जागरण प्राइम टीम, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में ‘सप्त ऋषि’ का उल्लेख किया है। अनेक पौराणिक ग्रंथों में सप्त ऋषियों का उल्लेख मिलता है। पुराणों के अनुसार, सप्तर्षियों का जन्म ब्रह्मा जी के मस्तिष्क से हुआ था और शिव जी ने गुरु का दायित्व संभालते हुए उन्हें शिक्षा दी थी। सप्त ऋषि ज्योतिष में भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। वित्त मंत्री ने अपनी बजट घोषणाओं को सात भागों में बांट कर उन्हें ‘सप्त ऋषि’ नाम दिया है। आइए जानते हैं ये ‘सप्त ऋषि’ कौन हैं और उनके लिए बजट में क्या प्रावधान किए गए हैं।

1. समावेशी विकास

कृषिः एग्री स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए फंड

कृषि कर्ज 11 प्रतिशत बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है। इसमें फोकस पशुपालन, डेयरी और फिशरीज पर रहेगा। कृषि एक्सलरेटर फंड से ग्रामीण इलाकों में युवा उद्यमियों के एग्री-स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों की चुनौतियों का नया और सस्ता समाधान तलाशना होगा। इससे कृषि पद्धति में बदलाव के साथ उत्पादकता और मुनाफा बढ़ाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो सकेगा।

बीमारी मुक्त और ऊंची वैल्यू वाली बागवानी फसलों के लिए आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट प्रोग्राम लांच किया जाएगा। इस पर 2,200 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान है। मछुआरों, मछली वेंडर और लघु तथा छोटे उद्यमियों के लिए नई उप-योजना पीएम मत्स्य संपदा योजना आएगी। 6,000 करोड़ रुपये निवेश से पूरी वैल्यू चेन में सुधार किया जाएगा।

किसानों की मदद के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। इस पर फसल योजना, फसल स्वास्थ्य, कृषि इनपुट, कर्ज, बीमा, मार्केट इंटेलिजेंस की जानकारी होगी। मध्य प्रदेश के पूर्व कृषि सचिव प्रवेश वर्मा के अनुसार बजट का आशय बढ़िया है, लेकिन योजना बनाने और उस पर अमल में हमेशा बड़ा अंतर होता है। कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की चर्चा कम से कम पांच साल से हो रही है। योजना की डिटेल आने पर ही उसके बारे में कोई विशेष टिप्पणी की जा सकती है।

भारत मिलेट यानी ‘श्री अन्न’ का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा बड़ा निर्यातक है। भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए हैदराबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाएगा। यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च, टेक्नोलॉजी आदि साझा करेगा।

काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के सीनियर प्रोग्राम लीड अपूर्व खंडेलवाल के अनुसार, “बजट में प्राकृतिक खेती के लिए तीन प्रमुख घोषणाएं हैं, जो पोषण सुरक्षा बढ़ाने के साथ किसानों की आजीविका में सुधार कर सकती हैं। पहला, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के माध्यम से अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों की सहायता है। इसे वर्षा आधारित क्षेत्र जैसे कम जोखिम व उच्च लाभ वाले क्षेत्रों में लक्षित करने की जरूरत है। दूसरा, अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष में 'श्री अन्न' को प्रोत्साहन की उम्मीद पहले से थी। सरकार को सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करने के लिए राज्यों के बीच एक-दूसरे से सीखने की दिशा में ध्यान देना चाहिए, खास तौर पर ओडिशा जैसे अग्रणी राज्यों से। तीसरा है पीएम-प्रणाम और योजनाओं के वित्तपोषण को 'इनपुट-आधारित' की जगह 'परिणाम-आधारित' बनाना।”

सहकारिताः विशाल सहकारी स्टोरेज बनेंगे

बजट में बड़े विकेंद्रीकृत स्टोरेज बनाने की घोषणा की गई है, जहां किसान अपनी उपज रख सकेंगे। उपज को उचित समय पर बेचकर वे अच्छी कीमत पा सकते हैं। सरकार अगले 5 वर्षों में मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसायटी बनाने में भी मदद करेगी। 63,000 प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी (पैक्स) के कंप्यूटराइजेशन का काम पहले से चल रहा है। पूरे देश की कोऑपरेटिव सोसायटी की मैपिंग के लिए एक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।

