Move to Jagran APP

Nobel Prize: नोबेल पुरस्कारों में क्‍यों पीछे रही दुनिया की आधी आबादी, किन देशों का बजा डंका, कहां खड़ा है भारत

मसलन क्या आप जानते हैं नोबेल पुरस्कारों के इतिहास में अब तक कितनी महिलाओं को यह पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कारों पर किन तीन प्रमुख देशों का वर्चस्व रहा है।। विकासशील देशों की नोबेल पाने में क्‍या हिस्‍सेदारी रही है आदि-आदि।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 11:40 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 05:17 PM (IST)
Nobel Prize: नोबेल पुरस्कारों में क्‍यों पीछे रही दुनिया की आधी आबादी, किन देशों का बजा डंका, कहां खड़ा है भारत
आखिर नोबेल पुरस्कारों में क्‍यों पीछे रही दुनिया की आधी आबादी।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। आजकल पूरी दुनिया की नजरें नोबेल पुरस्कारों पर टिकी है। नोबेल पुरस्कार दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार हैं। इसकी श्रेष्ठता और महत्‍ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसको पाने वाले व्यक्ति से उस देश का गौरव बढ़ जाता है। आज हम आपसे नोबेल पुरस्कारों के कुछ अनछुए और उसके दिलचस्‍प पहलुओं पर चर्चा करेंगे। प्राय: इस पर किसी की नजर नहीं पड़ती। इसकी चर्चा प्राय: नहीं होती है। मसलन, क्या आप जानते हैं नोबेल पुरस्कारों के इतिहास में अब तक कितनी महिलाओं को यह पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कारों पर किन तीन प्रमुख देशों का वर्चस्व रहा है। विकासशील देशों की नोबेल पाने में क्‍या हिस्‍सेदारी रही है, आदि-आदि।

loksabha election banner

पुरस्कारों के वितरण पर भी उंगलियां उठी

दरअसल, दुनिया में लोकतंत्र के प्रसार के साथ नोबेल पुरस्कारों के वितरण पर भी उंगलियां उठ रही हैं। यह आरोप भी नाजायज नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की नोबेल पुरस्कार जीतने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी बहुत कम है। नोबेल के इतिहास में अब तक महज छह फीसद महिलाओं को ही यह पुरस्‍कार मिला है। सबसे ज्‍यादा पुरस्‍कार विकसित देशों की झोली में आया है। यही हाल एशियाई एवं अफ्रीकी देशों की हिस्‍सेदारी का भी है। नोबेल के मामले में अमेरिका और यूरोपीय देशों का डंका बजा है।

पुरस्कार वितरण में महिला पुरुष के बीच लंबा गैप

नोबेल पुरस्कारों के वितरण की लंबी अवधि के बाद भी केवल 53 महिलाओं को यह पुरस्कार मिला, जबकि अब तक 766 पुरुषों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। नोबेल जीतने वालों में महिलाओं की हिस्‍सेदारी महज छह फीसद है। शांति के क्षेत्र में अब तक सर्वाधिक 17 बार महिलाओं को यह पुरस्कार मिल चुका है। अब तक 12 बार मेडिसिन के क्षेत्र में, 16 बार साहित्‍य, दो बार रसायन के क्षेत्र में, चार बार भौतिक के क्षेत्र में मिल चुका है।

एशियाई मुल्‍कों में अग्रणी रहा जापान, तीसरे नंबर पर भारत

नोबेल में एशिया और अफ्रीका की हिस्सेदारी बेहद कम रही है। जनसंख्या के लिहाज से दोनों सबसे बड़े महाद्वीप की हिस्सेदारी महज 10 फीसद ही है। इस पर सात फीसद में एशियाई मुल्‍क हैं और तीन फीसद में अफ्रीकी देश शामिल है। एशियाई मुल्कों में जापान को सर्वाधिक नोबेल मिल चुके हैं। 27 पुरस्कारों के साथ जापान एशियाई मुल्कों में अग्रणी राष्ट्र है।। दूसरे नंबर पर चीन का स्थान है और तीसरे नंबर पर भारत है। चीन को अब तक नौ बार यह पुरस्कार मिल चुके हैं। वह दूसरे स्थान पर है, जबकि भारत को सात बार यह पुरस्कार मिल चुका है। भारत तीसरे स्‍थान पर है।

नोबेल के मामले में अमेरिका दुनिया का अग्रणी राष्ट्र

अगर एक देश की बात की जाए तो अमेरिका को 281 बार नोबेल प्राप्त हो चुका है। नोबेल के मामले में अमेरिका दुनिया का अग्रणी राष्ट्र है। 88 नोबेल के साथ दूसरे स्थान पर हैं। जर्मनी को 83 बार या पुरस्कार मिल चुका है और वह तीसरे स्थान पर है। 57 नोबेल के साथ फ्रांस चौथे स्थान पर है। 27 नोबेल के साथ जापान पांचवें स्थान पर है। अगर शीर्ष पांच देशों की बात की जाए तो जापान एशिया का पहला मुल्क है, जिसने 27 नोबेल हासिल किए।

आसियान और अफ्रीका पीछे रहे

आसियान देशों में आस्ट्रेलिया नंबर वन पर है। 10 नोबेल के साथ वह अग्रणी राष्ट्र है। दूसरे स्थान पर न्यूजीलैंड है। उसे अब तक तीन बार नोबेल मिल चुका है। आसियान का छोटा सा देश ईस्‍ट तिमोर को दो बार यह पुरस्कार मिल चुका है, वह तीसरे स्थान पर है। अफ्रीका महाद्वीप में दक्षिण अफ्रीका अग्रणी राष्ट्र है। उसे अब तक 10 बार नोबेल मिल चुका है। दूसरे स्थान पर मिश्र है। उसे छह बार नोबेल मिल चुका है। तीसरे स्‍थान पर लीबिया है उसे दो बार नोबेल मिल चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.