बहुगुणा का जाना तय, उत्तराखंड की कमान होगी रावत के हाथ?
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तराखंड में एक फरवरी से सत्ता की कमान नए मुख्यमंत्री के हाथ होगी। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की इबारत तैयार करते हुए कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री हरीश रावत को सूबे का मुख्यमंत्री बनाने पर मुहर लगा दी है। निजाम के बदलाव और रावत की ताजपोशी की औपचारिकता के लिए के लिए कांग्रेस आलाकमान का एक पर्यवेक्षक दल एक फरवरी को देहरादून जाएगा। मौजूदा मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ही रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखेंगे।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तराखंड में एक फरवरी से सत्ता की कमान नए मुख्यमंत्री के हाथ होगी। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की इबारत तैयार करते हुए कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री हरीश रावत को सूबे का मुख्यमंत्री बनाने पर मुहर लगा दी है। निजाम के बदलाव और रावत की ताजपोशी की औपचारिकता के लिए के लिए कांग्रेस आलाकमान का एक पर्यवेक्षक दल एक फरवरी को देहरादून जाएगा। मौजूदा मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ही रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखेंगे।
बदलाव के बाद इस पहाड़ी राज्य में कुछ सामाजिक समीकरण केंद्र और प्रदेश में दूसरे परिवर्तनों के माध्यम से साधने की कोशिश की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक बदलाव से पहले मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा शुक्रवार को इस्तीफा देंगे। नेतृत्व परिवर्तन की यह कवायद निर्विघ्न पूरी हो सके इसके लिए कांग्रेस की एक केंद्रीय टीम एक फरवरी को देहरादून पहुंचेगी। बताया गया है कि पार्टी हाईकमान की ओर से बतौर पर्यवेक्षक गुलाम नबी आजाद, जनार्दन द्विवेदी और राज्य की कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी साथ पहुंचेंगे। बहुगुणा को पहले ही कामराज प्लान का हवाला देकर इस स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा जा चुका था। रावत के नाम पर उत्तराखंड में जिन गुटों को आपत्ति थी, जिनको आलाकमान ने खारिज कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार परिवर्तन को लेकर पार्टी आलाकमान के साथ तय फार्मूले के तहत मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ही अपने उत्तराधिकारी के नाम का प्रस्ताव भी करेंगे जिस पर विधायक दल की मंजूरी ली जाएगी। बताया जाता है कि हाल में दिल्ली आए बहुगुणा को भी परिवर्तन की जरूरत के बारे में बता दिया गया था। पार्टी ने यह फैसला आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में सरकार के कामकाज को लेकर फैले असंतोष को दूर करने की कोशिश में लिया है। राज्य की प्रभारी अंबिका सोनी ने इस सिलसिले में राज्य के कई नेताओं से रायशुमारी भी की है।
हालांकि, सियासी दांव-पेंच के बीच राज्य में हरीश रावत के खिलाफ भी असंतोष के सुर उठे हैं। साथ ही विधायकों के बीच से ही मुख्यमंत्री बनाए जाने की भी मांग उठी है।
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बताया जाता है कि राज्य के कुछ नेताओं ने आलाकमान के आगे इस बाबत शिकायत दर्ज कराई है कि केंद्रीय मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री पद जैसे दोनों अवसर रावत के खाते में जा रहे हैं।
हालांकि माना जा रहा है कि आलाकमान संतुलन साधने के लिए उत्तराखंड से केंद्रीय मंत्रिमंडल में किसी नेता को जगह देने या संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी दे सकता है।
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