स्वास्थ्य एवं शिक्षाः 157 नर्सिंग कॉलेज, डिजिटल लाइब्रेरी बनेगी

देश में 157 नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। ये नर्सिंग कॉलेज उन्हीं जगहों पर होंगे जहां 2014 से अब तक 157 मेडिकल कॉलेज खुले हैं। 2047 तक सिकल सेल एनीमिया खत्म करने के लिए मिशन लांच किया जाएगा। इसके तहत प्रभावित जनजातीय इलाकों में 40 साल तक आयु वर्ग के लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जाएगी।

चुनिंदा आईसीएमआर लैब सरकारी के साथ निजी मेडिकल कॉलेज के रिसर्च के लिए खोले जाएंगे। फार्मा में रिसर्च और इनोवेशन के लिए नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। मेडिकल डिवाइस सेक्टर को स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा संस्थानों में नए कोर्स शुरू होंगे।

अच्छी क्वालिटी की किताबें उपलब्ध कराने के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी। राज्यों से पंचायत और वार्ड स्तर पर फिजिकल लाइब्रेरी बनाने के लिए कहा जाएगा। एनबीटी, चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट तथा अन्य संस्थानों से इन लाइब्रेरी को पाठ्यक्रम से इतर पुस्तकें उपलब्ध कराने को कहा जाएगा।

2. इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश

बुनियादी ढांचा मजबूत करने के लिए 10 लाख करोड़

वित्त मंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में पूंजी निवेश 33 फीसदी बढ़ा कर 10 लाख करोड़ किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट इन्फ्रा प्रोजेक्ट पर करीब 75,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा। सरकार अर्थव्यवस्था के तेज विकास के लिए रेलवे को काफी प्राथमिक्ता दे रही है। इसी के चलते बजट में रेलवे के लिए सरकार ने 2023-24 में 2.4 लाख करोड़ का बजट दिया है। वित्त मंत्री के मुताबिक 2013-14 से अब तक रेलवे को मिलने वाले बजट में नौ गुना वृद्धि हुई है। 2022-23 में सरकार ने 1,40,367.13 करोड़ रुपये दिए थे।

वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें भी बनेंगी

रेल मंत्री अश्चवनी वैष्णव ने बताया कि आज भारत को दुनिया के ग्रोथ इंजन के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से दिए गए बजट से रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर में कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी। रेलवे एनर्जी कॉरीडोर, पोर्ट कॉरीडोर सहित अन्य तरह के कॉरीडोर के कॉन्सेप्ट पर तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि रेलवे वंदे भारत ट्रेनों की तरह ही वंदे मेट्रो ट्रेनों को भी विकसित कर रही है। यह शहरों में लोगों की जरूरत पूरी करेगा। अगले साल से ये वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें देखने को मिलेंगी। 1275 रेलवे स्टेशनों का रीडेवलपमेंट हो रहा है। वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन भी बढ़ेगा। हरियाणा के सोनीपत, उत्तर प्रदेश के रायबरेली और लातूर में भी इस ट्रेन का उत्पादन शुरू होगा। वंदे भारत ट्रेन से देश के कई हिस्सों को जोड़ा जाएगा। बुलेट ट्रेन का काफी तेजी से काम चल रहा है। इस साल इसका काफी काम पूरा होगा।

50 नए एयरपोर्ट बनेंगे

इन्फ्रास्ट्रक्चर की ग्रोथ में एविएशन सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर निवेश होगा। सरकार 50 और नए एयरपोर्ट्स, हेलीपोर्ट्स, एयरोड्रम बनाने की योजना पर काम कर रही है। ऐसे में आने वाले समय में नए एयरपोर्ट बनाने के साथ ही पुराने एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाने पर भी बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचे के वर्गीकरण और वित्तपोषण के लिए एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया जाएगा। उत्तर पूर्व विशेष इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम के तहत 2023-24 में 2,491 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

3. फाइनेंशियल सेक्टर

7.5 प्रतिशत ब्याज वाला महिला सम्मान बचत पत्र

महिलाओं के लिए यह सेविंग्स स्कीम दो साल के लिए होगी। अर्थात 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 तक। इस स्कीम में किसी महिला या बच्ची के नाम पर दो साल के लिए अधिकतम दो लाख रुपये जमा किए जा सकेंगे। इन पर 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। आंशिक रूप से पैसे निकालने का विकल्प भी रहेगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए जमा की सीमा बढ़ी

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत अधिकतम जमा राशि की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये की गई। मासिक आय योजना में अधिकतम जमा की सीमा सिंगल एकाउंट के लिए 4.5 से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और ज्वाइंट एकाउंट के लिए 9 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई।

