दिल्ली ब्लास्ट के बाद सबक: कार बेचते -खरीदते समय क्या सावधानी बरतें? ये 3 काम तुरंत करें
दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई कार सात बार बेची जा चुकी थी, जिसके बाद सभी पूर्व मालिक जांच के घेरे में हैं। ऐसी कानूनी मुश्किलों से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें; यहां एक्सपर्ट से जानें..

वाहन खरीदने-बेचने के दौरान क्या करें और क्या न करें, एक्सपर्ट से जानें।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार शाम लाल किला के पास जिस कार में आतंकी धमाका हुआ, हरियाणा नंबर की वह कार कई बार खरीदी और बेची गई थी। जांच में पता चला कि हरियाणा नंबर की आई-20 कार (HR 26CE7674) के फरीदाबाद से दिल्ली, गुरुग्राम होते हुए पुलवामा तक करीब सात बार कार के मालिक बदले।
दिल्ली ब्लास्ट के मामले में अब इस कार के पहले मालिक से लेकर जिन-जिन लोगों के पास यह कार रही, सभी जांच के घेरे में हैं। आप या हम में से कोई ऐसी किसी परेशानी में न पड़ जाए, इसलिए जरूरी है कि कार या कोई अन्य वाहन बेचते या खरीदते समय सतर्क रहें और सावधानी बरतें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कार बेचते या खरीदते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए..
दिल्ली ब्लास्ट के मामले में अब इस कार के पहले मालिक से लेकर जिन-जिन लोगों के पास यह कार रही, सभी जांच के घेरे में हैं। आप या हम में से कोई ऐसी किसी परेशानी में न पड़ जाए, इसलिए जरूरी है कि कार या कोई अन्य वाहन बेचते या खरीदते समय सतर्क रहें और सावधानी बरतें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कार बेचते या खरीदते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए..
सवाल: वाहन बेचने-खरीदने में किनका बातों का ध्यान रखें?
जवाब- सबसे अहम हैं दस्तावेज। बेचने वाले को वाहन का मूल आरसी देना चाहिए। बेचने और खरीदने वाले दोनों पक्षों द्वारा परिवहन सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन या संबंधित आरटीओ के फॉर्म 29 एवं फॉर्म 30 भरना चाहिए। मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 50 के तहत ये जरूरी है।
विक्रेता अपने पास बिक्री का प्रमाण (सेल एग्रीमेंट) रखें। आरसी में मालिक का नाम ट्रांसफर कराना जरूरी है। अगर यह ट्रांसफर नहीं हुआ तो वाहन का दुरुपयोग या दुर्घटना होती है या वाहन का चालान, ऋण आदि बनता है, तो विक्रेता रिकॉर्ड में मालिक होने से उत्तरदायी माना जाएगा।
विक्रेता अपने पास बिक्री का प्रमाण (सेल एग्रीमेंट) रखें। आरसी में मालिक का नाम ट्रांसफर कराना जरूरी है। अगर यह ट्रांसफर नहीं हुआ तो वाहन का दुरुपयोग या दुर्घटना होती है या वाहन का चालान, ऋण आदि बनता है, तो विक्रेता रिकॉर्ड में मालिक होने से उत्तरदायी माना जाएगा।
सवाल: ट्रांसफर कब करना चाहिए?
जवाब- सामान्य तौर पर वाहन बेचने के बाद ट्रांसफर का आवेदन राज्य- आरटीओ को समय पर करना अनिवार्य है। ट्रांसफर 30 दिन के भीतर होना चाहिए।
सवाल: बेचने वाले (सेलर) को क्या करना चाहिए?
जवाब- परिवहन विभाग दिल्ली के पूर्व उपायुक्त अनिल छिकारा के मुताबिक, कागजात ठीक से ट्रांसफर करवाएं और आरसी पर नया नाम दर्ज जरूर कराएं। इससे भविष्य में किसी कानूनी मुसीबत से बचा जा सकता है। बिक्री के बाद आरटीओ को सूचना देना कि वाहन बेच दिया गया है। बेहतर होगा कि हस्तांतरण (फॉर्म 29 तथा फॉर्म 30 ) की एक प्रति अपने पास रखें।

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