Air India Plane Crash Report: फ्यूल स्विच और पायलट की बातचीत में उलझी प्लेन क्रैश की कहानी, पढ़िए AAIB की रिपोर्ट का पूरा विश्लेषण
अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट में विमान के टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन को फ्यूल सप्लाई बंद होने की बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार फ्यूल स्विच एक सेकेंड में रन से कटऑफ मोड में चले गए जिससे विमान ने थ्रस्ट खो दिया और मेघानी नगर इलाके में क्रैश हो गया।
जेएनएन, नई दिल्ली। अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान हादसे पर शुरुआती जांच रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान के टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन के लिए फ्यूल सप्लाई बंद हो गई थी। भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा शुक्रवार को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार फ्यूल स्विच एक सेकेंड के अंदर 'रन' से 'कटऑफ' मोड में चले गए।
इसकी वजह से विमान ने थ्रस्ट खो दिया। ऊंचाई हासिल कर पाने में नाकाम रहा विमान मेघानी नगर इलाके में क्रैश हो गया और विमान में सवार 260 लोगों की जान चली गई। जांच रिपोर्ट में दोनों इंजन में फ्यूल सप्लाई बंद होने के संभावित कारण बताए गए हैं।
पायलट्स को उड़ान का बेहतर अनुभव
12 जून, 13.30 आईएसटी पर एअर इंडिया की फ्लाइट वीटी-एएनबी ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन जाने के लिए रनवे पर टैक्सी करनी शुरू की। 56 वर्षीय कैप्टन सुमीत सभरवाल उड़ान के दौरान निगरानी (पीएम) कर रहे थे। सभरवाल के पास 15,600 घंटों का उड़ान अनुभव है, जिसमें 8,500 घंटे बोइंग 787 पर उड़ान भरने का अनुभव शामिल है।
(कॉकपिट में होता है फ्यूल स्विच)
32 वर्षीय को-पायलट क्लाइव कुंदर, के पास 3,400 घंटों का उड़ान अनुभव है, जिसमें 1,100 घंटे बोइंग 787 पर उड़ान भरने का अनुभव शामिल है। क्लाइव सुंदर उड़ान को कंट्रोल कर रहे थे। पायलटों का उड़ान का अनुभव बताता है कि चालक दल सक्षम था और सभरवाल 787 विमान के बारे में अच्छी तरह से जानते थे। को-पायलट कुंदर उड़ान को कंट्रोल कर रहे थे। को-पायलट कप्तान की देखरेख में इसी तरह से परिचालन अनुभव प्राप्त करते हैं।
फ्यूल स्विच के इर्द-गिर्द घूमती रिपोर्ट
- ड्रीमलाइनर में 10 केबिन क्रू सदस्य और 230 यात्री सवार थे। 12 जून, 13.39 पीएम -विमान ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी और 625 फीट की ऊंचाई और 180 नॉट की अधिकतम गति तक हासिल की।
- उड़ान भरने के लगभग 32 सेकंड बाद विमान ऊपर चढ़ना बंद कर देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फ्यूल कंट्रोल स्विच एक सेकंड के अंतराल पर 'रन' से 'कटऑफ' पर स्विच हो जाने के कारण दोनों इंजनों का थ्रस्ट कम हो जाता है। इसकी वजह से इंजन बंद हो गया।
- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) में एक पायलट यह पूछते हुए सुनाई देता है, 'आपने विमान का फ्यूल स्विच क्यों बंद कर दिया?' दूसरे पायलट का जवाब है, 'मैंने नहीं किया'। इससे कॉकपिट में फ्यूल सप्लाई को लेकर भ्रम का संकेत मिलता है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस पायलट ने यह सवाल पूछा और किसने जवाब दिया।
- एक इंजन को कुछ समय के लिए रीस्टार्ट किया गया लेकिन वह विमान की गति कम होने और नीचे उतरने से रोकने के लिए पर्याप्त थ्रस्ट देने में विफल रहा।
प्राथमिक स्त्रोत से ऊर्जा नहीं मिल रही थी
