पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने खाली किया सरकारी आवास, जानें अब कहां होगा नया ठिकाना
भारत के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने नई दिल्ली स्थित न्यायपालिका के प्रमुख का आधिकारिक आवास खाली कर दिया है। उनके आवास पर अधिक समय तक रहने को लेकर विवाद हुआ था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि वे अपनी पत्नी और बेटियों के साथ किराये के सरकारी आवास में चले जाएंगे। उन्होंने बंगले में अधिक समय तक रहने का कारण बेटियों की चिकित्सा स्थिति को बताया था।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित न्यायपालिका के प्रमुख का आधिकारिक आवास खाली कर दिया है। भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ आठ नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे।
हाल में, नई दिल्ली के 5, कृष्ण मेनन मार्ग स्थित प्रधान न्यायाधीश के आधिकारिक आवास पर उनके निर्धारित समय से अधिक वक्त तक रहने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था।
किराए के मकान में होंगे शिफ्ट
जस्टिस चंद्रचूड़ ने सात जुलाई को एक बातचीत में स्थिति साफ करते हुए कहा था कि सामान बांध लिया गया है और वह अपनी पत्नी व बेटियों के साथ जल्द ही किराये के सरकारी आवास में चले जाएंगे।
जस्टिस चंद्रचूड़, उनकी पत्नी कल्पना और बेटियां प्रियंका और माही पांच कृष्ण मेनन मार्ग के आधिकारिक आवास में रह रहे थे। प्रियंका और माही दोनों दिव्यांग हैं।
क्या बताया था कारण
जस्टिस चंद्रचूड़ ने बंगले में निर्धारित समय से अधिक वक्त तक रहने के कारणों को विस्तार से बताते हुए कहा था कि हमारा सामान पहले ही पूरी तरह बांधा जा चुका है। कुछ सामान नए घर में पहुंच भी गया है। कुछ यहां स्टोर रूम में रखा हुआ है।
वह सरकारी बंगले में कथित तौर पर निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र का जवाब दे रहे थे। पूर्व सीजेआई ने विवाद पर दुख जताया था और अपनी बेटियों की चिकित्सा स्थिति का हवाला दिया था, जिन्हें 'व्हीलचेयर' अनुकूल घर की आवश्यकता थी।
तत्कालीन सीजेआई से की थी बात
घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना से बात की थी, जो उनके उत्तराधिकारी थे, और उन्हें बताया था कि उन्हें 14, तुगलक रोड स्थित बंगले में लौटना है, जहां वह चीफ जस्टिस बनने से पहले रहते थे।
SC प्रशासन ने केंद्र को लिखी थी चिट्ठी
जस्टिस खन्ना ने हालांकि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को सीजेआई के बंगले में ही रहने को कहा था, क्योंकि जस्टिस खन्ना आधिकारिक आवास में नहीं रहना चाहते थे।
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने एक जुलाई को केंद्र को पत्र लिखकर कहा था कि जस्टिस चंद्रचूड़ सीजेआई के बंगले में अनुमति प्राप्त अवधि से अधिक समय तक रहे हैं और उसने संपत्ति खाली कराने की मांग की थी।
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