Move to Jagran APP

Kadaknath: एमपी में कड़कनाथ को बर्ड फ्लू से बचाने की हो रही कोशिश, जानिए इसकी खासियत

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पाई जाने वाली मुर्गों की विशेष प्रजाति कड़कनाथ को बर्ड फ्लू होने का खतरा पैदा हो गया है। कड़कनाथ फार्म को क्रिकेटर धोनी की ओर से चूजे रांची भेजने का आर्डर मिला है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 10:57 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 10:57 PM (IST)
कड़कनाथ का कारोबार शुरू करने वाले क्रिकेटर धोनी को भेजे जाने वाले चूजों का स्वास्थ्य परीक्षण।

यशवंतसिंह पंवार, इंदौर। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पाई जाने वाली मुर्गों की विशेष प्रजाति कड़कनाथ की कोरोनाकाल में मांग बढ़ी थी, क्योंकि उसे इम्यूनिटी बूस्टर माना जा रहा था, किंतु अब उसी कड़कनाथ को बर्ड फ्लू होने का खतरा पैदा हो गया है। एहतियातन कड़कनाथ मुर्गे-मुर्गियों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए टीकाकरण, सैनिटाइजेशन सहित विटामिन की गोलियां व हल्दी का पानी दिया जा रहा है।

loksabha election banner

कड़कनाथ का कारोबार शुरू करने वाले क्रिकेटर धोनी को भेजे जाने वाले चूजों का स्वास्थ्य परीक्षण 

सरकारी व निजी कड़कनाथ फार्म की लगातार जांच हो रही है। साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कड़कनाथ का कारोबार शुरू करने वाले महेंद्रसिंह धोनी को भेजे जाने वाले दो हजार चूजों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा है।

कड़कनाथ फार्म को क्रिकेटर धोनी की ओर से चूजे रांची भेजने का आर्डर मिला

मंगलवार को परीक्षण के लिए पशु चिकित्सक विशेष तौर पर गांव रूंडीपाड़ा पहुंचे। बता दें कि झाबुआ के रूंडीपाड़ा में स्थित निजी कड़कनाथ फार्म को धोनी की ओर से चूजे रांची भेजने का आर्डर मिला है।

बर्ड फ्लू के कारण कड़कनाथ को बचाने के उपाय तेज

बता दें कि मध्य प्रदेश में इन दिनों बड़ी संख्या में कौओं की मौत हुई है। इसके पीछे बर्ड फ्लू को कारण माना जा रहा है। झाबुआ के दोनों सरकारी केंद्रों पर कड़कनाथ को बचाने के उपाय तेज हो गए हैं। पहले ही कड़कनाथ को आइसोलेट रखा जाता है, अब इस मामले में और अधिक सतर्कता बरती जा रही है।

कड़कनाथ पालन केंद्र में मुर्गे, मुर्गियों और चूजों की जांच शुरू

फार्म पर कड़कनाथ लेने के लिए आने वाले शौकीनों को दूर खड़ा किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के तहत 500 व पशु चिकित्सा विभाग के केंद्र पर करीब एक हजार कड़कनाथ हैं। झाबुआ में तीन बड़े व करीब 55 छोटे निजी कड़कनाथ पालन केंद्र हैं। इनमें भी मुर्गे, मुर्गियों और चूजों की जांच शुरू कर दी गई है।

इसलिए खास है कड़कनाथ

कड़कनाथ में लिविंक एसिड, आयरन आदि भरपूर होते हैं। इसे पचाना आसान है। इसके सेवन के बाद ज्यादा शारीरिक श्रम नहीं किया जाए तो भी यह नुकसान नहीं करता। इन्हीं विशेषताओं ने इसका महत्व राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा दिया। झाबुआ को कड़कनाथ का जीआइ टैग भी मिला हुआ है।

यह है अंतर

तत्व......देशी मुर्गा.....कड़कनाथ मुर्गा

फेट...13 से 15 प्रतिशत...1.94 से 2.64 प्रतिशत

कॉलेस्ट्रॉल...100 ग्राम में 218 एमएल....100 ग्राम में 59 एमएल

प्रोटीन.....18 से 20 प्रतिशत.....24 प्रतिशत

कड़कनाथ तक बर्ड फ्लू या अन्य किसी बीमारी का खतरा नहीं

फिलहाल कड़कनाथ तक बर्ड फ्लू या अन्य किसी बीमारी का खतरा नहीं है, किंतु सभी केंद्रों को सावधानी रखने के निर्देश देकर अलर्ट किया गया है- अमरसिंह दिवाकर, कड़कनाथ केंद्र प्रभारी, पशु चिकित्सा विभाग, झाबुआ, मध्य प्रदेश।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.