विमान अहमदाबाद के मेघानी नगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल ब्लॉक से टकराया। कई विस्फोट हुए और आग लग गई। दुर्घटना में एक यात्री को छोड़कर विमान में सवार सभी लोग और जमीन पर मौजूद 19 लोग मारे गए। क्रैश के समय सीमित इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक पावर प्रदान करने वाला बैकअप सिस्टम रॉम एयर टरबाइन को तैनात किया गया था।
(प्लेन का लैंडिंग गियर)
इससे संकेत मिलता है कि प्राथमिक स्त्रोत से ऊर्जा नहीं मिल रही थी। लैंडिंग गियर पूरी तरह से वापस नहीं आ सका था। विंग फ्लैप और स्लैट्स एक्सटेंडेज पोजिशन में थे। टेकऑफ कॉन्फिगरेशन के हिसाब से यह सही था। रिपोर्ट में इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच के 'ऑन' से 'कटऑफ' मोड में जाने को दोनों इंजन बंद होने का संभावित कारण बताया गया है, जिसके कारण दुर्घटना हुई।
रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि यह जानबूझकर किया गया या मानवीय भूल या किसी असावधानी के कारण ऐसा हुआ। रिपोर्ट प्रारंभिक होने के कारण कोई निश्चित निष्कर्ष नहीं निकालती, लेकिन इसमें फ्यूल स्विच के 'रन' से 'कटऑफ' मोड में जाने और इसके बाद तेजी से हुए घटनाक्रम के कारणों की और गहराई से जांच की जरूरत बताई गई है। फाइनल रिपोर्ट 12 जून से 12 माह के अंदर आने की उम्मीद है।
इन शब्दों के मतलब समझिए
फ्यूल कंट्रोल स्विच:
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में लगे फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के दो जीईएनएक्स-1बी इंजन में फ्यूल सप्लाई कंट्रोल करते हैं। प्रत्येक इंजन के लिए डेडीकेटेड फ्यूल कंट्रोल स्विच है। यह स्विच रन और कट आफ मोड में काम करता है। इंजन के परिचालन के लिए ये स्विच अहम हैं और इनको इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह अपने आप एक्टीवेट न हो जाएं। खास कर ऐसे फेज में जब इंजन पर वर्कलोड काफी अधिक होता है जैसे टेकआफ।
लॉकिंग मकैनिज्म:
प्रत्येक स्विच को रन से कटऑफ तक ले जाने के लिए दो स्टेप में एक्शन की जरूरत होती है। पायलट को स्विच को ऊपर की ओर खींचकर उसे अनलॉक करना होगा। उसके बाद पायलट को ही उसे कटऑफ पोजिशन में लाना होगा। यह कंपन या असावधानी के कारण एक्सीडेंटल मूवमेंट को रोकता है।
(डिप्लॉय हो गया है RAT)
फ्यूल कटऑफ के संभावित कारण
मानवीय गलती:
कैप्टन सुमीत सभरवाल या फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर ने अनजाने में दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच को कटआफ पर कर दिया होगा। उन्होंने इसे कोई और कंट्रोल स्विच समझ लिया होगा या किसी दूसरी समस्या पर गलत रिएक्शन दिया होगा । कुछ विश्लेषकों के अनुसार, पायलट का इरादा शायद एक इंजन के फ्यूल स्विच कटऑफ पोजिशन में लाना रहा होगा, लेकिन गलती से दोनों स्विच कटऑफ पोजिशन में आ गए। मिसकम्युनिकेशन की वजह से या दबाव में इस तरह की गलती हो सकती है।
परिदृश्य:
लॉकिंग सिस्टम और गार्ड ब्रैकेट्स को सक्रिय करना पड़ता है। इससे आकस्मिक और अनजाने में स्विच-आफ होने की संभावना कम हो जाती है। हालांकि, तनाव या ध्यान भटकने से प्रक्रियागत चूक हो सकती है, जैसे कि गलती से स्विच को रन से कटआफ पोजिशन में कर देना।
ऐतिहासिक उदाहरण:
2015 में ट्रांसएशिया एयरवेज की फ्लाइट 235 के एक पायलट ने एक इंजन फेल होने के बाद गलत इंजन बंद कर दिया था जिससे दुर्घटना हुई और 43 लोगों की मौत हो गई। यह तनाव में हुई एक स्पष्ट मानवीय भूल थी। पिछले दशक के आईसीएओ के आंकड़ों के अनुसार, 53 प्रतिशत विमानन दुर्घटनाओं का कारण मानवीय भूलें थीं। यह भूलें ज्यादातर टेकऑफ जैसे अहम फेज में हुईं।
