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    कलाम की जिंदगी में दोस्तों की थी अहमियत, इनकी सलाह पर आधे दौरे से लौट आए थे वापस...

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Sat, 15 Oct 2022 03:59 PM (IST)

    कलाम द अनटोल्ड स्टोरी नामक पुस्तक को कलाम के प्राइवेट सेक्रेटरी आरके प्रसाद ने लिखा है। उन्होंने पुस्तक में लिखा है कि दौरे को लेकर कलाम के इस तरह के फैसले से RSS नेतृत्व परेशान हो गई क्योंकि उन्होंने इसके लिए विशेष इंतजाम और योजनाएं बना लीं थीं।

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    कलाम की जिंदगी में दोस्तों की थी अहमियत, इनकी सलाह पर आधे दौरे से लौट आए थे वापस...

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जिंदगी में उनके दोस्तों की काफी अहमियत थी। एक ऐसा ही वाकया है जो इस बात को सौ फीसद साबित कर रहा है। दोस्तों की सलाह पर कलाम आधे रास्ते से वापस लौट आए थे। यह बात उनपर लिखी गई नई पुस्तक में सामने आई है।  

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    न्यूज एजेंसी प्रेट्र के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) ने एक बार नागपुर में RSS मुख्यालय का अपना दौरा रद कर दिया था, जहां उन्हें एक इवेंट में शामिल होना था। दरअसल उनके मित्रों ने उन्हें चेताया था कि उनपर 'RSS sympathiser' की मुहर लग जाएगी जिसके बाद कलाम ने यह फैसला लिया था। यह दावा नई पुस्तक- कलाम: द अनटोल्ड स्टोरी में किया गया है।

    कलाम के फैसले से परेशान हो गया था संघ

    पुस्तक को कलाम के प्राइवेट सेक्रेटरी आरके प्रसाद ने लिखा है। उन्होंने पुस्तक में लिखा है कि दौरे को लेकर कलाम के इस तरह के फैसले से RSS नेतृत्व परेशान हो गई क्योंकि उन्होंने इसके लिए विशेष इंतजाम और योजनाएं बना लीं थीं। पुस्तक के अनुसार, दोस्तों की कड़ी आपत्ति और सलाह के बाद कलाम ने अपने सेक्रेटरी प्रसाद से कहा था कि वे संस्था को एक्सक्यूज बता दें।

    कलाम की 91वीं जयंती आज 

    15 अक्टूबर, 2022 को कलाम की 91वीं जयंती है। 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे कलाम को जनता का राष्ट्रपति माना जाता है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की आलोचनाओं के बावजूद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2018 के जून में मुख्यालय में RSS द्वारा आयोजित थर्ड ईयर कोर्स के सत्र में हिस्सा लिया था। ब्लूम्सबरी द्वारा प्रकाशित, 'कलाम: द अनटोल्ड स्टोरी' के जरिए कलाम का राजनीति में नेताओं के साथ संबंध को लेकर नया पक्ष पेश करता है। साथ ही कुछ विवादों के पीछे की सच्चाई का जिक्र भी इसमें है।

    2014 के मई में हमारे आफिस को RSS जनरल सेक्रेटरी राम माधव का निमंत्रण मिला। वे चाहते थे कि पूर्व राष्ट्रपति युवा RSS वालंटियर्स को ट्रेनिंग कैंप में संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में संबोधित करें।

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