डिजिटल भुगतान बढ़ाने की कोशिश

2022 में डिजिटल ट्रांजैक्शन की संख्या 76 प्रतिशत बढ़ी। इनमें होने वाले लेन-देन की राशि में पिछले साल की तुलना में 91 प्रतिशत की वृद्धि हुई। डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वित्तीय मदद 2023-24 में भी जारी रहेगी। यूपीआई के जरिए 2022 में 7,400 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन में 126 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। ईपीएफओ के सदस्य भी 27 करोड़ हो गए। इससे पता चलता है कि इकोनॉमी तेजी से औपचारिक हो रही है।

एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी

पिछले साल घोषित संशोधित क्रेडिट गारंटी योजना 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। इसके लिए 9,000 करोड़ रुपये का फंड बनेगा। इससे एमएसएमई के लिए कर्ज की लागत एक प्रतिशत कम हो जाएगी। योजना के तहत कुल दो लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कोलेटरल-फ्री कर्ज दिए जा सकेंगे।

फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन रजिस्ट्री बनेगी

यह रजिस्ट्री फाइनेंशियल और इससे संबंधित सूचनाओं की रिपॉजिटरी के तौर पर काम करेगी। इससे फाइनेंशियल इनक्लूजन बढ़ाने और वित्तीय स्थिरता हासिल करने में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक के साथ मशविरे के बाद इसके लिए नया कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा।

फाइनेंशियल सेक्टर का रेगुलेशन

नियम बनाने में ‘पब्लिक कंसल्टेशन’ को शामिल किया जाएगा। कंप्लायंस आसान बनाने के लिए रेगुलेटर्स मौजूदा नियमों की व्यापक समीक्षा करेंगे। इसके लिए पब्लिक से भी सुझाव लेंगे। विभिन्न नियमों के तहत आवेदनों को निपटाने की समय सीमा भी तय की जाएगी।

गिफ्ट आईएफएससी में सिंगल विंडो

दोहरा रेगुलेशन से बचने के लिए एसईजेड एक्ट के तहत आईएफएससीए को अधिकार दिए जाएंगे। आईएफएससीए, एसईजेड अथॉरिटी, जीएसटीएन, आरबीआई, सेबी और इरडा से मंजूरी/रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो आईटी सिस्टम बनाया जाएगा। ट्रेड रिफाइनेंसिंग के लिए एक्जिम बैंक की एक सब्सिडियरी बनाई जाएगी। डिजिटल सॉल्यूशन के इच्छुक देशों के लिए गिफ्ट आईएफएससी में उनकी डाटा एंबेसी स्थापित करने में मदद की जाएगी।

बैंकिंग गवर्नेंस में सुधार के लिए संशोधन

बैंकिंग में गवर्नेंस सुधारने और निवेशकों की सुरक्षा के लिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, बैंकिंग कंपनीज एक्ट और आरबीआई एक्ट में कुछ संशोधन होंगे। कंपनियों की सहूलियत के लिए सेंट्रल डाटा प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी से बिना क्लेम वाले शेयर और डिविडेंड आसानी से प्राप्त करने के लिए इंटीग्रेटेड आईटी पोर्टल बनेगा।

4. हरित विकास

ऊर्जा ट्रांजिशन और ऊर्जा सुरक्षा के लिए ₹35,000 करोड़

बजट में हरित ऊर्जा बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस मिशन के तहत अर्थव्यवस्था को कम कार्बन तीव्रता और हरित अर्थव्यवस्था में बदलने की सुविधा प्रदान हासिल हो सकेगी।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन अर्थव्यवस्था को जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा। हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य 2030 तक 5 मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन तक पहुंचना है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा ऊर्जा ट्रांजिशन और ऊर्जा सुरक्षा के लिए ₹35,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

2070 तक शुद्ध जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य

वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि भारत 2070 तक शुद्ध जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा है ताकि हरित औद्योगिक और आर्थिक संक्रमण की शुरुआत हो सके। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत एक ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा, यह कंपनियों, व्यक्तियों और स्थानीय निकायों द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी और उत्तरदायी कार्यों को प्रोत्साहित करेगा।

पुराने वाहन बदलने के लिए आवंटित की जाएगी धनराशि

वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि पीपीपी मॉडल के माध्यम से तटीय शिपिंग को ऊर्जा कुशल और परिवहन के कम लागत वाले साधन के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पुराने, प्रदूषणकारी वाहनों को बदलना अर्थव्यवस्था को हरित बनाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एंबुलेंस के पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की जानी है।