(टक्कर के समय विमान का एंगल)
इसके लिए साक्ष्य:
सीवीआर का संवाद भ्रम की स्थिति दर्शाता है और पायलट द्वारा अनजाने में उठाए गए कदम का संकेत देता है। स्विच का रन की पोजिशन में वापस आना और एक इंजन का थोड़ी देर के लिए फिर स्टार्ट होना, यह दर्शाता है कि पायलट को गलती का एहसास हुआ और उसने उसे ठीक करने का प्रयास किया।
इसके खिलाफ साक्ष्य:
स्विच के सुरक्षा उपायों के कारण गलती से मूवमेंट की संभावना कम हो जाती है। प्रारंभिक रिपोर्ट में किसी भी कॉकपिट आपात स्थिति (जैसे, इंजन में आग लगने या इंजन खराब होने की चेतावनी) का उल्लेख नहीं है। इन स्थितियों में तनाव के कारण पायलट गलती से स्विच को कटऑफ पोजिशन में ले जा सकता है।
मकैनिकल या इलेक्ट्रिकल खराबी परिदृश्य
किसी मकैनिकल या इलेक्ट्रिकल खराबी के कारण फ्यूल कंट्रोल स्विच कट ऑफ पोजिशन में चले गए या फ्यूल सप्लाई बाधित हो गई। इसका कारण फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम के डिजाइन में दिक्कत , वायरिंग समस्या या साफ्टवेयर की खराबी के कारण ऐसा हो सकता है। वाय¨रग या साफ्टवेयर में कोई खराबी सैद्धांतिक रूप से स्विच को रन से कटऑफ की स्थिति में ले जा सकती है।
एफएए बुलेटिन:
2018 के एफएए विशेष उड़ान योग्यता सूचना बुलेटिन में बोइंग के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम के अप्रत्याशित रूप से बंद होने की संभावित समस्या पर प्रकाश डाला गया था। हालांकि यह एक सलाह थी। इस पर एक्शन लेना अनिवार्य नहीं था। एयर इंडिया ने उन निरीक्षणों को लागू नहीं किया, जिनकी सिफारिश की गई थी।
इसके लिए साक्ष्य:
सीवीआर का 'मैंने नहीं किया' वाला जवाब पायलट की सिस्टम में किसी खराबी पर हैरानी का संकेत हो सकता है, न कि उसकी अपनी कार्रवाई का। एक सेकंड के अंतराल में ही स्विच का कटऑफ स्थिति में चला जाना किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
विपक्ष में साक्ष्य:
स्विच सुरक्षा उपाय (लॉक और गार्ड) और मजबूत डिजाइन के कारण इस बात की संभावना बेहद कम है कि स्विच अपने आप रन से कटऑफ स्थिति में चली जाए। उड़ान भरने के तुरंत बाद ही स्विच का टर्नआफ मोड में जाना किसी आकस्मिक खराबी के बजाए मैनुअल आपरेशन का संकेत देता है। इसके अलावा, एयर इंडिया के 33 ड्रीमलाइनर की दुर्घटना के बाद के निरीक्षण और बोइंग/जीई की सलाह का न होना सिस्टम से जुड़ी किसी समस्या का संकेत नहीं देता है।
(पायलट के पास विमान उड़ाने का बेहतरीन अनुभव)
पायलट का जानबूझ कर किया गया कृत्य परिदृश्य
एक पायलट ने विमान को क्रैश करने के इरादे से जानबूझकर दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच को कटआफ पर कर दिया। हो सकता है कि ऐसा उसने आत्महत्या करने या किसी मनौवैज्ञानिक दबाव या व्यक्तिगत मकसद के लिए किया हो। सीवीआर के संवाद से पता चलता है कि एक पायलट को इस कार्रवाई की जानकारी नहीं थी। दूसरे पायलट द्वारा जानबूझ कर कटआफ करने की सूरत में ऐसा हो सकता है।
पायलट प्रोफाइल:
सभरवाल एक अनुभवी प्रशिक्षक थे और सेवानिवृत्ति के करीब थे। उनके साथ किसी तरह की समस्या की जानकारी नहीं है। कुंदर एक योग्य को-पायलट थे जिनका रिकार्ड साफ था। दोनों ने ब्रीदएनेलाइजर टेस्ट पास कर लिया था और उन्हें कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या नहीं थी।
ऐतिहासिक उदाहरण:
