Chinese Manjha: चीनी मांझा बना बेजुबान पक्षियों के लिए काल, दिल्ली सरकार ने लोगों से की यह खास अपील
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लोगों से चीनी मांझे का उपयोग न करने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर कोई भी इसका उपयोग करता या बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सभी संबंधित विभागों को चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
नई दिल्ली, एएनआई। दिल्ली (Delhi) में स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day Celebration) के दौरान पतंग उड़ाना एक लोकप्रिय परंपरा है। हालांकि, यह बेजुबान पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। पतंग उड़ाने में इस्तेमाल की जाने वाली चीनी धातु-लेपित मांझा (डोर) का उपयोग पतंग उड़ाने वालों और पक्षियों, दोनों को जोखिम में डालता है।
मांझे से घायल पक्षियों की संख्या बढ़ी
दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में एक पक्षी अस्पताल के एक डॉक्टर हरअवतार सिंह ने बताया कि इस समय मांझे से पक्षियों के घायल होने के मामलों में इजाफा हुआ है। वे कहते हैं,
मैं पिछले चार वर्षों से इस पक्षी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। हमें घायल पक्षियों से लेकर बीमारियों से पीड़ित सभी प्रकार के पक्षियों का इलाज करना पड़ता है। अभी, मांझे से पक्षियों के घायल होने के मामले सामने आ रहे हैं। कई बार मांझे की वजह से पक्षियों की हड्डियां भी टूट जाती हैं। चूंकि 15 अगस्त करीब आ रहा है, इसलिए ऐसे मामले और बढ़ जाएंगे।
लोगों और पर्यावरण के लिए खतरनाक है चीनी मांझा
पतंग विक्रेता अनिल कुमार जयसवाल के अनुसार, चीनी मांझा लोगों और पर्यावरण के लिए खतरनाक है और इसके बजाय, वह पतंग के लिए सूती धागे का उपयोग करने का सुझाव देते हैं। उन्होंने कहा,
चीनी मांझा पर्यावरण के लिए हानिकारक है। यह इंसानों के लिए भी खतरा है। यही कारण है कि हम इसे बेचना नहीं चाहते। एसोसिएशन ने हमें इसका इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूती धागे का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
मंत्री गोपाल राय ने दी चेतावनी
इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लोगों से चीनी मांझे का उपयोग न करने की अपील की और चेतावनी दी कि जो कोई भी इसका उपयोग करता या बेचता पाया गया, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सभी संबंधित विभागों को चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
सभी विभागों को जारी की गई सलाह
मंत्री ने बताया कि चीनी मांझा के उपयोग पर प्रतिबंध के संबंध में पर्यावरण विभाग की ओर से सभी संबंधित विभागों को एक सलाह जारी की गई है। चीनी मांझे के उपयोग के संबंध में एक विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली में सभी प्रकार के चीनी मांझे के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए मंत्री गोपाल राय ने कहा,
15 अगस्त के आसपास दिल्लीवासियों के बीच पतंगबाजी अधिक लोकप्रिय हो जाती है, लेकिन इस दौरान हर साल चीनी मांझे से होने वाली दुर्घटनाओं की खबरें भी सामने आती हैं। 10 जनवरी, 2017 से राजधानी दिल्ली में चीनी मांझे के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसके बावजूद, कुछ पतंगबाज हर साल 15 अगस्त को इसका इस्तेमाल करते हैं और परिणामस्वरूप, बहुत सारे जानवर और पक्षी मांझे में फंस जाते हैं। इसके अलावा, यह सड़क पार करने वालों के लिए खतरा पैदा करता है।
सभी के लिए हानिकारक है चीनी मांझा
गोपाल राय ने कहा कि चीनी मांझा सूती कपड़े के बजाय रसायनों से बना है। यह हमारे पर्यावरण के साथ-साथ जानवरों, पक्षियों और मनुष्यों दोनों के लिए बेहद हानिकारक है। पर्यावरण विभाग द्वारा सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। इन विभागों में दिल्ली पुलिस, राजस्व, एमसीडी, परिवहन विभाग, डीएमआरसी, इको-क्लब स्कूल और कॉलेज शामिल हैं। सभी संबंधित विभागों को प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
चीनी मांझा का उपयोग करना अवैध
गोपाल राय ने यह भी टिप्पणी की कि चीनी मांझा इंसानों, जानवरों और पक्षियों को मार सकता है और इसका उपयोग अवैध है। उन्होंने कहा,
चीनी मांझा का उपयोग करने पर पांच साल की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना संभव है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हमारी सरकार ने 2017 में देश की राजधानी दिल्ली में चीनी मांझे के उपयोग और बिक्री को गैरकानूनी घोषित कर दिया था, लेकिन इसके निरंतर उपयोग की खबरें अभी भी नियमित रूप से सामने आती रहती हैं।
इसलिए लोगों से अपील है कि वे इसका उपयोग न करें, और यदि कोई इसका उपयोग करता या बेचता हुआ पाया जाता है, तो इसकी जानकारी संबंधित विभागों को दें, ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ सभी धाराएं जोड़ते हुए सख्त से सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जा सके।
चीनी मांझे की ऑनलाइन ब्रिकी के रैकैट का हुआ भंडाफोड़
29 जुलाई को, अपराध शाखा की एक टीम ने प्रतिबंधित चीनी मांझे की ऑनलाइन बिक्री के एक रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया और 201 रोल मांझा जब्त किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अली हसन, हर्ष वर्धन खत्री और रितिक कुमार चौरसिया के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में नायलॉन आधारित प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की अवैध खरीद-फरोख्त की सूचना मिली थी।
यह कार्रवाई हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को देखते हुए की गई है, जिसमें प्रतिबंधित 'चीनी मांझा' के उपयोग के कारण लोगों, जानवरों और पक्षियों की जान चली गई। क्राइम ब्रांच को दिल्ली में घातक 'चीनी मांझा' की बिक्री और डीलरों पर कड़ी नजर रखने का काम सौंपा गया था।
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