हरीश रावत ने संभाली उत्तराखंड की कमान
पांच घंटे चली जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधायक दल हरीश रावत को नेता मानने पर सहमत हो गया और शनिवार देर शाम रावत ने उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने रावत को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
देहरादून। पांच घंटे चली जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधायक दल हरीश रावत को नेता मानने पर सहमत हो गया और शनिवार देर शाम रावत ने उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने रावत को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। रावत के साथ 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली है। ये सभी मंत्री विजय बहुगुणा के मंत्रिमंडल में भी थे। 65 वर्षीय रावत अभी तक केंद्र सरकार में मंत्री थे और वह हरिद्वार से सांसद हैं।
इससे पहले पर्यवेक्षक के रूप में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी, गुलाम नबी आजाद और अंबिका सोनी ने पार्टी विधायकों के साथ नेता के नाम को लेकर सलाह-मशविरा किया। गुटों में बंटे विधायक दल में जब सहमति बनती न लगी तो उन्होंने पूरे हालात पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को टेलीफोन पर अपनी रिपोर्ट दी। सोनिया के कड़े रुख के चलते आखिरकार सभी को हरीश रावत के नाम पर तैयार होना पड़ा। रावत इससे पहले सन 2012 में आखिरी समय मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हुए थे जब पार्टी हाईकमान ने विजय बहुगुणा के नाम पर अपनी मुहर लगा दी थी। 70 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 33 सदस्य हैं जबकि उसे बसपा के तीन, उक्रांद के एक और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल है। राज्य में मुख्य विपक्ष दल भाजपा के 30 विधायक हैं।
मुख्यमंत्री बनने के बाद रावत ने कहा, प्राकृतिक आपदा से बिगड़े हालात को पटरी पर लाने की उनकी प्राथमिकता होगी। इसके अतिरिक्त वह राज्य को फिर से विकास के पथ पर अग्रसर करेंगे।
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