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अंडमान में 5.6 की तीव्रता का भूकंप, 14 जनवरी को भी हिला था द्वीप

गत 14 जनवरी के बाद 13 फरवरी को फिर से अंडमान में भूकंप के झटके महसूस किए गए हालांकि अभी किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 10:17 AM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 04:29 PM (IST)
अंडमान में 5.6 की तीव्रता का भूकंप, 14 जनवरी को भी हिला था द्वीप
अंडमान में 5.6 की तीव्रता का भूकंप, 14 जनवरी को भी हिला था द्वीप

पोर्ट ब्‍लेयर (एएनआई)। अंडमान में मंगलवार सुबह 8.09 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह 5.6 तीव्रता वाला भूकंप था। यहां भूकंप जमीन से 10 किमी की गहराई में आया। अभी तक के किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

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इससे पहले 14 जनवरी को भी यहां 4.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसके बाद 31 जनवरी को हिंदू कुश क्षेत्र में आए भूकंप के झटके पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए थे।

बहुत तीव्रता भूकंपीय क्षेत्र में अंडमान

अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह 'बहुत तीव्रता' भूकंपीय क्षेत्र में आते हैं। भारतीय द्वीप अंडमान ठीक उस जगह पर स्थित है जहां इंडोऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेटें आपस में टकराती हैं। ऐसे में भूकंप और उससे उठने वाले सूनामी का खतरा बना रहता है। भारत समेत बांग्लादेश, म्यांमार, थाइलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया के तटवर्ती इलाकों में यह खतरा मंडराता रहता है।

ट्रैप या बेसाल्‍ट की चट्टानों वाले इलाकों में खतरा अधिक

पीआईबी के अनुसार, भारत का करीब 54 फीसद हिस्सा भूकंप की आशंका वाला है। भारत के भूकंपीय क्षेत्रीकरण मानचित्र के नवीनतम संस्करण में क्षेत्रवार खंडों में भूकंप के चार स्तर बताए गए हैं। विभिन्न वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों या जोन यानी जोन-2, 3, 4, और 5 में बांटा है। इनमें से जोन 5 भूकंपीय दृष्टि से अधिक सक्रिय है। मोटे तौर पर जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। आमतौर पर उन इलाकों में भूकंप का खतरा ज्यादा होता है जहां ट्रैप या बेसाल्ट की चट्टानें होती हैं।

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