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    'इस 4 लाख का क्या करेंगे, जब...', जहरीले कफ सिरप से 14 बच्चों की मौत के बाद परिवार के नहीं थम रहे आंसू

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 01:00 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत हो गई जिससे पूरे देश में शोक की लहर है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है लेकिन कई परिजनों का कहना है कि बच्चों की जान के आगे यह मुआवजा कुछ भी नहीं है।

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    मध्य प्रदेश कोल्ड्रिफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन के बाद 14 मासूमों की जान चली गई। इस घटना ने न केवल एमपी बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है। राज्य की मोहन सरकार ने मृतक बच्चों के अभिभावकों को 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद का एलान किया है।

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    इस बीच छिंदवाड़ा के परासिया के रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि ये मुआवजा उन परिवारों के लिए कोई मायनें नहीं रखती है, जिनके घर के नौनिहाल अब इस दुनिया में नहीं है। परिजनों का कहना है कि इस सरकारी मदद का क्या फायदा, जब आप अपने बच्चे के लिए अपना सब कुछ बेच चुके हों।

    सीएम मोहन यादव ने किया मुआवजे का एलान

    जानकारी दें कि हाल के दिनों में छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कप सिरप के सेवन से जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना है। राज्य के सीएम मोहन यादव ने इसकी घोषणा की है। वहीं, उन्होंने कहा कि जो बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं, उनके इलाज का खर्च भी राज्य सरकार ही वहन करेगी।

    बच्चे को बचाने के लिए ऑटो बेच दिया फिर भी...

    एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, परासिया के रहने वाले 30 साल के ऑटो चालक यासीन खान ने कहा कि वह कई दिनों से सोए नहीं हैं। उनका तीन साल का बेटा उसैद ही उनकी दुनिया था, जो अब इस दुनिया में नहीं है। 31 अगस्त को उसैद को हल्का बुखार और खांसी हुई। परिवार उसे डॉ. अमन सिद्दीकी के पास ले गया, उन्होंने कोल्ड्रिफ सिरप निर्धारित किया। इसी कफ सिरप के सेवन के बाद उनके बच्चे की तबीय और बिगड़ी।

    तबीयत बिगड़ने पर उस्तैद को अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसकी किडनी में परेशानी बताई गई, बाद में उपचार के लिए उसैद को डायलिसिस पर रखा गया। उसके पिता ने अस्पताल का बिल चुकाने के लिए अपना ऑटो-रिक्शा बेच दिया। उसैद के उपचार में 4 लाख से अधिक रुपये खर्च किए। यासीन का कहना है कि वह सोचते थे, कि अगर बच्चे को बचा लिया, तो नया ऑटो रिक्शा खरीद लूंगा।

    गौरतलब है कि यह कहानी केवल यासीन की नहीं, बल्कि कई ऐसे माता-पिता है, जिन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगा कर अपने बच्चे का उपचार कराया, लेकिन वह अपने लाल को नहीं बचा सके।

    राज्य सरकार ने कड़े एक्शन

    राज्य की मोहन सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में ताबड़तोड़ एक्शन लिए हैं। सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। वहीं, छिंदवाड़ा के परासिया में इस दवा का सुझाव देने वाले चिकित्सक प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। राज्य में कोल्ड्रिफ की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। 

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