कोहरे के कारण कई उड़ानें कैंसिल, आने वाले महीने में कितना होगा असर और क्या कहते हैं आंकड़े?
उत्तर भारत में घने कोहरे और ठंड के कारण हवाई यात्रा बाधित हुई है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कम विजिबिलिटी के कारण कई उड़ानें रद्द ह ...और पढ़ें

कोहरे का उड़ानों पर असर।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस हफ्ते घने कोहरे और कड़ाके की ठंड की वजह से पूरे उत्तर भारत में हवाई यात्रा बाधित हुई और बड़े पैमाने पर देरी और उड़ानें रद हुईं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आज दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट पर कम विजिबिलिटी (100 मीटर) के कारण कम से कम 10 उड़ानें रद की गईं और 270 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई।
मंगलवार, 23 दिसंबर को खराब विजिबिलिटी के कारण दिल्ली से पटना जाने वाली इंडिगो की एक फ्लाइट को रायपुर डायवर्ट कर दिया गया, जबकि 22 आने वाली और 25 जाने वाली फ्लाइट्स में देरी हुई।
सोमवार और भी खराब थे हालात
लगभग 500 फ्लाइट्स में देरी हुई और 14 कैंसिल हो गईं, जिससे यह इस मौसम के सबसे अराजक दिनों में से एक बन गया। इससे पहले, रविवार को बर्फबारी और बारिश के कारण श्रीनगर एयरपोर्ट पर 11 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई थीं।
आने वाले महीने में हालात नहीं सुधरते दिख रहे
सर्दी अभी शुरू ही हुई है और उत्तर और पूर्वी भारत के ज्यादातर हिस्सों में घने कोहरे की चादर छाई हुई है, ऐसे में एविएशन अथॉरिटीज को पिछले ट्रेंड्स के आधार पर आने वाले हफ्तों में और ज्यादा रुकावटों की उम्मीद है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के डेटा से पता चलता है कि पिछले एक दशक में दिसंबर-जनवरी के दौरान मौसम की वजह से फ्लाइट कैंसिल होने की संख्या में तेजी से उतार-चढ़ाव आया है।
मौसम का असर कितना बड़ा है?
यह 2014-15 में औसतन 41.9% (दोनों महीनों का औसत) से शुरू हुआ, 2015-16 में बढ़कर 54.4% हो गया और 2016-17 में 60% को पार कर गया। 2018-19 में घटकर 43.8% होने के बाद, यह 2019-20 में फिर से बढ़कर 60.5% हो गया।
सबसे ज्यादा आंकड़ा 2022-23 में 83.8% था, उसके बाद 2023-24 में 73.9% रहा। हालांकि 2024-25 का ताजा आंकड़ा, 51.2%, हाल के ऊंचे स्तरों से कम है, लेकिन यह शुरुआती सालों की तुलना में काफी ज्यादा है।
सबसे ज्यादा असर किस महीने में?
डीजीजीए के 11 साल के डेटा (2015-2025) के एनालिसिस से दिसंबर और जनवरी के सर्दियों के पीक महीनों के लिए अलग-अलग ट्रेंड्स सामने आए हैं।
दिसंबर में मौसम की खराबी के कारण फ्लाइट कैंसिल होने की घटनाओं में समय के साथ कमी आई है, जो 2015 में 75.9% से घटकर 2024 में 27.2% हो गई है, हालांकि 2022 में यह 81.1% तक बढ़ गई थी।
हालांकि, पिछले कुछ सालों में जनवरी में एक बढ़ता हुआ ट्रेंड दिख रहा है। 2016 में कैंसलेशन सिर्फ 32.9% थे, लेकिन 2023 में यह तेजी से बढ़कर 86.5% हो गए और 2024 में 82.8% और 2025 में 75.1% पर बने रहे।
मौसम से जुड़ी कैंसलेशन के मामले में जनवरी लगातार दिसंबर से आगे निकल गया है, जो कोहरे की तीव्रता और शीतलहर के पैटर्न में बदलाव का संकेत देता है।
यह भी पढ़ें: कोहरे की मार! दिल्ली एयरपोर्ट पर 10 उड़ानें रद, 270 से अधिक विमानों ने देरी से भरी उड़ान

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।