2015 में जर्मनविंग्स फ्लाइट 9525 के को-पायलट एंड्रियास लुबित्ज ने कैप्टन को लॉक कर दिया और ऑटोपायलट मोड को नीचे उतरने के लिए सेट करके विमान को क्रैश कर दिया। इसमें 150 लोग मारे गए थे। माना जाता है कि को-पायलट ने ऐसा अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति की वजह से ऐसा किया।
इजिप्ट एयर फ्लाइट 990 (1999):
को-पायलट गेमेल अल-बतूती ने संभवत: ऑटोपायलट मोड को बंद करके और गोता लगाकर विमान को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया। दुर्घटना में 217 लोग मारे गए। को पायलट के ऐसा करने की वजह स्पष्ट नहीं हुई। संभवत: व्यक्तिगत तनाव के कारण पायलट ने ऐसा किया।
इसके लिए साक्ष्य:
जॉन नैन्स (बीबीसी, जुलाई 2025) और कैप्टन स्टीव जैसे विशेषज्ञों ने अपने यूट्यूब पॉडकास्ट में बताया है। स्विच के सुरक्षा उपायों के लिए जानबूझ कर कदम उठाने की जरूरत होती है। दोनों का तर्क है कि एक सेकंड के अंतराल पर होने वाली यह गतिविधि मैनुअल संचालन से मेल खाती है।
सीवीआर साक्ष्य:
सीवीआर में भ्रम और खंडन एकतरफा कार्रवाई का संकेत देते हैं। जानबूझ की गई गड़बड़ी की सूरत में कम ऊंचाई और तेज घटनाक्रम (दुर्घटना से 32 सेकंड पहले) रिकवरी को बेहद मुश्किल बना देता है।
विपक्ष में साक्ष्य:
जर्मनविंग्स या इजिप्टएयर के मामलों के विपरीत, किसी भी पायलट के लिए कोई ज्ञात कारण या मानसिक स्वास्थ्य समस्या नहीं है। सभरवाल की सेवानिवृत्ति योजनाएं और कुंदर का साफ रिकार्ड स्थिरता का संकेत देते हैं। स्विच का वापस रन मोड में आना और एक इंजन का थोड़ी देर के लिए फिर से स्टार्ट होना, आत्महत्या के इरादे से मेल न खाते हुए रिकवरी के प्रयास का संकेत देता है।
ग्राउंड स्टाफ के स्तर पर गड़बड़ी परिदृश्य
किसी बाहरी व्यक्ति जैसे ग्राउंड क्रू या किसी और ने गलत इरादे से फ्यूल सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की जिससे स्विच हिल गए या कटऑफ स्थिति का आभास देने लगे। ऐसा किसी के द्वारा छेड़छाड़ करने या सॉफ्टवेयर में हेरफेर के जरिये किया गया। एएआईबी, गुजरात पुलिस और आतंकवाद-रोधी दस्ते ग्राउंड हैंडलिंग ऑपरेशन की समीक्षा कर रहे हैं। कर्मचारियों के फोन जब्त कर रहे हैं, और छेड़छाड़ के साक्ष्यों के लिए एसवीपीआइ हवाई अड्डे के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं। छेड़छाड़ के किसी भी संकेत की पुष्टि नहीं हुई है।
विपक्ष में साक्ष्य:
स्विच सुरक्षित कॉकपिट में हैं, जहां उड़ान से पहले केवल अधिकृत कर्मचारी ही पहुंच सकते हैं। छेड़छाड़ के लिए सुरक्षा और उड़ान-पूर्व जांचों को दरकिनार करना होगा। दोनों पायलटों इन जांचों को बिना किसी विसंगति के पूरा किया। सीवीआर की रियल टाइम की गडबड़ी से पता चलता है कि समस्या उड़ान के दौरान हुई थी, न कि जमीन पर किसी तरह की छेड़छाड़ से। एयर इंडिया फ्लाइट 171 पर 11 जुलाई, 2025 की प्रारंभिक रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि दुर्घटना दोनों इंजन के बंद होने के कारण हुई थी।
ऐसा दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच के कटऑफ पर चले जाने के कारण हुआ और पायलट की उलझन सीवीआर पर दर्ज की गई थी। पश्चिमी मीडिया तोड़फोड़ की बात को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक प्रतीत होता है और एक पायलट के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का संकेत दे रहा है। लेकिन कोई भी ठोस साक्ष्य पायलटों या ग्राउंड स्टाफ द्वारा जानबूझकर की गई गड़बड़ी की पुष्टि नहीं करता है।
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