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    Dussehra 2022: पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, बुराई का प्रतीक रावण धू- धू कर जला

    By Jagran NewsEdited By: Arun kumar Singh
    Updated: Wed, 05 Oct 2022 11:46 PM (IST)

    दशहरा वर्ष का ऐसा समय है जब रामलीला आयोजित की जाती है और बड़े पैमाने पर मेले आयोजित किए जाते हैं। लोग बड़ी संख्या में रावण के पुतलों को आग की लपटों में देखने के लिए इकट्ठा होते हैं और पारंपरिक मिठाइयों की सुगंध हवा में भर जाती है।

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    बुधवार को पूरे देश में दशहरा धूमधाम से मनाया गया।

    नई दिल्ली, एजेंसी/ ब्यूरो। बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करने के लिए बुधवार को पूरे देश में दशहरा धूमधाम से मनाया गया। वार्षिक दुर्गा पूजा उत्सव को समाप्त करने के लिए बुधवार को रावण के कई पुतले जलाए गए। दशहरा वर्ष का ऐसा समय है, जब रामलीला आयोजित की जाती है और बड़े पैमाने पर मेले आयोजित किए जाते हैं। लोग बड़ी संख्या में रावण के पुतलों को आग की लपटों में देखने के लिए इकट्ठा होते हैं और पारंपरिक मिठाइयों की सुगंध हवा में भर जाती है। विजयादशमी पर नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि का पर्व समाप्त हो जाता है। इस मौके पर दिल्ली लखनऊ, लेह, लुधियाना, देहरादून, पटना और अमृतसर सहित देश भर के विभिन्न शहरों में लोगों ने रावण के पुतले जलाकर शुभ त्योहार मनाया।

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    दिल्ली में जगह-जगह मनाया गया दशहरा

    दिल्ली के रामलीला मैदान में दशहरा समारोह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भाग लिया। इस मौके पर रामलीला के आयोजकों द्वारा उपराष्ट्रपति को गदा भेंट की गई और उन्होंने शांति के प्रतीक सफेद कबूतरों को भी छोड़ा। इसके बाद उन्होंने धनुष धारण किया और प्रतीकात्मक रूप से इस अवसर पर रावण दहन को चिह्नित करते हुए एक तीर चलाया।

    लालकिले में आयोजित लवकुश रामलीला के दशहरा उत्सव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रामलीला के जरिए जहां हम अपनी संस्कृति से जुड़ते हैं, वहीं इसके जरिए हमें जीवन का मार्गदर्शन भी मिलता है। इसके पहले रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले पर सांकेतिक तीर चलाकर उन्होंने असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। बाद में भगवान राम व लक्ष्मण को तिलक लगाकर व अर्चन कर आशीर्वाद लिया।

    लखनऊ में बुराई के प्रतीक रावण का दहन

    रावण के पुतले के दहन को लेकर सुबह से असमंजस देर शाम तक बना रहा। लखनऊ के ऐशबाग में सफेद पन्नी से ढके रावण का देर रात पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने दहन किया। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने बुराई पर विजय पताका लहारा कर यह बता दिया है कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है।

    रांची के मोराबादी मैदान में विजयदशमी मनाई

    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के मोराबादी मैदान में विजयदशमी मनाई। उन्होंने और मौजूद अन्य अतिथिगणों ने रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले का वध कर असत्य पर सत्य और अन्याय पर न्याय के विजय का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह सभी के सहयोग से कोरोना पर विजय प्राप्त किया, उसी के कारण आज हम सभी बुराई पर अच्छाई के विजय का पर्व पूरे उमंग और उल्लास के साथ दशहरा मना रहे हैं। हम मिलजुल कर इस त्यौहार की खुशियां बांट रहे हैं।

    अमृतसर के श्री दुर्ग्याणा मंदिर के पास रावण दहन

    लुधियाना में दरेसी ग्राउंड में रावण दहन किया गया, जहां दशानन के पुतले को आग की लपटों में ऊपर जाते देखा जा सकता है।

    पटना के गांधी मैदान में मनाया गया दशहरा

    अंधेरे पर प्रकाश की जीत के प्रतीक विजयदशमी का पर्व बुधवार को पटना के गांधी मैदान में मनाया गया। इसमें सीएम नीतीश कुमार, वित्त मंत्री विजय चौधरी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा समते कई गणमान्य लोग मौजदू रहे। श्री श्री दशहरा कमेटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित रावण दहन में सबसे पहले आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत पुष्प गुच्छ, धार्मिक पुस्तक, अंग वस्त्र देकर एवं पाग पहनाकर किया गया। मुख्यमंत्री ने गुब्बारा उड़ाकर राज्य में शांति एवं सौहार्द्र कायम रखने का संदेश दिया।

    देहरादून के परेड ग्राउंड में रावण का दहन

    देहरादून के परेड ग्राउंड में लोगों की भीड़ जमा हो गई, जहां रावण का पुतला जलाकर 'रावण दहन' किया गया। बन्नू बिरादरी की ओर से आयोजित सबसे बड़े कार्यक्रम के तहत परेड ग्राउंड में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले दहन किए गए। करीब आधे घंटे तक आतिशबाजी होती रही।

    लेह लद्दाख

    विजयादशमी के अवसर पर दशहरे पर लेह के पोलो ग्राउंड में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

    अमृतसर के श्री दुर्ग्याणा मंदिर के पास रावण दहन

    दशहरे पर अमृतसर के श्री दुर्ग्याणा मंदिर के बाहर 'रावण दहन' किया गया। रावण का पुतला जमीन पर गिरते ही धूम धड़ाके के साथ पटाखों को फटता देखा जा सकता है। श्री दुर्ग्याणा कमेटी द्वारा दशहरा ग्राउंड पर मनाए जाने वाले दशहरा पर्व के लिए रावण का पुतला 100 फुट तथा एक अन्य पुतला 90 फुट का बनाया गया।

    दशहरा शारदा नवरात्रि के दसवें दिन पड़ता है। हालांकि, इस तथ्य के बावजूद कि भारत के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में स्थान के अनुसार उत्सव और सांस्कृतिक प्रथाएं अलग-अलग हैं, त्योहार का ताना-बाना सभी को एक साथ बांधता है।

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