5. अंतिम आदमी तक पहुंच

पीएम आवास योजना के लिए 79,000 करोड़

बजट में पीएम आवास योजना के लिए आवंटन 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ किया गया है। पिछले बजट में यह 48,000 करोड़ रुपये था। वित्त मंत्री ने PM VIKAS यानी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना का भी ऐलान किया। यह ट्रेडिशनल और स्किल्ड प्रोफेशनल के सशक्तीकरण की योजना है। उन्हें हुनर, तकनीक सीखने से लेकर आर्थिक मदद दी जाएगी। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान के तहत केंद्रीय बजट में परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए आर्थिक सहायता पैकेज घोषित किया गया है। इसका उद्देश्य उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ जोड़ना है, ताकि वो अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने में सक्षम बन सकें। यही नहीं वित्त मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन, कोविड टीकाकरण, जन-धन खाते, पीएम सुरक्षा बीमा आदि योजनाओं में सरकार द्वारा खर्च किए गए बजट और भविष्य में इनके प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी बताया।

प्रवासी मजदूरों के लिए पोर्टल

गरीबों को मुफ्त अनाज देने के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के समय हमने 80 करोड़ गरीब लोगों को अनाज उपलब्ध कराकर सुनिश्चित किया कि कोई भूखा ना सोए। उन्होंने कहा कि नालों की सफाई के लिए तकनीकी व्यवस्था बनाई जाएगी, साथ ही मैनहोल में घुसकर कोई व्यक्ति सफाई नहीं करेगा। प्रवासी मजदूरों को लेकर बनने वाले पोर्टल पर वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी में जिस तरह की परेशानियां हुईं, उसको ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं और उनको आने वाली दिक्कतों को इस पोर्टल के जरिए दूर किया जाएगा।

6. युवा शक्ति

30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बनेंगे

बजट में युवाओं की शिक्षा और कौशल का ध्यान रखा गया है। स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने में युवाओं की सहायता की जाएगी। नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की जाएगी जिसमें सभी आयु वर्ग के लोगों की जरूरत की किताबें होंगी। युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे डिजिटल लाइब्रेरी से जुड़ सकें।

वित्त मंत्री ने 3 वर्षों में 47 लाख युवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 'अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता योजना' के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू करने की घोषणा की है। युवाओंको डिजिटल ट्रेनिंग के माध्यम से कई कौशल शिक्षाएं दी जाएंगी। युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कुशल बनाने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

कौशल उन्नयन के लिए सिविल सेवकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। युवाओं के लिए डीबीटी स्कीम (Direct Benefit Transfer Scheme 2023) और नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम की शुरूआत की जाएगी। स्टार्टअप और शिक्षण संस्थानों के इनोवेशन और रिसर्च को सामने लाने के लिए नेशनल डेटा गर्वर्नेंस पॉलिसी लाई जाएगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की जाएगी। कृषि, स्वास्थ्य और शहरी विकास के लिए यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम होगा।

7. संभावनाओं का विस्तार

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र

"मेक एआई इन इंडिया एंड मेक एआई वर्क फॉर इंडिया" को ध्यान में रखते हुए शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता के तीन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी के तहत स्टार्टअप्स और शिक्षाविदों द्वारा नए प्रयोग और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी लाई जाएगी।

केवाईसी प्रक्रिया का सरलीकरण

केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और लोगों को अलग-अलग कामों के लिए बार-बार केवाईसी नहीं कराना होगा। डिजीलॉकर सेवा और आधार का उपयोग करके विभिन्न सरकारी एजेंसियों, नियामकों और विनियमित संस्थाओं द्वारा बनाई गई व्यक्तियों की पहचान और पते के मिलान और अद्यतन के लिए एक स्थान पर समाधान मुहैया कराया जाएगा। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए एक स्थायी खाता संख्या (पैन) होना आवश्यक है, पैन का उपयोग सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों में उनकी पहचान के लिए किया जाएगा।

ई-अदालत परियोजना के चरण-3 के तहत ई कोर्ट बनाने के लिए 7,000 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। एमएसएमई, बड़े व्यवसाय और धर्मार्थ ट्रस्टों द्वारा उपयोग के लिए एक इंट्री डिजिलॉकर स्थापित किया जाएगा।

5जी आधारित सेवाओं के लिए 100 प्रयोगशालाएं

5जी सेवाएं: 5जी सेवाओं के व्यावसायिक और औद्योगिक इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। प्रयोगशाला में हीरे (एलजीडी) बनाना उभरता हुआ बाजार है। इसमें युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिल रहा हे। भारत में प्रयोगशाला में हीरे बनाने के लिए मशीनों के स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए, किसी एक IIT को पांच वर्षों के लिए अनुसंधान और विकास अनुदान प्रदान किया जाएगा।