रविंद्रनाथ टैगोर से लेकर अभिजीत बनर्जी तक इन भारतीयों को मिला है Nobel Prize, जानें पूरी लिस्ट
पूरी दुनिया की नजरें आज के समय नोबेल पुरस्कारों पर टिकी हुई हैं। यह पुरस्कार फिजिक्स कमेस्ट्री मेडिसिन साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिए जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार विश्व का सबसे सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पूरी दुनिया की नजरें आज के समय नोबेल पुरस्कारों पर टिकी हुई हैं। यह पुरस्कार फिजिक्स, कमेस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिए जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार विश्व का सबसे सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है। इसकी श्रेष्ठता और महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस पुरस्कार को पाने वाले व्यक्ति से उस देश का गौरव बढ़ जाता है। कवि, विचारक, लेखक और अर्थशास्त्री सहित कई भारतीय इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अपने नाम कर चुके हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने साल 1913 में सबसे पहले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अपने नाम किया था।
पहले भारतीय बने रवींद्रनाथ टैगोर
रवींद्रनाथ टैगोर ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को साल 1913 में अपने नाम किया था। उनको साहित्य में बेहतर काम करने के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। कविता संग्रह गीतांजलि के लिए उनको यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था।
सर चंद्रशेखर वेंकट रमन
सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को फिजिक्स के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने केलिए नोबेल का पुरस्कार दिया गया था। लाइट के कणों के बिखराव और उसका विस्तृत वर्णन (प्रकाश के प्रकीर्णन) के लिए 1930 में उनको इससे नवाजा गया था। उनके इस अविष्कार को रमन इफेक्ट के नाम से भी जाना जाता है।
हर गोबिंद खुराना
विज्ञान की दुनिया में भारत का नाम रौशन करने वाले डा. हरगोविंद खुराना को 1968 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने कृत्रिम जीन का निर्माण किया था। उनका जन्म 9 जनवरी 1922 को अविभाजित भारत के रायपुर गांव (पंजाब, अब पूर्वी पाकिस्तान) में हुआ था। वह अपने गांव के एकमात्र पढ़े-लिखे परिवार से थे।
मदर टेरेसा
मदर टेरेसा को साल 1979 में शांति के क्षेत्र में काम करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया। मदर टेरेसा 'सेंट टेरेसा आफ कलकत्ता' के नाम से भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बानिया में हुआ था।
सुब्रमण्यन चंद्रशेखर
एस चंद्रशेखर उन भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1934 में महज 24 वर्ष की आयु में ही उन्होंने तारों के गिरने और लुप्त होने की गुत्थी सुलझा ली थी। उन्हें साल 1983 में भौतिकी के क्षेत्र में डॉक्टर विलियम फाऊलर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले भारत के पहले अर्थशास्त्री बने अमर्त्य सेन
अमर्त्य सेन भारत के पहले ऐसे अर्थशास्त्री थे जिन्हें लोक कल्याण अर्थशास्त्र के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अमर्त्य सेन ने अपने कालेज के दौरान ही लोकल्याण अर्थशास्त्र की कठिनाइयों, संसाधनों और समुदाय में उनके बंटवारे पर शोध किया था।
सर विद्याधर सूरजप्रसाद नायपाल
लेखक सर विद्याधर सूरजप्रसाद नायपाल को साल 2001 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। उनका जन्म भारत में हुआ था हालांकि बाद में वह ब्रिटेन चले गए। सर नायपाल को बुकर प्राइज से भी सम्मानित किया जा चुका है।
वेंकटरमण रामकृष्णन
वेंकटरमण रामकृष्णन का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। रसायन विज्ञान में राइबोसोम की संरचना और इसपर विस्तृत जानकारी देने के लिए साल 2009 में नोबेल पुरस्कार दिया गया।
शांति के लिए कैलाश सत्यार्थी को मिला नोबेल पुरस्कार
जाने माने समाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी को साल 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बाल मजदूर उन्मूलन और शिक्षा के लिए उन्हें यह पुरस्कार दी गई।
अभिजीत बनर्जी
अभिजीत बनर्जी को साल 2019 में आर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गरीबी हटाने की दिशा में काम करने के लिए उन्हें इस पुरस्कार को दिया गया।
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