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    चीन वाटर बम की तरह कर सकता है सबसे बड़े डैम का इस्तेमाल, मच जाएगी तबाही; अरुणाचल के CM ने उठाए सवाल

    चीन दुनिया का सबसे बड़ा बांध तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाएगा। मगर भारत के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद चिंताजनक है। असम और अरुणाचल प्रदेश के सीएम ने चीन के इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय चीन से इस मुद्दे पर बातचीत कर रहा है। अरुणाचल प्रदेश के सीएम का मानना है कि चीन इस प्रोजेक्ट से नदियों को नियंत्रित कर सकता है।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 24 Jan 2025 11:34 PM (IST)
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    अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू। ( फाइल फोटो )

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन पूर्वी तिब्बत में दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है। भारत चीन की इस परियोजना पर चिंता भी व्यक्त कर चुका है। वहीं दुनियाभर में चीन के इस प्रोजेक्ट पर सवाल भी उठने लगे हैं।

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    चीन इस बांध की मदद से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की अर्थव्यस्था को नियंत्रिण करने की कोशिश में है। पूर्वोत्तर में बाढ़ और सूखा चीन के हाथ में होगा। पूर्वोत्तर के दो बड़े राज्यों के मुख्यमंत्री भी चीन की परियोजना पर सवाल उठा चुके हैं।

    वाटर बम की तरह इस्तेमाल कर सकता है चीन

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा था कि चीन के इस बांध से ब्रह्मपुत्र नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचेगा। नदी के पानी में भी कमी आएगी और सूखा जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चीन की बांध परियोजना पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने चेताया कि चीन इसका इस्तेमाल "वाटर बम" के तौर पर कर सकता है।

    ब्रह्मपुत्र पर बांध बना रहा चीन

    अरुणाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में शुक्रवार को 'पर्यावरण और सुरक्षा' नामक एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसके उद्घाटन समारोह में सीएम पेमा खांडू पहुंचे। उन्होंने वाटर बम वाला बयान इसी सेमिनार में दिया।

    चीन यारलुंग त्सांगपो नदी पर जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रहा है। अरुणाचल प्रदेश में इस नदी को सियांग नाम से जाना जाता है। असम में इसे ब्रह्मपुत्र कहा जाता है। चीन के इस बांध से 60,000 मेगावाट बिजली पैदा होगी।

    लाखों लोगों को गंवानी पड़ेगी जान

    पत्रकारों से बातचीत में सीएम पेमा खांडू ने कहा कि अगर चीन इतनी बड़ी परियोजना बना रहा है तो इसका सियांग और ब्रह्मपुत्र नदी के आसपास के इलाकों की पारिस्थितिकी पर बड़ा असर होगा। यह एक बड़ा खतरा है।

    अगर चीन ने इसे वाटर बम के तौर पर इस्तेमाल किया तो सियांग बेल्ट में रहने वाली आदि जनजाति गायब हो जाएगी। असम में लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी। इसका असर बांग्लादेश तक होगा।

    चीन पर भरोसा नहीं कर सकते

    पेमा खांडू ने कहा कि इस मामले में मैं सभी हितधारकों से बात कर रहा हूं ताकि चीन के वाटर बम के खिलाफ हम अपनी जल सुरक्षा को बनाए रखें। हम शांति और अहिंसा को बढ़ावा देते हैं और अच्छे संबंध चाहते हैं। मगर इतिहास को देखते हुए बड़ा सवाल यह है कि क्या हम चीन पर भरोसा कर सकते हैं?

    पानी को नियंत्रण करेगा चीन

    सीएम ने कहा कि विदेश मंत्रालय कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीन के साथ बांध के मुद्दे पर चर्चा कर रहा है। मगर तैयार रहना अहम है। उन्होंने कहा कि चीन बांध के माध्यम से पानी की मात्रा और टाइमिंग को नियंत्रि कर सकता है।

    सर्दियों में सियांग और ब्रह्मपुत्र नदियां सूख सकती है। इसका दोनों नदियों के मैदानी इलाके में रहने वाले लोगों पर पड़ेगा। वहीं अचानक पानी छोड़े जाने की वजह से विस्थापन, फसलों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंच सकता है।

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