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    जस्टिस चेलमेश्वर के विवाद को जल्द सुलझाएंगे सीजेआइ ठाकुर

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sun, 04 Sep 2016 05:01 AM (IST)

    सीजेआइ जस्टिस टीएस ठाकुर ने उम्मीद जताई कि जस्टिस जे.चेलमेश्वर के कोलेजियम की बैठक में भाग न लेने से उठे विवाद का हल निकाल लिया जाएगा। ...और पढ़ें

    नई दिल्ली (प्रेट्र)। भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने उम्मीद जताई कि जस्टिस जे.चेलमेश्वर के कोलेजियम की बैठक में भाग न लेने से उठे विवाद का हल निकाल लिया जाएगा।कोलेजियम की कार्यप्रणाली को लेकर उसके अंदर से ही उठे ताजा विवाद के बारे में पूछे जाने पर शनिवार को मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने बताया कि इस विवाद का जल्द हल निकाला जाएगा। उन्होंने इस विषय पर और बात नहीं की।

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    उल्लेखनीय है कि पांच सदस्यीय कोलेजियम में पांचवें सबसे आला न्यायाधीश जस्टिस चेलमेश्वर ने विगत गुरुवार को कोलेजियम की आहूत बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया था। कोलेजियम के अध्यक्ष सीजेआइ जस्टिस टीएस ठाकुर के अलावा अन्य सदस्य जस्टिस एआर दवे, जेएस खेहर और दीपक मिश्रा हैं। नाराज जस्टिस चेलमेश्वर ने कई आधार पर कोलेजियम की बैठक का हिस्सा बनने से मना किया था। इसके साथ ही उन्होंने सीजेआइ जस्टिस टीएस ठाकुर को पत्र लिखकर कहा था कि कोलेजियम के काम करने का तरीका रूढि़वादी और अपारदर्शी है। इसके बाद कोलेजियम की बैठक को स्थगित कर दिया गया था।

    कोलेजियम की बैठक से दूर रहे जस्टिस चेलमेश्वर

    अदालतों में जजों की कमी : जस्टिस ठाकुर

    नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कनवोकेशन में आए सीजेआइ टीएस ठाकुर ने कानून के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सुनवाई और अपीली अदालतों में जजों की कमी है। सभी स्तरों पर शीघ्र सुनवाई के मूलभूत अधिकारों को पूरा नहीं किया जा पा रहा है क्योंकि पर्याप्त संख्या में जज नहीं हैं। इस संकट का हल होना चाहिए। उन्होंने युवा वकीलों का आह्वान करके कहा कि वह आज की दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। संवैधानिक मूल्यों का हिस्सा बनके वह मौजूदा हालात को बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके विचार से अतिरिक्त रिक्तियां बनाकर और विशेष रूप से नियुक्तियां करके आधारभूत ढांचे में सुधार हो सकता है। यह इस वक्त की मांग है।

    कानून की शिक्षा में सुधार की जरूरत : जस्टिस चेलमेश्वर

    वहीं, आठवें लॉ टीचर्स डे समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने एक अलग कार्यक्रम में कहा कि कानूनी वातावरण में बड़े बदलावों को देखते हुए कानूनी शिक्षा को भी उसी के अनुरूप ढालने की जरूरत है। कानूनी सेवाओं में व्यापार विषय पर उन्होंने कहा कि हमारा समय परंपरागत था लेकिन अब सूचना तकनीकी कानूनों, साइबर लॉ, बायोटेकनोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिंग,अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैश्विक मानकों आदि को जानने की आवश्यकता है। इसलिए कानून की शिक्षा में सुधार की जरूरत है।

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