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    किसान प्रतिनिधियों की वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक; सस्ता कर्ज, टैक्स कम करने और PM Kisan की राशि दोगुनी करने की मांग

    Updated: Sat, 07 Dec 2024 08:05 PM (IST)

    किसानों के आंदोलन के बीच शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसान प्रतिनिधियों से बातचीत की। करीब दो घंटे तक किसान प्रतिनिधियों की बैठक चली। इसमें किसानों की गई मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया गया। किसानों ने कर्ज पर ब्याज कम करने और जीएसटी घटाने की भी मांग की। बजट से पहले होने वाली बैठक के क्रम में यह बातचीत हुई।

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    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई किसान प्रतिनिधियों की बैठक।

    पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट से पहले होने वाली बैठकों के क्रम में किसान प्रतिनिधियों और कृषि हितधारकों के साथ बैठक की। इस दौरान किसानों ने सरकार से सस्ता दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराने, टैक्स कम करने और पीएम-किसान आय सहायता को दोगुना करने का आग्रह किया।

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    दो घंटे चली विस्तृत

    बैठक में दो घंटे तक विभिन्न प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान वित्तीय राहत, बाजार सुधार और रणनीतिक निवेश जैसी कृषि क्षेत्र की कई चुनौतियों का समाधान करने पर विचार किया गया। भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने कृषि उत्पादकता और किसान कल्याण को बढ़ावा देने के लिए लक्षित हस्तक्षेप की जरूरत पर जोर दिया।

    जीएसटी छूट की मांग

    किसानों की मुख्य मांगों में कृषि ऋणों पर ब्याज दर को एक प्रतिशत तक कम करना और वार्षिक पीएम-किसान किस्त को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करना शामिल था। हितधारकों ने इसके अलावा कराधान सुधार प्रस्तावों के तहत कृषि मशीनरी, उर्वरक, बीज और दवाओं पर जीएसटी छूट की मांग की।

    कीटनाशक पर जीएसटी कम की जाए

    पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कीटनाशक पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का अनुरोध किया। जाखड़ ने राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए चना, सोयाबीन और सरसों जैसी विशिष्ट फसलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आठ वर्षों के लिए सालाना 1,000 करोड़ रुपये की लक्षित निवेश रणनीति का प्रस्ताव रखा।

    भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तंत्र की व्यापक समीक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि एमएसपी की गणना में भूमि किराया, कृषि मजदूरी और कटाई के बाद के खर्चों को शामिल करना चाहिए।

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिले आरबीआई गवर्नर

    आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार शाम को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से नार्थ ब्लाक स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की। यह मुलाकात आरबीआई गवर्नर के रूप में दास के मौजूदा कार्यकाल के समाप्त होने से कुछ दिन पहले और मौद्रिक नीति बैठक के एक दिन बाद हुई है। दास का कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। उन्हें 2021 में तीन साल का दूसरा सेवा विस्तार मिला था।

    क्या शक्तिकांत दास को मिलेगा सेवा विस्तार?

    सूत्रों ने बताया कि दास और सीतारमण के बीच करीब आधे घंटे तक बैठक चली। अगर दास को सेवा विस्तार मिलता है तो वह दास बेनेगल रामाराव के बाद सबसे लंबे समय तक आरबीआई गवर्नर रहने वाले बन जाएंगे। बेनेगल रामाराव 1949 से 1957 तक 7.5 साल तक आरबीआई गवर्नर रहे थे।

    आरबीआई गवर्नर बनने से पहले दास ने वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर काम किया था। उन्होंने 12 दिसंबर, 2018 को आरबीआई के 25वें गवर्नर के तौर पर पदभार संभाला था।

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