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    'सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं...', पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ की वकीलों को खास सलाह

    By Agency Edited By: Sakshi Pandey
    Updated: Sun, 10 Aug 2025 11:18 AM (IST)

    Ex CJI DY Chandrachud सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों को नैतिकता पर खरा उतरने और न्याय के सूत्रधार के रूप में अपनी पहचान बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है और कानून के छात्रों को स्वतंत्र विचारक होना चाहिए। चंद्रचूड़ ने कानून के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया।

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    सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़। फाइल फोटो

    पीटीआई, छत्रपति संभाजीनगर। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों को नौतिकता पर खरे उतरने की हिदायत दी है। उनका कहना है कि सभी वकीलों को अपनी पहचान "न्याय के सूत्रधार" के रूप में स्थापित करनी चाहिए।

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    पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ के अनुसार, सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। खासकर कानून की पढ़ाई करने वाले अभ्यार्थी जिंदगी भर कुछ न कुछ नया सीखते हैं। वो एक स्वतंत्र विचारक होते हैं।

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    पूर्व CJI ने क्या कहा?

    छत्रपति संभाजीनगर में एक लॉ कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए पूर्व सीजेआई ने कहा-

    वकीलों को अपनी छवि न्याय के सूत्रधारक के रूप में स्थापित करनी चाहिए। उनके लिए न्याय सबसे पहले होना चाहिए। अगर चाहिए तो दूसरों का मार्गदर्शन जरूर लो, मगर आपकी सोच स्वतंत्र होनी चाहिए।

    महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दें: पूर्व CJI

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर नई पीढ़ी कुछ नया सीखती है और अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार रहती है, तो इस क्षेत्र में आपके सामने ढेरों मौके खुले हैं। आज महिलाएं भी सुपरस्पेशलिटी और तकनीकी शाखाओं में शामिल हो रही हैं। यह बदलाव कानून के क्षेत्र में भी आना चाहिए। कानून में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।

    वकीलों को दी सलाह

    जस्टिस चंद्रचूड़ के अनुसार, "कई स्टूडेंट्स छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से आते हैं। इस दौरान वो न सिर्फ लॉ कॉलेज में अहम योगदान देते हैं बल्कि सफलता की नई कहानी भी बुनते हैं। बेहतर प्रैक्टिस के लिए कानून की पढ़ाई करने वाले बच्चों को लाइब्रेरी डेटाबेस मुहैया करवाना चाहिए। सीनियर्स को चाहिए कि नए वकीलों को उनके शुरुआती दिनों में सपोर्ट करें और आर्थिक रूप से उनकी मदद करें।"

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