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    हिमाचल से उत्तराखंड तक तबाही: हर तरफ शव और चीख पुकार, आखिर क्यों फटते हैं बादल?

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 05:53 PM (IST)

    Cloudburst जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मचैल माता मंदिर के पास बादल फटने से तबाही मची जिसमें कई लोगों की जान गई और कई घायल हुए। मंदिर की यात्रा रोक दी गई है और राहत कार्य जारी है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है।

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    हिमाचल से उत्तराखंड तक तबाही: हर तरफ शव ओर चीख पुकार,क्यों फटते हैं बादल?

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मचैल माता के मंदिर के पास गुरुवार को बादल फटने से भीषण तबाही हुई है। बादल फटने से कम से कम 24 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। वहीं कई लोग 75 घायल बताए जा रहे हैं।

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    बादल फटने से मंदिर की वार्षिक यात्रा को रोक दिया गया है। बड़े पैमाने पर राहत अभियान चलाया जा रहा है।

    किश्तवाड़ में बादल फटने से हर ओर तबाही का मंजर नजर रहा है। मचैल माता के मंदिर के पास बने टेंट बह गए हैं। बादल फटने वाली जगह तक जाने वाली सड़क हादसे में बह गई है। सुरक्षाकर्मी और बचावकर्मी प्रभावित जगह से लोगों को सुरक्षित निकालने ने के लिए राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं।

    हिमाचल में बाढ़-बारिश से 2000 करोड़ का नुकसान

    हिमाचल प्रदेश में जुलाई से अब तक 30 से ज्यादा बादल फटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिसमें करीब 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। हिमाचल प्रदेश के किन्नोंर में बीत रोज बादल फटने की तस्वीरें सामने आईं थी। हिमाचल के शिमला में बारिश ने कहर जमकर बरपाया है। कोटखाई के खलटूनाला में बादल फटने से आई बाढ़ में कई वाहन मलबे में दब गए हैं। शिमला में दो दर्जन से ज्यादा पेड़ गिर गए हैं। बादल फटने से कई वाहनों और भवनों को भी नुकसान पहुंचा है।

    शिमला के मेहली में सड़क पर भारी मात्रा में मलबा आ गया जिसके कारण सेब से भरे वाहन सड़क के दोनों किनारे जाम में फंस गए। फागू के गलू में भूस्खलन के चलते सड़क मार्ग बाधित हो गया।

    धराली में बादल फटने से भारी तबाही

    उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने का बाद आई बाढ़ में होटल, मकान, सड़कें सब ताश के पत्तों की तरह बह गईं। इस भयानक आपदा में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। परिजन अभी भी अपनों की तलाश में मलबे की खाक छान रहे हैं। हर्षिल क्षेत्र में खीर गंगा गदेरे (गहरी खाई या नाला) का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे धराली गांव में भारी नुकसान हुआ।

    क्यों फटते हैं बादल?

    बारिश के मौसम में अक्सर बादल फटने की घटनाएं सामने आती हैं। पहाड़ो पर अक्सर बादल फटने की खबरें सामने आती हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों लगातार बादल फटने की खबरें आई हैं। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आखिर बादल क्यों फटते हैं?

    जब गर्म हवा जमीन से बादलों की ओर उठती है और बारिश की बूदों को ऊपर ले जाती है। इससे बारिश ठीक से नहीं हो पाती और बादलों में बहुत ज्यादा नमीं इक्ठठा हो जाती है। जब ऊपर की ओर जाने वाली हवा कमजोर होती है तो बादल का सारा जमा पानी तेजी से एक साथ नीचे की ओर गिरने लगता है, इसे घटना को बादल फटना कहते हैं। बादल फटने से पानी का बहाव तेज हो जाता है जो नदियों में बाढ़ और तबाही का कारण बन जाता है।

    बादल फटने की कुछ घटनाएं

    जुलाई, 2025: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 30 जून और एक जुलाई की मध्य रात्रि के बीच भारी बारिश के कारण बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी।

    अप्रैल, 2025: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश के कारण अलग-अलग जगहों पर अचानक आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत हो गई थी। बाढ़ में लगभग 40 रिहायशी घर क्षतिग्रस्त हो गए थे। कई वाहन भी उफनती धारा में बह गए थे।

    जुलाई, 2024: 30 जुलाई, 2024 की सुबह केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। यह आपदा केरल के इतिहास की सबसे भीषण आपदाओं में से एक थी। इस क्षेत्र में तीन दिनों के भीतर 570 मिमी से अधिक वर्षा हुई थी। इसमें 397 लोग घायल हुए थे।

    31 जुलाई, 2024: हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ से 22 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, 33 लोग लापता बताए गए थे।

    28 जुलाई, 2021: जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दच्छन क्षेत्र के हुंजार गांव में बादल फटने की घटना के परिणामस्वरूप 26 लोगों की मौत हो गई थी और 17 घायल हो गए थे।

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