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    कालिख लगी दीवारें, जले पेड़ और विरान इमारतें... 1 महीने बाद कैसा है अहमदाबाद के दुर्घटनास्थल का हाल; अब भी खौफ में लोग

    अहमदाबाद विमान हादसे के एक महीने बाद भी दुर्घटनास्थल पर खौफ का माहौल है। 12 जून को हुए इस हादसे में 241 विमान यात्रियों और 29 अन्य लोगों की जान चली गई थी जब एअर इंडिया का विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया था। हादसे के बाद 150 छात्रों को स्थानांतरित कर दिया गया है।

    By Agency Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Sat, 12 Jul 2025 11:30 PM (IST)
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    एअर इंडिया का बोईंग ड्रीमलाइनर विमान एआई-171 हुआ था दुर्घटनाग्रस्त (फोटो: पीटीआई)

    पीटीआई, अहमदाबाद। कालिख से ढकी दीवारें, जले हुए पेड़ और विरान पड़ी इमारतें। कोई गतिविधि नहीं। एक अजीब ही तरह की खामोशी। यह टूटती है तो सिर्फ तब, जब वहां तैनात चंद पुलिसकर्मी कुछ चहल-कदमी करते हैं या फिर आपस में कोई चर्चा। अहमदाबाद विमान हादसे के एक माह बाद भी यही तो नजारा है दुर्घटनास्थल और आसपास के परिसर का।

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    देश के सबसे भीषण विमान हादसों में से एक इस दुर्घटना की भयावह यादें आज भी भूले नहीं भूलतीं। और तो और आलम ये है कि जब लंदन जाने वाली फ्लाइट में अपने किसी परिजन को लोग बिठाने आते हैं तो उनमें से कई घंटों इंतजार करते हैं और तब तक एयरपोर्ट परिसर नहीं छोड़ते जब तक कि विमान सुरक्षित टेकऑफ कर उनकी आंखों से ओझल नहीं हो जाता।

    छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था प्लेन

    पिछले माह यानी 12 जून को एअर इंडिया का बोईंग ड्रीमलाइनर विमान एआई-171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से दोपहर 1.39 पर लंदन के लिए उड़ान भरने के चंद क्षणों के भीतर ही बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसमें आग लग गई थी। इसमें विमान सवार 242 में से 241 लोगों की जान चली गई थी।

    इसके अलावा मेडिकल कॉलेज परिसर में मौजूद और आसपास के भी 29 से अधिक लोगों की जान गई थी। दुर्घटना के वक्त कई मेडिकल छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर या तो अपने हॉस्टल के कमरों में थे या दोपहर के भोजन के लिए मेस में इकट्ठा हुए थे। विमान मेस की इमारत से ही टकराया था। पूरे हॉस्टल परिसर में विमान का मलबा बिखर गया था।

    अब भी कायम है लोगों में खौफ

    • क्षतिग्रस्त इमारतों पर अब भी मोटी कालिख जमी हुई है। हालांकि हादसे को अब एक माह बीत चुका हैं, मगर दुर्घटनास्थल पर किसी भी प्रकार की गतिविधि के कोई संकेत नहीं दिख रहे। बीजे मेडिकल कॉलेज की डीन मीनाक्षी पारिख ने बताया कि विमान हादसे से चार छात्रावास भवन और मेस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। वहां रहने वाले 150 छात्रों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। क्षतिग्रस्त मेस भवन भी अब उपयोग में नहीं है।
    • भीषण हादसे के बाद एअर इंडिया ने 16 जून को नए कोड एआई-159 के साथ अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट फिर शुरू की थी। शनिवार को यह फ्लाइट दोपहर 1:08 बजे रवाना हुई। कई लोग अपने संबंधियों के पूर्वाह्न 10 बजे 'चेक-इन' करने के बाद हवाई अड्डे से चले गए जबकि कई वहीं ठहर गए। इनमें भारतीबेन और राजेश भी थे जोकि लंदन जा रही बेटी को छोड़ने आए थे।

    लोगों ने साझा की जानकारी

    भारतीबेन ने कहा- 'हम थोड़े घबराए हुए हैं क्योंकि यही उड़ान एक महीने पहले दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इसलिए हम उसके विमान के उड़ान भरने तक यहीं रुके हुए हैं। जो किस्मत में लिखा है, उसे हम बदल नहीं सकते। लेकिन पूरा विश्वास है कि बेटी सुरक्षित पहुंच जाएगी।' हालांकि राजेश ज्यादा संयमित दिखे और कहा कि अगर लोग ऐसी त्रासदियों से डरते रहेंगे तो कोई कहीं नहीं जा पाएगा।

    उन्होंने कहा- 'जो हुआ सो हुआ। हमें आगे बढ़ना होगा। ऐसी घटनाएं अक्सर नहीं होतीं।' वहीं भावनगर के गजानंद सात वर्षों से लंदन में बसी अपनी बेटी, दामाद और नातिन को छोड़ने आए थे। वह लगभग तीन घंटे तक एक बेंच पर बैठे रहे और फ्लाइट के टेकऑफ करने के बाद ही टैक्सी से घर के लिए रवाना हुए।

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