ईडी ने बीआरडी ग्रुप, उसके चेयरमैन और 5 अन्य के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
प्रवर्तन निदेशालय (The Enforcement Directorate) ने सोमवार को कहा कि उसने बीआरडी ग्रुप आफ कंपनीज के अध्यक्ष विलियम वर्गीज और पांच अन्य के खिलाफ एर्नाकुलम में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दायर की है।

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रवर्तन निदेशालय (The Enforcement Directorate) ने सोमवार को कहा कि उसने बीआरडी ग्रुप आफ कंपनीज के अध्यक्ष विलियम वर्गीज और पांच अन्य के खिलाफ एर्नाकुलम में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दायर की है।
ईडी ने आईपीसी की धारा 406 और 420 के तहत केरल पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लान्ड्रिंग की जांच शुरू की। ईडी ने कहा कि आरोपियों ने वैधानिक अधिकारियों की मंजूरी के बिना विभिन्न निवेशकों से प्रति वर्ष 18% ब्याज का वादा करके बड़ी रकम एकत्र की थी।
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बाद में, उन्होंने जमाकर्ताओं को 10 रुपये के अंकित मूल्य वाले समूह की कंपनियों के शेयरों को जारी या स्थानांतरित कर दिया, इस प्रकार एकत्र किए गए धन के बदले शेयर की कीमत 120 रुपये प्रति शेयर तय की।
निवेशकों को यह भी आश्वासन दिया गया था कि बाद में कंपनियों द्वारा शेयरों को 120 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से फिर से खरीदा जाएगा। लेकिन निवेशकों को न तो आश्वासन के रूप में 18% का रिटर्न दिया गया और न ही शेयरों की पुनर्खरीद की गई।
अभियुक्तों ने मूल राशि वापस करने से इनकार कर दिया था और इस तरह निवेशकों को धोखा दिया गया जिसके परिणामस्वरूप आरोपी व्यक्तियों की अवैध समृद्धि हुई।
ईडी को जांच में पता चला कि सी.सी. बीआरडी समूह के अध्यक्ष विलियम वर्गीस ने अपने सहयोगियों की सहायता से विभिन्न व्यक्तियों को बीआरडी समूह की कंपनियों में निवेश करने के लिए राजी किया था।
ईडी ने कहा, इस तरह एकत्र की गई राशि के हिस्से से है, जो कि अपराध की आय (पीओसी) के अलावा और कुछ नहीं है, उसने अपने नाम पर अपनी पत्नी मैरी विलियम्स के साथ संयुक्त रूप से और अपनी कंपनियों के नाम पर कई अचल संपत्तियां खरीदी थीं। अर्थात् बीआरडी कार वर्ल्ड लिमिटेड और एसएमएल फाइनेंस लिमिटेड। सभी अभियुक्तों ने धोखाधड़ी के सामान्य इरादे से काम किया और इस तरह मनी-लान्ड्रिंग का अपराध किया।
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वर्गीज को ईडी ने 2021 में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। हाल ही में ईडी ने पीओसी के खिलाफ 7.50 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिसकी पुष्टि निर्णायक प्राधिकरण (पीएमएलए), नई दिल्ली ने की थी। मामले में आगे की जांच जारी है।
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