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    रक्षा निर्यात 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद, राजनाथ सिंह बोले- तीनों सेनाएं साथ मिल कर रहीं चुनौतियों का मुकाबला

    By Agency Edited By: Sonu Gupta
    Updated: Sat, 24 Feb 2024 11:04 PM (IST)

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन वर्ष 2028-29 तक तीन लाख करोड़ रुपये और रक्षा निर्यात 50000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कई आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। सरकार अल्पकालिक परिणामों के बजाय 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

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    रक्षा निर्यात 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद: राजनाथ सिंह। फाइल फोटो।

    पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन वर्ष 2028-29 तक तीन लाख करोड़ रुपये और रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कई आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। सरकार अल्पकालिक परिणामों के बजाय 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

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    सरकार ने एकीकरण पर दिया ध्यान

    फ‌र्स्टपोस्ट डिफेंस कान्क्लेव में राजनाथ ने कहा- तीनों सेनाएं पहले अपने दायरे में सिमटी हुई थीं। हमने लीक से हटकर कदम उठाते हुए थलसेना, नौसेना, वायुसेना के एकीकरण पर ध्यान किया, क्योंकि यह समय की मांग थी। शुरुआत में यह कठिन था, लेकिन आज हमारी सेनाएं बेहतर समन्वय के साथ हर चुनौती से मिलकर निपटने के लिए तैयार है।

    उन्होंने कहा कि हथियारों के आयात पर रोक लगाने का फैसला मुश्किल था, लेकिन चुनौती धीरे-धीरे अवसर में बदल रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4,35,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। सरकार ने अगले पांच साल में भारत में एयरो-इंजन और गैस टर्बाइन जैसी उच्च-स्तरीय प्रणालियों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

    रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता जरूरीः रक्षा मंत्री

    उन्होंने जोर देकर कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता जरूरी है। सरकार के प्रयासों का फल मिलना शुरू हो गया है। रक्षा उत्पादन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। पहले भारत को हथियार आयातक के रूप में जाना जाता था। लेकिन आज हमने शीर्ष -25 हथियार निर्यातक देशों की सूची में जगह बना ली है। रक्षा निर्यात 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

    अग्निपथ योजना के बारे में रक्षा मंत्री ने क्या कहा?

    रक्षा मंत्री ने अग्निपथ योजना के बारे में कहा कि इसका लक्ष्य देश की सेना को दुनिया की मजबूत सेनाओं में से एक बनाना है। उन्होंने कहा, हमारे युवाओं की क्षमता असाधारण है। हम जल्द ही असाधारण लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में रोमांचक यात्रा शुरू करेंगे। सरकार जहां बड़ी कंपनियों की मदद कर रही है, वहीं वह स्टार्टअप के माध्यम से युवाओं को रक्षा क्षेत्र में आमंत्रित कर रही है। 20-25 वर्षों में ये कंपनियां अपने नवाचारों के दम पर वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत पहचान को नया आयाम देने में मदद करेंगी।

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    पदक जीतने वाले सैन्यकर्मियों को मिलेंगे नकद पुरस्कार

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल चीन के हांगझू में आयोजित 19वें एशियाई खेलों और चौथे एशियाई पैरा खेलों में पदक जीतने वाले सशस्त्र बलों के जवानों के लिए 25 लाख रुपये तक के नकद पुरस्कार को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि एशियाई खेलों के साथ-साथ एशियाई पैरा खेलों दोनों के लिए, स्वर्ण पदक विजेताओं को 25 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 15 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 10 लाख रुपये का नकद इनाम मिलेगा।

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