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    AAIB Report: क्या FAA के बुलेटिन को नजरअंदाज करना पड़ा महंगा? विमान हादसा की रिपोर्ट के बाद क्यों उठे ये सवाल

    नागरिक उड्डयन क्षेत्र की अमेरिकी नियामक एजेंसी एफएए समय-समय पर सुरक्षा सूचना बुलेटिन जारी करती है। हाल ही में 2018 में जारी एक बुलेटिन में बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच में खराबी की चेतावनी दी गई थी। एएआइबी की रिपोर्ट में इस बुलेटिन का उल्लेख है और आशंका जताई गई है कि फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में छेड़छाड़ के कारण एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ।

    By jaiprakash ranjan Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sat, 12 Jul 2025 11:44 PM (IST)
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    कहीं भारी तो नहीं पड़ा एफएए के बुलेटिन को नजरअंदाज करना? (फोटो- रॉयटर्स)

    जयप्रकाश रंजन, जागरण नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन क्षेत्र की अमेरिकी नियामक एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) इस सेक्टर से जुड़ी सभी कंपनियों को समय-समय पर सुरक्षा सूचना बुलेटिन जारी करती है। इनमें से कुछ बुलेटिन बाध्यकारी होते हैं, जबकि कुछ केवल सलाह के लिए होते हैं।

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    इसी क्रम में एफएए ने 17 दिसंबर, 2018 को एक स्पेशल एयरवर्थनेल इंफोर्मेशन बुलेटिन (एसएआइबी-संख्या एनएम-18-33) जारी किया था, जिसमें बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच के ला¨कग मैकेनिज्म में संभावित खराबी की चेतावनी दी गई थी। यह बुलेटिन बोइंग 717-200, 737 जैसे विमानों के लिए था, लेकिन यह बाध्यकारी नहीं था।

    AAIB की रिपोर्ट में क्या कहा गया?

    एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआइबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में इस बुलेटिन का उल्लेख किया गया है और आशंका जताई गई है कि फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में छेड़छाड़ के कारण एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस घटना के बाद दुनिया भर में एविएशन कंपनियों के बीच एफएए के इस बुलेटिन पर चर्चा शुरू हो गई है।

    क्या कहते हैं एविएशन क्षेत्र के विशेषज्ञ?

    एविएशन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि एफएए इस तरह की कई सलाह जारी करती है। एएआइबी द्वारा उल्लेखित बुलेटिन का मुख्य उद्देश्य विमानन कंपनियों को फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग फीचर के डिसएंगेज होने की संभावना के बारे में सचेत करना था। यह स्थिति अनजाने में स्विच के हिलने और इन-फ्लाइट इंजन शटडाउन जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती थी। तब एफएए को बोइंग 737 चलाने वाली कुछ कंपनियों से यह रिपोर्ट मिली थी कि फ्यूल कंट्रोल स्विच का लॉकिंग फीचर डिसएंगेज था।

    बताते चलें कि यह स्विच ही इंजन में ईंधन भेजता है या उसे रोकता है। इसमें सामान्य रूप से एक लॉकिंग मैकेनिज्म के साथ डिजाइन किया जाता है ताकि अनजाने में स्विच को ''रन'' से ''कटऑफ'' में नहीं लाया जा सके। लॉकिंग फीचर के डिसएंगेज होने पर स्विच को बिना उठाए आसानी से हिलाया जा सकता था, जिससे अनजाने में इंजन बंद होने का जोखिम बढ़ जाता था।

    बुलेटिन में क्या कहा गया था? 

    उक्त बुलेटिन में साफ तौर पर कहा गया था कि यदि लॉकिंकग फीचर डिसएंगेज है तो स्विच को आसानी से चालू से बंद किया जा सकता है। यह जोखिम विशेष रूप से विमान के उड़ान भरने के समय खतरनाक साबित हो सकते हैं।

    एफएए ने साफ तौर पर तब सलाह दी थी कि विमानन कंपनियां ग्राउंड पर विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लॉकिंग मैकेनिज्म ठीक काम कर रहा है। यदि स्विच को बिना उठाए हिलाया जा सकता था तो उसे जल्द से जल्द नए, बेहतर लॉकिंग फीचर वाले स्विच से बदलने की सिफारिश की गई थी।

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    बोइंग के 737 मॉडल में स्विच में बदलने की कही गई थी बात

    बुलेटिन ने तब बोइंग के 737 माडल में इस्तेमाल होने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच को बेहतर गुणवत्ता वाले स्विच में बदलने की भी बात कही थी। विमानन कंपनियों को लॉकिंग सिस्टम में किसी तरह की समस्या आने पर उसे सूचित करने को भी कहा गया था। इस बारे में सूचना देने के लिए एक विशेष अधिकारी को भी नामित किया गया था। लेकिन यह सिर्फ सलाह थी, अनिवार्य नहीं थी। इस बात का जिक्र एएआइबी को एयर इंडिया ने भी किया है।

    संभवत: एफएए ने भी इसे तत्कालिक तौर पर जोखिम वाला नहीं माना था। अब यह बात हो रही है कि क्या एयर इंडिया ने उक्त सुझाव के आधार पर निरीक्षण किया होता तो उक्त हादसे को रोका जा सकता था?

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