम के बाहर मारे गए। प्रवक्ता के अनुसार बाबा रामपाल अब आश्रम में नहीं हैं और वे लोग भी आश्रम छोड़कर अन्यत्र नहीं जा सकते।

    दीवार तोडऩे की कोशिश होते ही हमला

    मंगलवार सुबह करीब नौ बजे पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम देना शुरू किया। मुख्य द्वार पर बैठे महिला व बच्चों को खदेड़कर जैसे ही दो स्थानों से जेसीबी के जरिये आश्रम की दीवार तोडऩे की कोशिश की गई, रामपाल समर्थकों ने पुलिस पर हमला बोल दिया।

    निजी कमांडो ने शुरू किया पथराव

    पुलिस जैसे ही पीछे का गेट तोड़कर सतलोक आश्रम में घुसी। रामपाल के निजी कमांडो ने पुलिस पर धावा बोल दिया और डीजल व पेट्रोल से बने बम फेंकने शुरू कर दिए। पुलिस ने बचाव के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया तो फायङ्क्षरग शुरू कर दी और पथराव किया। इससे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए। पत्थर पहले से ही आश्रम के शेड और परिसर में जमा थे।

    डीजल-पेट्रोल व केरोसिन से बनाए बम

    रामपाल के अनुयायियों ने आश्रम से डीजल, पेट्रोल व मिट्टी का तेल बोतल व बाल्टियों में भरकर बाहर पुलिस पर फेंकना शुरू कर दिया। महिला अनुयायियों ने डीजल व मिट्टी के तेल में कपड़े भिगोकर उनमें आग लगाई और पुलिस पर फेंकने लगे।

    अधिकारियों व सिपाहियों में मारपीट

    कार्रवाई के दौरान पुलिसकर्मियों को आगे बढऩे के लिए उकसा रहे यमुनानगर के एसपी ने जब एक सिपाही को लात मारी तो उसके साथी पुलिसकर्मी भड़क उठे। उन्होंने एसपी से पलटकर मारपीट की। खुद को बचाकर भागे एसपी को जैसे-तैसे बुलेटप्रूफ वाहन में बैठाकर मौके से हटाया गया

    पत्रकारों की पिटाई पर एनएचआरसी का नोटिस

    नई दिल्ली। हिसार में सतलोक आश्रम के बाहर हरियाणा पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज में कुछ पत्रकारों के घायल होने की घटना को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गंभीरता से लिया है। पुलिस को नोटिस जारी करते हुए आयोग ने दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। इस मामले में आयोग के पास शिकायत आई थी। जांच के दौरान शिकायत को सही पाया गया। आयोग ने कहा कि पत्रकारों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है।

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