स्कन्द विवेक धर, नई दिल्ली। वेबसीरीज और फिल्मों में धड़ल्ले से स्मोकिंग और तंबाकू उत्पादों के दृश्यों का प्रसारण कर रहे ओवर-दी-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर आखिरकार लगाम लग गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 का दायरा ओटीटी प्लेटफॉर्म तक बढ़ा दिया। अब इन्हें भी सिनेमाघरों और टीवी की तरह अपने कार्यक्रमों में 30 सेकंड का चेतावनी वीडियो और तंबाकू दृश्यों में डिस्क्लेमर का प्रसारण करना होगा। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स द्वारा तंबाकू को बढ़ावा देने का मुद्दा सबसे पहले जागरण प्राइम ने उठाया था।

कोटपा कानून को ओटीटी पर भी लागू करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, ओटीटी प्लेटफॉर्म कार्यक्रम की शुरुआत और मध्य में कम से कम 30 सेकंड की अवधि के तंबाकूरोधी जागरूकता वाले वीडियो प्रदर्शित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान तंबाकू उत्पादों या उनके उपभोग के दृश्य आने पर "तंबाकू से कैंसर होता है" या "तंबाकू जानलेवा है" डिस्क्लेमर दिखाना होगा। कार्यक्रम की शुरुआत और मध्य में तंबाकू के प्रयोग के कुप्रभावों पर न्यूनतम 20 सेकंड की अवधि का एक ऑडियो-विजुअल प्रसारित करना होगा। ये नियम सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पादों के ब्रांड के प्रदर्शन या किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद प्लेसमेंट और तम्बाकू उत्पादों के प्रदर्शन या प्रचार पर भी प्रतिबंध लगाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय संगठन कैंपेन फॉर टोबैको फ्री किड्स के ग्लोबल प्रोग्राम की एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट योलोंडा रिचर्डसन ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘कैंपेन फॉर टोबैको फ्री किड्स’ भारत में स्वास्थ्य और युवाओं की रक्षा करने वाले इस महत्वपूर्ण कदम को उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की सराहना करता है। यह कदम टोबैको कंपनियों द्वारा युवाओं को हानिकारक, आजीवन व्यसनों की ओर आकर्षित करने वाली सुनियोजित मार्केटिंग रणनीति पर अंकुश लगाने में मदद करेगा। इस फैसले से भारत के नागरिकों को तो लाभ होगा ही, साथ ही यह तंबाकू नियंत्रण के मामले में भारत की अग्रणी भूमिका की पुष्टि भी करेगा।

बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यदि ओटीटी प्लेटफॉर्म इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों वाली एक अंतर-मंत्रालयी समिति, स्वत: प्रेरणा से या किसी शिकायत पर कार्रवाई करेगी। इन बदलावों को लागू करने के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म को तीन महीने का वक्त दिया गया है। यानी 1 सितंबर से ये नियम प्रभावी हो जाएंगे।

गैर-सरकारी संगठन वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी भावना मुखोपाध्याय ने जागरण प्राइम से कहा कि मनोरंजन मीडिया में तम्बाकू के उपयोग और धूम्रपान के दृश्यों के चित्रण से युवाओं को बचाने में भारत ने एक मिसाल कायम की है। फिल्मों के नियमों को ओटीटी तक विस्तारित कर ओटीटी मीडिया में रेगुलेटरी गैप को पाट कर भारत ग्लोबल लीडर बन गया है। यह नीति लंबे समय से प्रतीक्षित थी और मैं इस स्वागत योग्य कदम के लिए भारत सरकार, विशेष रूप से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को बधाई देना चाहती हूं। मैं जागरण प्राइम को इस गंभीर विषय को उठाने और अंजाम तक पहुंचाने के लिए धन्यवाद करती हूं।

तंबाकू की खपत में मुश्किल से आई थी कमी, ओटीटी ने फिर बढ़ाया खतरा

इससे पहले जागरण प्राइम ने पांच इनडेप्थ खबरों की सीरीज के जरिए बताया था किस तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म तंबाकू नियंत्रण कानून कोटपा को अंगूठा दिखा रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली फिल्मों और वेबसीरीज में धूम्रपान के दृश्यों की भरमार तो होती ही है, साथ ही इनमें किसी प्रकार का डिस्क्लेमर भी नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, स्कूली छात्र-छात्राओं तक को धड़ल्ले से धूम्रपान और नशा करते हुए दिखाया जा रहा है।

जागरण प्राइम ने विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित फिल्मों और वेब सीरीज का अध्ययन कर बताया था कि इनमें धूम्रपान, मदिरापान और ड्रग्स के सेवन से जुड़े दृश्यों में भी कोई चेतावनी प्रसारित नहीं की जाती। यहां तक कि सिनेमाघरों के लिए फिल्म में पहले से मौजूद चेतावनी को भी ब्लर कर दिया जाता है। धूम्रपान के दृश्यों को इस तरह दिखाया जाता है कि वह युवाओं को ‘कूल’ और ‘ग्लैमरस’ लगें।

संसदीय समिति ने कहा, तंबाकू की बिक्री पर लगाम लगे, कोटपा सख्त हो

जागरण प्राइम ने स्वास्थ्य मंत्रालय और वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साझा अध्ययन का हवाला देते हुए बताया था कि 20 से 25 वर्ष के युवा सप्ताह में 5 से लेकर 20 घंटे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बिताते हैं। ऐसे में ओटीटी के नियमन का अभाव चिंता का प्रमुख विषय है। ओटीटी प्लेटफॉर्म फिल्मों या वेब सीरीज के पात्रों में तंबाकू का अत्यधिक उपभोग दिखाते हैं। इससे हमारे बच्चों और यूथ के बीच फिर से तंबाकू का प्रमोशन होने लगा है।

OTT Platform: स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय में बनी सहमति, ओटीटी पर जल्द लागू होगा कोटपा कानून

तंबाकू से दुनियाभर में सालाना 81 लाख मौतें होती हैं। भारत में 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लगभग 26.6 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। देश में तंबाकू के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का बोझ खासा अधिक है। इस बोझ को कम करने और देश में तंबाकू के चलन पर अंकुश के लिए भारत सरकार ने कोटपा कानून लागू किया है। इसके तहत तंबाकू और तंबाकू से बने पदार्थों के किसी भी तरह के विज्ञापन पर रोक है। यही कानून अब ओटीटी पर भी लागू हो गया है।

कोटपा कानून के उल्लंघन पर 5 साल तक की जेल और/या 5000 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। इसे लागू करने की जिम्मेदारी फिल्म या विज्ञापन का प्रसारण करने वाले सिनेमाघरों और टीवी चैनलों की होती है। ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के मामले में यह जिम्मेदारी सीधा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की बनेगी। 

कानूनी मामलों के जानकार और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विराग गुप्ता अब भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। गुप्ता  कहते हैं, "कोटपा कानून देश में 2003 से है, इसके नियम भी 2004 में तैयार हो गए थे। इसके बावजूद ओटीटी प्लेटफॉर्म धड़ल्ले से इसका मखौल उड़ाते रहे। अब जाकर सरकार ने सही कदम उठाया है। ये देरी से उठाया गया दुरुस्त कदम है। हालांकि, सजा को लेकर अब भी कड़े प्रावधान नहीं है। नियम में कहा गया है कि उल्लंघन करने पर अंतरमंत्रालयीन समिति सुओ मोटो या शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेगी और कंटेंट में बदलाव करने का निर्देश देगी। ओटीटी प्लेटफॉर्म इसे कितनी गंभीरता से लेंगे ये देखने वाली बात होगी।"