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    'हम भारतीय हैं, चीनी नहीं', एंजेल चकमा की हत्या पर गौरव गोगोई ने खड़े किए ये सवाल 

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 11:28 PM (IST)

    कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या की निंदा की। उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव पर च ...और पढ़ें

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    कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने उठाए सवाल। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सोमवार को देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की बेरहमी से हत्या की निंदा की और भारत के नॉर्थ-ईस्ट क्षेत्र के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर अपनी बात रखी।

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    गोगोई ने कहा, "एंजल चकमा गालियां सुनकर चुपचाप जा सकता था और शायद वह आज जिंदा होता। लेकिन उस दिन उसका सब्र टूट गया और उसने उन लोगों का सामना किया जो उसे ताना मार रहे थे। माफी मांगने के बजाय, पांच लोगों ने पीछे से उस पर हमला कर दिया। उसने 14 दिन तक लड़ाई लड़ी लेकिन आखिरकार चोटों की वजह से उसकी मौत हो गई।"

    'छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद की गई कार्रवाई'

    गोगोई ने आगे कहा कि एंजेल के परिवार वालों ने बताया कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की और छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद ही कार्रवाई की गई, तब तक मुख्य आरोपी पहले ही भाग चुका था।

    उन्होंने कहा, "छात्र के परिवार वालों ने कहा कि पुलिस ने उतनी तेजी नहीं दिखाई जितनी दिखानी चाहिए थी, लेकिन जब छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया तो आखिरकार कार्रवाई की गई, लेकिन तब तक मुख्य आरोपी पहले ही भाग चुका था।"

    गोगोई ने इस बात पर भी चिंता जताई कि क्या ऐसी ही घटनाएं दूसरी जगहों पर भी हो रही हैं और पूछा, "अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसा दूसरी जगहों पर भी हो रहा है, जहां नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है?"

    उन्होंने आगे कहा, "पूर्वोत्तर के लोग भारतीय हैं, चीनी नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि त्रिपुरा के एक युवक को 9 दिसंबर को देहरादून में बाजार से लौटते समय ये शब्द कहने पड़े।"

    'आगरा में मेरे साथ भी ऐसा हो चुका है'

    उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा, "मेरे साथ भी ऐसा हुआ था। जब मैं एक बार आगरा गया तो एक गार्ड ने मुझसे पूछा कि आप कहां से हैं? अपना पासपोर्ट दिखाइए। हम नॉर्थ-ईस्ट के लोगों से अपने ही देश में, अपने ही लोग पासपोर्ट मांगते हैं। अपने देश का झंडा गर्व से लेकर चलने के बाद, अपने ही देशवासी से ऐसी बातें सुनना बहुत हिम्मत का काम है। यह हमारी सहनशीलता और देशभक्ति दोनों का प्रतीक है।"

    क्या है मामला?

    देहरादून में 9 दिसंबर को एमबीए स्टूडेंट एंजेल चकमा पर कुछ लोगों ने चाकू और दूसरे धारदार हथियारों से हमला किया था और बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना के सिलसिले में पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से दो आरोपी नाबालिग हैं और उन्हें जुवेनाइल रिफॉर्म होम भेज दिया गया है।

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