आतंकियों के बैरक से 'दीपावली पर आ रहे घर' के मिले पर्चे
भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी आतंकियों के फरार होने के बाद जेल के अंदर चल रहे सर्चिग ऑपरेशन में आतंकियों के बैरक से कई पर्चे व एक रजिस्टर मिला है। हिंदी, ऊर्दू के पर्चो पर लिखा है कि
नई दुनिया, भोपाल : भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी आतंकियों के फरार होने के बाद जेल के अंदर चल रहे सर्चिग ऑपरेशन में आतंकियों के बैरक से कई पर्चे व एक रजिस्टर मिला है। हिंदी, ऊर्दू के पर्चो पर लिखा है कि दीपावली पर आ रहे हैं घर। इसके अलावा कुछ पर्चो पर नक्शे भी बने हैं।
फिलहाल पर्चो की जांच चल रही है कि जो नक्शा उसमें बनाया गया है, वह कहीं आतंकियों के उस ठिकाने का तो नहीं जहां वे एनकाउंटर के दौरान छिपे थे। इस पर्चे और नक्शे के बाद इस आशंका को भी बल मिल गया कि आतंकी भागने की प्लानिंग लंबे समय से कर रहे थे।
बैरक से सूखा गोश्त भी बरामद हुआ है। जेल प्रबंधन ये भी पता कर रहा है कि सूखा गोश्त अंदर कैसे पहुंचाया गया।
नए जेल गार्ड से पूछते थे ट्रेनिंग में क्या-क्या सीखे
भर्ती हुए नए जेल गार्ड से आतंकी उनकी ट्रेनिंग के बारे में भी जानकारी लेते थे। वे उनसे यह जानने की कोशिश करते थे कि वे कितनी तेज दौड़ सकते हैं। एक बार में कितने लोगों को पकड़े रख सकते हैं। मालूम हो कि भोपाल सेंट्रल जेल में 70 नए प्रहरियों की भर्ती पिछले दिनों हुई है।
लापरवाही के वो 45 मिनट
रविवार रात सेंट्रल जेल में सुरक्षा व्यवस्था किस कदर ताक पर रख दी गई थी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिमी आतंकियों के एक जेल प्रहरी को किडनैप करने तो दूसरे की हत्या कर फरार हो जाने के 45 मिनट बाद जेल प्रशासन को पूरे घटनाक्रम का पता चला।
यदि समय रहते जेल प्रबंधन सतर्क हो जाता, तो जेल प्रहरी रमाशंकर यादव को जान नहीं गंवानी पड़ती और न ही आतंकी जेल से बाहर निकलने में सफल हो पाते। ये खुलासा हुआ उस रात जेल प्रहरी चंदन सिंह के बयान से हुआ जो उसने गांधी नगर पुलिस थाने में दिए।
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