बेटे के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनने पर क्या बोलीं CP राधाकृष्णन की मां? बताई नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी
CP Radhakrishnan Name Story तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में खुशी की लहर है क्योंकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। उनकी मां जानकी अम्माल ने बेटे के नाम के पीछे की कहानी बताई है। सीपी राधाकृष्णन 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा चुनाव जीते और तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे।

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के तिरुपूर जिले में उस वक्त खुशी की लहर दौड़ पड़ी, जब बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार (Vice Presidential Candidate) बना दिया। राधाकृष्णन की मां जानकी अम्माल की खुशी का ठिकाना नहीं है।
सीपी राधाकृष्णन को सब CPR के नाम से भी जानते हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि उनका नाम सीपी राधाकृष्णन क्यों रखा गया। उनकी मां जानकी अम्माल के अनुसार, बेटे के नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी है।
सीपी राधाकृष्णन की मां ने क्या कहा?
सीपी राधाकृष्णन की मां जानकी अम्माल बताती हैं, "हमने बेटे का नाम सीपी राधाकृष्ण रखा था, इस उम्मीद से कि वो पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तरह बनेगा। भगवान सुंदरमूर्ति ने हमारी सुन ली। भगवान गणेश उसे अपना आशीर्वाद दें। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद देना चाहूंगी।"
सीपी राधाकृष्णन की मां जानकी अम्माल। फोटो- पीटीआई
कई बड़े पद संभाले
सीपी राधाकृष्णन, तमिलनाडु में बीजेपी का चहेता चेहरा हैं। वो 1998 और 1999 में लगातार दो बार कोयंबटूर सीट से लोकसभा चुनाव जीते। बाद में उन्हें तमिलनाडु बीजेपी का अध्यक्ष भी बनाया गया। इसके अलावा वो झारखंड, तेलंगाना, पुदुचेरी में पार्टी का नेतृत्व करने के बाद वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।
तमिलनाडु के तीसरे उपराष्ट्रपति बनेंगे
अगर सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतते हैं, तो डॉ. राधाकृष्णन और आर. वेंकेटरमन के बाद इस पद पर बैठने वाली वो राज्य की तीसरी हस्ती होंगे। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी तमिलनाडु से ही थे। इससे पता चलता है कि भारतीय राजनीति में तमिलनाडु की छाप आज भी कायम है।
DMK ने किया स्वागत
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, डीएमके ने सदन में सरकार का साथ देने से साफ इनकार कर दिया है। मगर बीजेपी के पास पर्याप्त सांसद हैं, जिससे सीपी राधाकृष्णन आसानी से चुनाव जीत सकते हैं। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव आगामी 9 सितंबर को होंगे।
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